रायपुर। 21 फरवरी, 2025, (सीजी संदेश) : भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की सचिव श्रीमती दीप्ति गौर मुखर्जी  ने कल यहां मंत्रालय में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना  पीएमआईएस की समीक्षा की। मुख्य सचिव अमिताभ जैन की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक में छत्तीसगढ़ में पीएमआईएस योजना के कार्यान्वयन और प्रभाव का व्यापक मूल्यांकन किया गया। बैठक में भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव बालामुरुगन डी., छत्तीसगढ़ के कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, छत्तीसगढ़ के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज- सह -शासकीय समापक सीताराम शरण गुप्ता, उच्च शिक्षा सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सचिव, श्रम विभाग सचिव, तथा स्कूल शिक्षा के अपर सचिव भी उपस्थित थे।
बैठक में योजना के पहले चरण की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने और इसके दूसरे चरण के सुचारू कार्यान्वयन के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण तैयार करने पर व्यापक चर्चा हुई। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने पीएमआईएस पर राज्य सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए योजना की सफलता सुनिश्चित करने हेतु सक्रिय प्रयास करने का आश्वासन दिया, जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को अधिकतम लाभ मिल सके। बैठक में वर्तमान में पीएमआईएस के अंतर्गत इंटर्नशिप कर रहे प्रशिक्षुओं एनएसई, जीपीआईएल और पावर ग्रिड जैसे प्रमुख औद्योगिक भागीदारों के प्रतिनिधियों के साथ एक संवाद सत्र आयोजित किया गया। इन संगठनों ने सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे अकादमिक ज्ञान और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच की दूरी को प्रभावी रूप से कम किया जा सके।
बैठक के दौरान इंटर्न्स ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि इस कार्यक्रम ने उनके व्यावसायिक कौशल और करियर की संभावनाओं पर कितना सकारात्मक प्रभाव डाला है। सचिव श्रीमती दीप्ति गौर मुखर्जी ने इंटर्न्स के साथ संवाद करते हुए उनसे योजना के दौरान आई चुनौतियों और इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सुझाव मांगे। इस श्रीराम फाइनेंस,  आईसीआईसी बैंक सहित अन्य प्रतिष्ठित कंपनियों के इंटर्न्स ने भी वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया और योजना के प्रति अपने सकारात्मक अनुभव साझा किए। इसके बाद, उद्योग प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उनकी भूमिका, भर्ती प्रक्रिया में दिशा-निर्देशों के पालन, योजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं, और इंटर्न्स को समय पर अनुदान भुगतान सुनिश्चित करने की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। अनुदान के भुगतान में किसी भी संभावित देरी से संबंधित चिंताओं को भी उठाया गया और उनके समाधान हेतु आवश्यक कदम उठाने पर सहमति बनी। बैठक अत्यधिक सकारात्मक माहौल में संपन्न हुई, जिसमें सभी हितधारकों ने छत्तीसगढ़ में पीएमआईएस ढांचे को और मजबूत करने हेतु अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता दोहराई। इस सत्र से प्राप्त सुझाव और चर्चा योजना के दूसरे चरण को और अधिक प्रभावी, संरचित और परिणामोन्मुखी बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।



 
             
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
											 
                                 
                             
 
         
         
         
        