रायपुर 20 अक्टूबर 2024/देश के दूरस्थ आदिवासी बहुल अंचल छत्तीसगढ़ का सरगुजा ज़िला अब हवाई सेवा से जुड़ चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी से मां महामाया एयरपोर्ट, दरिमा का वर्चुअल उद्घाटन कर सरगुजा और इसके आसपास के जिलों को हवाई यात्रा की सुविधा का तोहफा दिया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राज्यपाल रमेन डेका, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।यह हवाई सेवा सरगुजा और इसके आस-पास के जिलों जैसे जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के लाखों लोगों के जीवन में एक नया अध्याय लेकर आएगी। इससे लोगों को आसानी से देश के बड़े शहरों तक हवाई यात्रा की सुविधा मिलेगी, जो पहले के मुकाबले किफायती और समय की बचत वाला विकल्प होगा। इससे न केवल आवागमन में सुगमता आएगी, बल्कि इस क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी एक नई रफ्तार जुड़ेगी। इस क्षेत्र के लोग इस नई सेवा के जरिए दिल्ली, कोलकाता, रायपुर, बिलासपुर और अन्य प्रमुख शहरों से सीधा जुड़ सकेंगे। हवाई सेवा की शुरुआत सरगुजा अंचल की बहुप्रतीक्षित मांग थी, जो अब पूरी हो चुकी है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा, “मां महामाया एयरपोर्ट का उद्घाटन सरगुजा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह केवल हवाई यात्रा को सुगम बनाने का प्रयास नहीं है, बल्कि हमारे आदिवासी समुदाय और दूरदराज के क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे क्षेत्र के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। हमें गर्व है कि हम अपने प्रदेश को विकसित भारत 2047 के सपने की ओर बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। एयर कनेक्टिविटी न केवल यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।”
*एयर कनेक्टिविटी: विकसित भारत 2047 के सपने की ओर एक कदम*
सरगुजा की हरी-भरी वादियों में बसे आदिवासी अंचल के लोग जब भी बड़े शहरों की ओर रुख करते, तो लंबी और थका देने वाली यात्रा का ख्याल उन्हें परेशान कर देता। इस दूरस्थ इलाके की खास पहचान तो उसकी प्राकृतिक सुंदरता है, पर यहां के लोगों के लिए देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ना हमेशा एक चुनौती रहा है। लेकिन अब चीजें बदलने वाली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेआज वर्चुअल माध्यम से मां महामाया एयरपोर्ट, अंबिकापुर का उद्घाटन कर यह सुनिश्चित किया कि सरगुजा का यह क्षेत्र देश की विकास यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा बने।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संकल्प केवल एक एयरपोर्ट की शुरुआत नहीं, बल्कि एक बड़े सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है। यह हमारे ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प का प्रतीक है।” जब उन्होंने छत्तीसगढ़ को यह सौग़ात दी तो , अंबिकापुर के लोगों के चेहरे पर एक नई उम्मीद की चमक थी। यह एयरपोर्ट न केवल सरगुजा बल्कि आसपास के जिलों जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया, और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के लाखों लोगों के लिए देश की मुख्यधारा से जुड़ने का एक जरिया बन गया है।
*सरगुजा की बढ़ती संभावनाएं*
मां महामाया एयरपोर्ट के शुरू होने से सरगुजा के लोग सीधे रायपुर, दिल्ली, कोलकाता, जबलपुर, और अन्य बड़े शहरों से जुड़ सकेंगे। इस पहल से यहां के छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए बाहर जाने का मौका मिलेगा, व्यापारी अपने व्यापार को फैलाने के लिए नए बाजारों तक पहुंच सकेंगे, और सबसे महत्वपूर्ण, मरीजों को इलाज के लिए बेहतर सुविधाओं तक आसानी से पहुंच मिल सकेगी।
अंबिकापुर के एक युवा उद्यमी राजेश बताते हैं, “अब हमें अपने उत्पादों को दूसरे शहरों तक पहुंचाने में आसानी होगी। पहले सड़क मार्ग से यह सफर लंबा और महंगा होता था, लेकिन अब हम अपने स्थानीय उत्पादों को सीधे दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों तक पहुंचा सकते हैं।” यह एयरपोर्ट सरगुजा की आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा देगा, और यहां के छोटे-बड़े व्यापारी भी इस बदलाव को लेकर उत्साहित हैं।
*पर्यटन के लिए नए रास्ते*
सरगुजा की खूबसूरत घाटियाँ, मैनपाट का हिल स्टेशन, और रामगढ़ की ऐतिहासिक गुफाएं यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिनी जाती हैं। अब इस एयरपोर्ट के शुरू होने से पर्यटकों के लिए यहां आना आसान हो जाएगा। पर्यटन से जुड़े लोगों का मानना है कि इससे सरगुजा का आकर्षण और बढ़ेगा। स्थानीय गाइड शंकर कहते हैं, “पहले पर्यटकों को यहाँ आने के लिए घंटों की सड़क यात्रा करनी पड़ती थी, पर अब वे सीधे फ्लाइट से आ सकते हैं। इससे हमारा पर्यटन व्यवसाय बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।”
*आर्थिक विकास और निवेश की संभावनाएं*
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर सरगुजा के आर्थिक विकास की बात पर जोर देते हुए कहा कि यह एयरपोर्ट न केवल आवागमन को सरल बनाएगा बल्कि क्षेत्र में निवेश को भी आकर्षित करेगा। हवाई सेवा से यहां के स्थानीय उद्योगों को नए बाजार मिलेंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यहां के छोटे व्यवसाय, जैसे हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग, और कृषि उत्पाद, अब देश के दूसरे हिस्सों में आसानी से पहुंच सकेंगे।सरगुजा के कृषि उत्पादों की देशभर में मांग है, और अब यहां के किसान भी अपने उत्पादों को सीधे दिल्ली या कोलकाता के बाजारों तक पहुंचा सकते हैं। यह न केवल उनकी आय में वृद्धि करेगा बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाएगा।



 
             
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
											 
                                 
                             
 
         
         
         
         
        