रायपुर। राज्य शासन द्वारा वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए वनोपज को रोजगार जरिया बनाने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। वनांचल के गांववासियों को रोजगार देने के लिए नारायणपुर जिले के छोटेडोंगर में आज वन धन विकास केन्द्र का शुभारंभ किया गया। कोरोना संकट के समय वन धन विकास केन्द्र के प्रारंभ होने से क्षेत्र के 25 महिला स्व सहायत समूह की 250 महिलाओं को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध होगा। इस केंद्र में इमली, महुआ, फूल झाड़ू, हर्रा तथा चिंरोजी आदि को साफ कर प्रसंस्करण का कार्य किया जायेगा। इस वन धन विकास केंद्र की बुनियादी ढांचे तथा भवन के निर्माण के लिए 45 लाख रुपए मंजूर किए थे। लॉकडाउन के दौरान जिले के 140 महिला स्व सहायता समूहों की हजारों महिलाओं के माध्यम से वनोपज संग्राहकों के घरों में जाकर वनोपज की खरीदी की गयी। खरीदी के समय ही वनोपज का नकद भुगतान संग्राहकों को किया गया। जिले में अब तक 12169 क्विंटल वनोपज की खरीदी की गयी है। जिसके एवज में संग्राहकों को 3 करोड़ 73 लाख रूपये का भुगतान किया गया है। कलेक्टर पी एस एल्मा ने वन धन विकास केन्द्र को वनांचल में रहने वाले जनजातीयों के लिए आजीविका का प्रमुख स्त्रोत बताया। वन क्षेत्र निवासी भोजन, आवास, औषधि एवं नकदी आय के लिए वनोपज पर भी निर्भर करते हैं। वनोपज का ज्यादातर संग्रहण, उपयोग एवं बिक्री महिलाओं द्वारा की जाती है। कलेक्टर ने महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं से कहा कि वन धन विकास केंद्र समूह की महिलाओं के लिए बनाया गया है। उन्होंने महिलाओं को आर्थिक आय बढ़ाने केंद्र में आकर वनोपज प्रसंस्करण का कार्य करने का आव्हान् किया। वनोपज खरीदी के लिए महिला स्व सहायता समूहों को जिम्मेदारी दी गयी है। खरीदी के लिए वन विभाग द्वारा आर्थिक एवं अन्य सहायता प्रदान की जाती है। खरीदी के पश्चात वन धन विकास केन्द्र में ग्रामीण आदिवासी महिलाओं से वनोपजों का प्रसंस्करण का कार्य कराया जायेगा। जिसमें क्षेत्र की लगभग 250 महिलाओं को रोजगार प्राप्त होगा।