हर साल 20 मार्च को दुनिया भर में इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस (अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस) मनाया जाता है। यह दिन जीवन में खुशी और सकारात्मकता के महत्व को उजागर करने के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2012 में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी, और पहली बार इसे 2013 में मनाया गया।
अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा है ‘यदि आप एक खुशहाल जीवन चाहते हैं, तो इसे किसी लक्ष्य से जोड़ें, न कि लोगों या वस्तुओं से।’ – जीवन में चुनौतियाँ अनिश्चित होती हैं, और कभी-कभी परिस्थितियाँ कठिन भी लग सकती हैं। हर मुश्किल हमें धैर्य, आत्मविश्वास और आशा का महत्व सिखाती है। खुश रहना सिर्फ एक भावना नहीं, बल्कि एक आदत है जो हमें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है। इस सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य यह संदेश फैलाना है कि खुश रहना हर इंसान का अधिकार है और एक बेहतर समाज बनाने के लिए को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। तो आईए जानते हैं, इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस के बारे में विस्तार से….
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस के बारे में
हर साल 20 मार्च को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस का आयोजन करता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि खुशी केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक मौलिक मानव अधिकार है, जिसे हमें मनाना चाहिए। इस दिन की खुशहाल गतिविधियाँ आपका मूड जरूर बदल सकती हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने खुशी को जीवन का एक अनिवार्य पहलू माना है और इसका उद्देश्य है कि वैश्विक कल्याण और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जाए, जिससे संतुलित समाज का निर्माण हो। इस दिन का मुख्य मकसद लोगों को यह प्रेरित करना है कि वे अपनी खुशियों को साझा करें, चाहे वह छोटी हो या बड़ी।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस का इतिहास
दुनिया भर में जीवन में खुशी के महत्व को अहमियत देने और खुशियां बनाए रखने के लिए मनाया जाता है। यह 2013 में यूनाइटेड नेशन्स (UN) द्वारा शुरू किया गया था, तब से यह हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस को मनाने के पीछे संयुक्त राष्ट्र उद्देश्य यह संदेश देना था कि खुश रहना हर व्यक्ति का अधिकार है और इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस दिवस की नींव भूटान के एक विशेष विचार से पड़ी थी। भूटान जो अपनी ‘ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस’ (GNH) नीति के लिए जाना जाता है, यह मानता है कि राष्ट्रीय विकास का आकलन केवल आर्थिक विकास से नहीं, बल्कि नागरिकों की खुशी से किया जाना चाहिए। भूटान के इस विचार को 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया गया, और इसके बाद 2012 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक रूप से 20 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस’ घोषित किया था जिसके बाद इसे 2013 से हर साल मनाया जा रहा है।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस थीम 2025
हर साल इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस एक निर्धारित थीम के तहत मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस 2025 की थीम है: ‘Caring and Sharing’। यह थीम इस बात पर जोर देती है कि दीर्घकालिक खुशी एक-दूसरे की देखभाल करने, आपसी संबंधों को मजबूत करने और किसी बड़े उद्देश्य का हिस्सा बनने से आती है।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस का उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में खुशहाली और समग्र कल्याण को बढ़ावा देना है। इस दिवस के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार है:
लोगों के बीच सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है।
खुशी को मानव अधिकार के रूप में पहचान देना है।
संतुलित आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
वैश्विक कल्याण को प्राथमिकता देना है।
परोपकार और आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करना है।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस का महत्व
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि खुशी केवल एक भावना नहीं, बल्कि मानसिक, शारीरिक और सामाजिक भलाई का आधार है। खुश रहने से मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा मिलता है। आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। इस दिन का उद्देश्य लोगों को यह याद दिलाना है कि सकारात्मक सोच, संतुलित जीवनशैली और आपसी सहयोग से मानसिक शांति और खुशी पाई जा सकती है। सच्ची खुशी अकेलेपन में नहीं बल्कि लोगों के बीच प्यार, सहयोग और परस्पर संबंधों में बसती है। यह दिन हमें सिखाता है कि दूसरों के साथ खुशियाँ बाँटने से हमारी अपनी खुशी भी बढ़ती है। यह दिन दुनिया भर के देशों को प्रेरित करता है कि वे केवल आर्थिक लाभ पर ध्यान देने के बजाय सामाजिक और मानसिक कल्याण को भी प्राथमिकता दें। आपस में सकारात्मकता और दयालुता को बढ़ावा देता है।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस क्यों मनाया जाता हैं?
अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस दुनिया भर में खुशहाली और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के कुछ मुख्य कारण यहां दिए गए हैं:
यह दिन यह संदेश देता है कि हम दूसरों की मदद करें और समाज में सकारात्मकता फैलाएँ।
यह दिन लोगों को यह याद दिलाता है कि व्यक्तिगत सुख और सामाजिक भलाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
परंपरागत रूप से, देशों की उन्नति GDP के आधार पर मापी जाती थी, लेकिन भूटान ने दुनिया को यह सिखाया कि ‘ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस’ भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह दिन इस विचार को बढ़ावा देता है कि केवल आर्थिक समृद्धि ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक कल्याण भी आवश्यक है।
यह दिन हम सही को सिखाता है कि सकारात्मक सोच, आपसी सहयोग और मानसिक शांति से जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है।
यह दिन हमें प्यार, करुणा और दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस कैसे मनाते हैं?
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस को मनाने के लिए दुनिया भर में कई गतिविधियाँ और पहल की जाती हैं जो कि निम्न प्रकार से हैं:
इस दिन लोग अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पर जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, उसके लिए धन्यवाद करने और आभार प्रकट करने का कार्य करते हैं।
कई लोग इस कई किसी जरूरतमंद की मदद करने, दान देने, या किसी की ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य करते हैं।
इस दिन पर लोग खुश रहने के लिए अपने जीवन में योग, सुबह की सैर और नए फिटनेस रूटीन को अपनाते हैं।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस पर कई व्यक्ति मज़ेदार मूवी या कॉमेडी शो देखते हैं इसके साथ वे दोस्तों के साथ मज़ेदार पल बिताते हैं।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस से जुड़े तथ्य
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस से जुड़े तथ्य इस प्रकार है:
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस घोषित किया था। इसे पहली बार 2013 में मनाया गया था।
भूटान ने संयुक्त राष्ट्र को प्रस्ताव दिया था कि खुशी को वैश्विक विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू माना जाए।
हर साल अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के लिए एक खास थीम निर्धारित की जाती है यह लोगों को खुशी और सकारात्मकता बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है।
कई अध्ययनों से साबित हुआ है कि खुश रहने वाले लोग अधिक स्वस्थ, सक्रिय और लंबे समय तक जीवित रहते हैं।
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तो हमारा दिमाग डोपामाइन रिलीज करता है, जिससे हम भी अधिक खुश महसूस करते हैं।
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार, फिनलैंड लगातार कई वर्षों से दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना हुआ है।
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस 2025 हमें यह याद दिलाता है कि खुशी सिर्फ एक भावना नहीं है, बल्कि एक ऐसा उद्देश्य है, जिसे हम सभी अपने जीवन में हासिल कर सकते हैं। आइए, इस दिन को मनाकर दुनिया को थोड़ा और खुशहाल बनाएं!