रायपुर 6 मार्च 2025। पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम द्वारा डायल 112 सी-4 सिविल लाईन रायपुर का निरीक्षण किया गया। डायल 112 सी-4 के ऑपरेशन फ्लोर पर भ्रमण के दौरान् पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम को डायल 112 की कार्यप्रणाली के विषय में समझाते हुए अति पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पुलिस-फायर-चिकित्सा संबंधी आकस्मिक जरूरतों के मद्देनज़र जरूरतमंद नागरिकों द्वारा कॉल करके और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम् से डायल 112 से संपर्क किया जाता है। कॉलर द्वारा संपर्क करने पर यह कॉल सी-4 स्थित कॉल टेकर सेक्शन में प्राप्त होती है, जिस पर फ्लोर पर उपस्थित कॉल टेकर के द्वारा कॉलर से आवश्यक पूछताछ कर इवेंट बनाया जाता है जिसे तकनीकी भाषा में सीएफएस (कॉल फॉर सर्विस) कहा जाता है। कॉल टेकर द्वारा बनाये गए सीएफएस को कंप्लीट करते ही यह इवेंट कम्प्यूटर ऐडेड डिस्पेच प्रणाली के माध्यम् से रियल टाईम में संबंधित जिला के डिस्पेचर स्टॉफ के सिस्टम में दिखाई देती है, जो उस घटनास्थल के नजदीक उपलब्ध ईआरव्ही (इमरजेंसी रिस्पाँस व्हीकल) को सिस्टम में खोज कर आवश्यकतानुसार एक या एक से अधिक ईआरव्ही को उस इवेंट को अटैंड करने Assign करता है। इवेंट Assign होते ही ईआरव्ही में लगे एमडीटी (मोबाईल डेटा टर्मिनल) डिवाइस की मदद से तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हो जाता है। इस पूरी प्रक्रिया का सी-4 में मौजूद पुलिस पर्यवेक्षण अधिकारी और संबंधित जिला के डीपीसीआर (डिस्ट्रिक्ट पुलिस कंट्रोल रूम) स्टॉफ द्वारा निगरानी की जाती है। इवेंट समाप्त होने पर ईआरव्ही स्टॉफ द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में एक ब्रीफ नोट लिखा जाता है, जिसे एटीआर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) कहा जाता है। पुलिस अधिकारियों द्वारा समय-समय पर कॉलरों से संपर्क कर फीडबैक लिया जाता है, ताकि सर्विस की गुणवत्ता में आवश्यक सुधार किए जा सकें।इस अवसर पर उप पुलिस महानिरीक्षक योजना एवं प्रबंध/डायल 112 मनीष शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह ,अति. पुलिस अधीक्षक लखन पटले, पुलिस अधीक्षक डायल 112 अविनाश सिंह ठाकुर एवं डायल 112 सी-4 के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम द्वारा डायल 112 का किया गया निरीक्षण ,,,,, कितना कारगर हो रहा है और कैसे काम करता है इसकी जानकारी

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