इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम एक आम विकार है, जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है। इसकी वजह से पेट में दर्द, दस्त और कब्ज की समस्या होती है। पुदीने का उपयोग इस विकार को दूर करने में मददगार हो सकता है। शोध में पाया गया है कि पुदीने की चाय में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। पुदीने की चाय में पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक गुण इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम में आराम पहुंचाने में मददगार हो सकते हैं।
पुदीना के औषधीय गुण याददाश्त बढ़ाने में लाभदायक हो सकते हैं। इस संबंध में इंग्लैंड की एक यूनिवर्सिटी ने शोध किया गया है। इस शोध में 180 युवाओं को पुदीने की चाय का सेवन कराया गया। 20 मिनट बाद शोधकर्ताओं ने युवाओं में कई सकारात्मक परिणाम देखे, जैसे सजगता में वृद्धि और मस्तिष्क कार्य प्रणाली में तेजी। शोध में इस बात का भी जिक्र है कि पेपरमिंट चाय याददाश्त और याददाश्त की गति बढ़ाने में सहयोग कर सकती है। इस आधार पर माना जा सकता है कि पुदीने की चाय का सेवन याददाश्त को बढ़ाने में लाभदायक हो सकता है। बार-बार उल्टी आने की इच्छा ही मतली की समस्या है। यहां पुदीना के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर पुदीने पर एक शोध प्रकाशित किया गया है। शोध में पुदीना अरोमाथेरेपी का उल्टी और मतली की समस्या पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया। इस शोध के आधार पर कहा जा सकता कि मतली के साथ उल्टी की समस्या से आराम पाने के लिए पुदीना की अरोमाथेरेपी कारगर साबित हो सकती है। फिलहाल, मतली की समस्या को दूर करने वाले पुदीना के औषधीय गुण अभी शोध का विषय हैं।
सिरदर्द की समस्या रातों की नींद गायब कर सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए पुदीना मददगार साबित हो सकता है। रिसर्च जनरल ऑफ मेडिसिनल प्लांट के एक शोध के अनुसार पुदीना (इसके रस या एसेंशियल ऑयल) को सिर पर कुछ देर लगाने से सिरदर्द में आराम मिल सकता है। इसके दर्दनिवारक गुण के पीछे इसमें मौजूद मेंथॉल का प्रभाव हो सकता है।
पुदीने पर किए गए एक अध्ययन में जिक्र मिलता है कि यह पाचन में मददगार हो सकता है। दरअसल, यह पेट की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ-साथ पाचन में सहायक बाइल्स (पाचक रस) के प्रवाह में सुधार का काम कर सकता है। परिणामस्वरूप, भोजन आसानी से पचता है।
GOOD MORNING : पुदीना के पत्ते
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