भिलाई। 15 दिसम्बर, 2024, (सीजी संदेश) : दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक दिवसीय अंधश्रद्धा निर्मूलन शिविर पंचशील बुद्ध विहार खुर्सीपार भिलाई मे दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया मुंबई के राष्ट्रीय सचिव व छ.ग. राज्य प्रभारी बीएच गायकवाड़, एसएस वानखेड़े राष्ट्रीय सचिव व केंद्रीय प्रशिक्षण विभाग प्रमुख के मुख्य आतिथ्य, अनिल मेश्राम प्रदेश अध्यक्ष दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया छत्तीसगढ़ राज्य की अध्यक्षता एवं नरेन्द्र खोब्रागड़े प्रदेश महासचिव, एडवोकेट मनोज मून प्रदेश कोषाध्यक्ष, संतोष भीमटे प्रदेश सचिव, बुद्धशरण बोरकर जिला अध्यक्ष व राजू मेश्राम जिला महासचिव तथा भागवत शेंडे अध्यक्ष पंचशील बुद्ध विहार समिति खुर्सीपार के विशेष आतिथ्य मे संपन्न हुआ। इस अवसर पर अनेक बौद्ध उपासक उपासिकाऐ उपस्थित रही।
शिविर के प्रारंभ मे अतिथियो द्वारा तथागत गौतम बुद्ध एवं डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमाओ पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन किया। शिविर को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री गायकवाड़ ने कहा कि किसी भी बात पर आंख मूंदकर विश्वास करना, पाखंड, आडंबर, जादू टोना को मानना और उसका अनुसरण करना अंधश्रद्धा है इसके अलावा व्यसन भी व्यक्ति के विकास मे बाधक होता है। इस देश के प्रशासक ने भी अंधश्रद्धा का अनुसरण कर कोरोनाकाल के दौरान थाली बजवाकर और दिये जलवाकर भी लाखो लोगो को मौत के मुंह मे जाने से बचा नही सका। औषधि ही किसी भी बीमारी का इलाज कर सकती है, विज्ञान पर आधारित बौद्ध धम्म व उससे संबंधित संस्था दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा समूचे समाज से अंधविश्वास दूर करने का राष्ट्रव्यापी प्रयास किया जा रहा है। प्रमुख अतिथि एसएस वानखेड़े ने कहा कि दुनिया मे पाप पुण्य और भाग्य जैसी कोई चीज नही है, व्यक्ति के कुशल कर्म उसे सुखद परिणाम देते है और अकुशल कर्म दुखद परिणाम देते है। कर्म ही सच्ची पूजा होती है कोई भी यज्ञ या हवन कर्म के फल को प्रभावित नही कर सकता है। अंत मे अनिल मेश्राम ने कहा कि संस्था के विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण शिविर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयो व दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रो मे आयोजित कर जागरुकता लाने के प्रयास किये जायेंगे। शिविर का संचालन भागवत शेंडे व इंदु उके ने तथा आभार प्रदर्शन प्रकाश श्यामकुंवर ने किया। इसके पूर्व संपन्न प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक मे रायपुर निवासी यशवंत ठाकरे को प्रदेश संगठन सचिव के पद पर नियुक्त किया गया तथा बालोद, मानपुर मोहला चौकी, जगदलपुर और दंतेवाड़ा जिले मे प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया। शिविर मे अनेक बौद्ध उपासक उपासिकाऐ व सामाजिक प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।