भिलाई 26 जुलाई 2025। भिलाई इस्पात संयंत्र ट्रेड यूनियन सीटू की टीम ने रेल मिल के मुख्य महाप्रबंधक से मुलाक़ात ज्ञापन सौंपा है। यूनियन ने रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल के इलेक्ट्रिकल विभाग के महाप्रबंधक ने दिन पर दिन कम हो रही मेन पावर को देखते हुए अपने इलेक्ट्रिकल अनुभाग के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। रेल मिल मे मैकेनिकल एंव आपरेशन मे वर्षों से कार्यरत ऐसे कर्मी, जिन्होंने इलेक्ट्रिकल मे आई टी आई या डिप्लोमा किया हो उन्हें रेल मिल के इलेक्ट्रिकल विभाग को सौंप जाने की बात कही गई है। यह योजना सुनने मे तो अच्छी लग सकती है लेकिन यह कंही से भी तर्क संगत और न्यायसंगत नही है, क्योंकि इस के लागू करने से मेन पावर की कमी तो दुर नही होगी बल्कि दक्ष लोगो की आपरेशन एवं मैकेनिकल अनुभाग मे कमी हो जाएगी ।ज्ञात हो कि एक समय मे जब एक शिफ्ट में 300 ब्लूम की रोलिंग हुआ करती थी उस समय से लेकर आज तक आपरेशन, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल एंव ल्यूब्रिकेशन ये चार पहिये है जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर रेल मिल के उत्पादन मे भरपूर योगदान दिया है । सीटू नेताओं ने कहा कि प्रबंधन ने रखा बार इस तरह की प्रक्रिया को अपनाया तो आने वाले दिनों में अगर मैकेनिकल के कोई महाप्रबंधक कहेगें की जितने फिटर, टर्नर, वेल्डर एवं मशिनिस्ट है उन्हें मैकेनिकल अनुभाग को सौंप दिया जाए तो फिर आपरेशन मे कौन से ट्रेड और ब्रांच के कर्मी बच पायेंगे। आपरेशन मे तो सामान्यतः शुरू से ही फिटर, इलेक्ट्रिशन, टर्नर, वेल्डर सहित सभी ट्रेड के कर्मी कार्यरत हैं क्योंकि इन्ही ट्रेड या ब्रांच मे पढ़ाई किए हुए लोगो की संयंत्र मे भर्ती होती है । अगर ऐसा ही इलेक्ट्रिकल की पढ़ाई किए हुए इलेक्ट्रिकल अनुभाग मे और मैकेनिकल की पढ़ाई किए हुए मैकेनिकल अनुभाग मे चले जाते है तो फिर आपरेशन के लिए कोई बचेगा ही नही, इसी बात को संज्ञान मे लेते हुए संयंत्र के सभी विभागों मे अभी तक भर्ती होती रही है । मेन पावर की कमी को पुरा करने के लिए भेदभाव पूर्ण तरीका ना अपनाया जाना चाहिए, क्योंकि आज रेल मिल के सभी अनुभाग मेन पावर की कमी से जूझ रहे हैं और पी आर डब्ल्यू के सहारे चल रहे हैं । अगर आज आपरेशन से कर्मी ले जायेगे तो वंहा पी आर डब्ल्यू देना होगा जो की बिल्कुल भी दक्ष नही होंगे। रेल मिल मे आपरेशन मे मूलतः क्रेन आपरेटर्स, पुलपिट आपरेटर्स, रि हिटर्स आदि आते है जिनका दक्ष होना सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद जरूरी है । प्रबंधन हमेशा इस बात को कहता है कि मैनपॉवर घटाने के लिए मंत्रालय का दबाव है किन्तु हमे यह बात अच्छे से समझना होगा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकांश विभाग पुराने एवं मेनुवाल फंक्शन वाले है जहा मेन पावर कम करना सुरक्षा के दृष्टि से ठीक नहीं है ऐसे मे मेन पावर ना मिलने से कैसे भी मिल चलाने के लिए इस तरह के प्रस्ताव आते है जो सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए इस बेतुके होते है जिन्हे तत्काल प्रभाव से ख़ारिज कर देना चाहिए और मेन पावर की कमी को देखते हुए रेल मिल स्तर पर कार्य योजना तैयार किया जाना चाहिए जिसका यूनियन भी पूरा सहयोग करेगी । सीटू प्रतिनिधि मण्डल मे के के देशमुख रमेश दास खड़ग डी व्ही एस रेड्डी शामिल थे।
मेन पावर कम कर महाप्रबंधक भिलाई इस्पात संयंत्र को डुबो में लगे हैं,,,,, सभी को मिलजुल कर लड़नी होगी लड़ाई : सीटू
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