भिलाई। 15 जुलाई, 2025, (सीजी संदेश) : निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग भिलाई इस्पात संयंत्र के द्वारा जवाहर लाल नेहरू अस्पताल भिलाई सेक्टर 9 की टीम भिलाई सहित दुर्ग जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर रही है, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज दानी के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा उनके सहयोगी के मरीजों उपचार कर लोगों को लाभ पहुंचा रहे हैं। विकास खंड पाटन के शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम चरोदा भिलाई 3 के हेल्थ एंड वेलेंस सेंटर देव बलोदा में डॉ. ए एल बेंजामिन, फार्मासिस्ट सोशान जेकब, नर्सिंग सिस्टर प्रभा सेमवाल शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम चरोदा भिलाई 3 बी ई ईटीओ सैय्यद असलम, सीनियर कंसल्टेंट एल एच व्ही श्रीमती आर विश्वास देव बलोदा ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजिका कु. देवीला चंद्राकर ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक कुमेश साहू रजिस्ट्रेशन में मंसूर अली ने स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान किया बी ईटीओ सैय्यद असलम ने बताया कि कुल 96 लोगों का पंजीकरण किया गया उच्च रक्तचाप और डायबिटीज टाइप 2 ओर नवजात शिशुओं की विशेष स्क्रीनिंग किया गया जिसमें 6 मरीज उच्च रक्तचाप और 10 मरीज टाइट 2 डाइबिटीज के मरीज मिले हैं। वहीं नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग में माताओं को बच्चों को स्तनपान के बाद बच्चों को डकार दिलाने की विधि बताई गई डॉ. ए एल बेंजामिन ने बताया कि बच्चों में चर्मरोग और बुखार सर्दी-जुकाम वायरल फीवर सीजनल रोग मिला है, जिसके लिए दवा देकर साफ सफाई और ताजा भोजन करने, स्वाद अनुसार व्यंजन बनाकर बच्चों को देने बताया गया, ताकि बच्चों को बाहरी बिकने वाली चीजें से बचाए जा सके। उन्होंने माताओं को बताया कि सूजी के अलग-अलग व्यंजन में हलवा, उपमा, खीर बनाकर अलग-अलग दिन दे जिससे बच्चों में खान पान के प्रति रूचि बनी रहे उसी तरह अन्य साग सब्जी और बेसन को अलग-अलग स्वरूप में बनाकर देने से बच्चों में रूचि रहेगी। बीईटीओ सैय्यद असलम ने बताया कि महिला और पुरूषों रोग में कमर दर्द, कमजोरी, एनीमिया कामन रूप से मिले हैं। जिसका प्रमुख कारण कुपोषण, अच्छा पोष्टिक आहार की कमी है।चर्मरोग प्रति वर्षा ऋतु में नमी और गीला पन से बचाव जरूरी है कपड़े सूखने पर प्रेस करके पहने जिससे फंगल इंफेक्शन से बचाव हो सकता है। इस समय फंगल इंफेक्शन व्यापक रूप ले रहा है तालाब के पानी में नहाने से बचना चाहिए। डॉ. बेंजमिन ने कहा स्वच्छता को हर स्तर पर अपनाएं ताजा भोजन करें, प्रति दिन स्नान करे बच्चों में व्यवहारिक स्वच्छता जरूर सीखना चाहिए।



