भिलाई 16 मई 2025। विगत 6 वर्षों से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी निवासी पति पत्नी को भिलाई पुलिस ने धर दबोचा है। महिला शाहीदा खातून उर्फ ज्योति एवं मोह० रासेल शेख भिलाई में नाम बदलकर अन्य कार्यों में लिप्त थी। अवैध अप्रवासियों पर कार्यवाही हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कार्यवाही की हैं । आज पत्र वार्ता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध रूप से भारत बांग्लादेश सीमा से प्रवेश कर अपनी पहचान छिपाते हुए सुपेला में नाम बदल कर पति पत्नी रह रहे थे।ज्योति एवं रासेल शेख के नाम से फर्जी दस्तावेज एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पहचान छिपाकर रहते पाये गये है। फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र एवं बैंक पासबुक इत्यादि बनाकर दुरूपयोग किया गया है। लगातार घुसपैठियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। यह दोनों नेट कॉल एवं वाट्सएप के माध्यम से बांग्लादेश स्थित परिजनो से संपर्क में रहते थे। महिला एवं उसके पति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 विदेशी नागरिक विषयक अधिनियम 1946 एवं भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1967 एवं पासपोर्ट (भारत मे प्रवेश) अधिनियम 1920 के तहत कार्यवाही की गई हैं। एसएसपी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे, बांग्लादेशी / रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर, उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं उन्हें वापस भेजे जाने की कार्यवाही हेतु दुर्ग जिला में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है। जिनके व्दारा लगातार दुर्ग में अवैध रूप रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हेतु कार्यवाही की जा रही है।अवैध घुसपैठियों की 16 मई को जानकारी प्राप्त हुई कि पांच रास्ता कांट्रेक्टर कालोनी सुपेला मे स्थित एक मकान में एक संदिग्ध बांग्लादेशी महिला एवं उसके पति अपना मूल पहचान छुपाते हुए ज्योति एवं रासेल शेख के नाम से रह रहे है।एसटीएफ टीम के व्दारा दुर्गा बाई के मकान में रह रही महिला एवं उसके पति से पूछताछ करने पर उनके द्वारा अपना नाम ज्योति एवं रासेल शेख मूल निवासी ग्राम मोमिनपुर थाना स्वरूपनगर जिला उत्तर-24 परगना पश्चिम बंगाल का होना बताये एवं विगत वर्ष 2009 से 2017 तक नवी मुंबई ठाणे में रहना पश्चात शादी पार्टी में कार्य करने हेतु वर्ष 2017 से लगातार भिलाई में रहना बताये एवं पहचान हेतु महिला द्वारा ज्योति रासेल शेख एवं पुरुष द्वारा रासेल शेख आधारस्तुत किती पर प्रथम दृष्टया सन्देहास्पद पाया गया। महिला एवं उसके पति से बारीकी से करने पर उसने अपन्नता मूल नास शाहीदा खातुन पिता भी अब्दुल सलाम 35 वर्ष एवं उसके पति द्वारा स्वयं का नाम मोह रासेल शेख पिता मोह० फकीर अली निवासी ग्राम बाला पोस्ट रघुनाथनगर थाना झीकारगाछा जिला जेलर बांग्लादेश के नागरिक है।जांच के दौरान पाया गया कि बांग्लादेशी महिला शाहिदा खातून वर्ष 2009 से भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बोगा बार्डर से अवैध तरीके से नार्थ-24 परगना पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर हावडा होते हुए मुंबई जाकर मजदूरी कार्य के दौरान उसका परिचय बांग्लादेश निवासी मोह रासेल से हुई दोनों मुबई से वापिस बांग्लादेश गये योजनाबद्ध तरीके से महिला शाहीदा खातून ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया तथा मोह० रासेल से शादी कर ली। शादी के पश्चात दोनों वर्ष 2017 में पासपोर्ट एवं भारतीय वीजा पर भारत में प्रवेश किये। महिला ज्योति व रासेल शेख का वीजा अवधि 13 सितंबर 2018 एवं मो रासेल शेख का वीजा अवधि 12 अप्रैल 2020 था। दोनों बांग्लादेशी नागरिकों ने कोपरगांव वासी नवी मुंबई ठाणे में रहते हुए षडयंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर जन्मतिवि एवं असली नाम को छुपाते ज्योति रासेल शेख एवं रासेल शेख के नाम से फर्जी आधार कार्य एवं पैन कार्ड तैयार किये। शादी पार्टी में काम करने मुंबई से भिलाई आकर रहने लगे। इसी दौरान वर्ष 2020 में बगैर विधिक दस्तावेज के भारत में निवासरत होना पाये जाने से ज्योति रासेल शेख उर्फ शाहीदा खातून एवं रासेल शेख के विरुद्ध दुर्ग जिले में विदेशी विषयक अधिनियम, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम एवं भारतीय दण्ड विधान के विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। दोनों ने नवी मुंबई ठाणे में फर्जी रूप से तैयार पैन कार्ड एवं आधार कार्ड में उल्लेखित पते में जानबूझकर परिवर्तन कराते हुए बांग्लादेशी नागरिक के मूल पहचान को छिपाते हुए उसमे कूटरचना कर उसमें अम्बेडकर नगर कांट्रेक्टर कालोनी भिलाई का पता लेख कराया पश्चात उक्त फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भिलाई में फर्जी पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाया। जाँच पर आरोपीगण द्वारा कलकत्ता स्थित मध्यस्थ के माध्यम से पैसा बांग्लादेश भेजना बताया गया। बांग्लादेशी नागरिक शाहीदा खातून उर्फ ज्योति रासेल शेख एवं मोह० रासेल शेख पिता मोह० फकीर अली शेख उम्र 36 वर्ष द्वारा बिना वैध दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में निवासरत होकर बांग्लादेशी नागरिक की मूल पहचान को छिपाते हुए स्वयं को भारतीय नागरिक सिद्ध करने के लिए छलपूर्वक फर्जी पेन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र एवं आधार कार्ड, बैंक संबंधी दस्तावेज इत्यादि कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उनका दुरूपयोग करना अपराध धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) बीएनएस. 14 विदेशी विषयक अधिनियम 1946. 12 पासपोर्ट अधिनियम 1967 एवं 03 पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 का घटित करना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। दोनों आरोपीयों के खिलाफ साक्ष्य मिलने पर कार्यवाही की गई हैं।एसटीएफ प्रभारी नगर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश तिवारी, निरीक्षक राजेश मिश्रा, निरीक्षक विजय यादव थाना प्रभारी सुपेला एवं टीम एसटीएफ के सउनि रमेश सिन्हा, पंकज चतुर्वेदी एवं संतोष गुप्ता ने कार्रवाई को अंजाम दिया है।
पुलिस को मिली बड़ी सफलता: फिर बांग्लादेशी नागरिक पति-पत्नी पकड़ाए ,,,, बांग्लादेश से, था सीधा कनेक्शन, कई वर्षों से रहकर अन्य गतिविधियों में संलिपित

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