सकारात्मक, रोज़मर्रा की गतिविधियाँ मस्तिष्क के स्वास्थ्य में अंतर ला सकती हैं, यहाँ तक कि संज्ञानात्मक गिरावट और संभवतः अल्जाइमर और मनोभ्रंश के जोखिम को भी कम कर सकती हैं। शरीर अपने सभी कार्यों के लिए ब्रेन पर निर्भर है। ऐसे में ब्रेन सेल्स को हेल्दी बनाए रखने के लिए उनका गतिशील होना आवश्यक है। मस्तिष्क को एक्टिव बनाए रखने के लिए रोज़मर्रा के जीवन में कुछ बातों का ख्याल रखें। स्वस्थ मस्तिष्क को बनाए रखने में मदद करने के लिए इनमें से कुछ या सभी आदतों को अपने जीवन में शामिल करें। आज ही अपने मस्तिष्क के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लें – इसे शुरू करने के लिए कभी भी बहुत जल्दी या बहुत देर नहीं होती है।
दिन भर एक ही मुद्रा में बैठकर काम करने से शरीर के साथ साथ दिमाग को भी तनाव और थकान का सामना करना पड़ता है शरीर को एक्टिव रखने के लिए जिस प्रकार से व्यायाम की मदद ली जाती है। ठीक उसी तरह से मस्तिष्क का विकास भी आवश्यक है। दरअसल, शरीर अपने सभी कार्यों के लिए ब्रेन पर निर्भर है। ऐसे में ब्रेन सेल्स को हेल्दी बनाए रखने के लिए उनका गतिशील होना आवश्यक है। किसी भी कार्य में सभी इंद्रियों का इस्तेमाल करने से मस्तिष्क का विकास होता है इससे ब्रेन फंक्शनिंग बढ़ जाती है और तनाव को कम करने में भी मदद मिलती है। एक ही समय पर स्मैल करने, देखने, छूने, टेस्ट करने और सुनने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने में मदद मितली है। वहीं तनाव मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इससे एकाग्रता की कमी, याददाश्त कमज़ोर होना और चिंता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शारीरिक स्वास्थ्य के समान मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए मस्तिष्क को एक्टिव रखना आवश्यक है। इसके लिए मेडिटेशन के अलावा कुछ नया सीखने की चाहत मेमोरी का बूस्ट करने में मदद करता है। साथ ही क्रिएटिव थिकिंग का विकास होता है। आइए जानते हैं कि किन टिप्स की मदद से शरीर और मस्तिष्क को एक्टिव बनाए रखने में मिलती है मदद…
जानें किन तरीकों से शरीर और मस्तिष्क को रखा जा सकता है एक्टिव
अपने मन को चुनौती दें : जिज्ञासु बनो! अपने दिमाग को काम पर लगाओ और कुछ ऐसा करो जो तुम्हारे लिए नया हो। कोई नया हुनर सीखो। कुछ कलात्मक करने की कोशिश करो। अपने दिमाग को चुनौती देने से तुम्हारे दिमाग को अल्पकालिक और दीर्घकालिक लाभ हो सकते हैं।
किताबें पढ़ना : बुक रीडिंग दिगाम के लिए किसी सुपरफूड से कम नहीं है। इससे मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों को उत्तेजित करने में मदद मिलती है। इससे न केवल जानकारी बढ़ती है बल्कि बल्कि दिमाग की थकान को भी दूर किया जा सकता है। इसके अलावा किताबें पढ़ने से नींद न आने की समस्या को हल करने में मदद मिलती है। इससे कोगनोटिव हेल्थ और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार नज़र आने लगता है।
ब्रेन एक्सरसाइज़ हैं फायदेमंद पज़ल गेम और क्रासवर्ड : ब्रेन पावर को बढ़ाने के लिए ब्रेन एक्सरसाइज़ की मदद ली जा सकती है। इसके लिए रूटीन में पज़ल गेम और क्रासवर्ड को शामिल करें। इससे मस्तिष्क की गतिशीलता बढ़ने लगती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य को मज़बूती मिलती है। इससे कॉगनीटिव क्षमता में सुधार आने लगता है, जिससे याददाश्त में सुधार और एकाग्रता बढ़ने लगती है।
अपने सिर की सुरक्षा करें : अपने सिर पर चोट लगने से बचें। बाइक चलाने जैसी गतिविधियों के लिए हेलमेट पहनें और सीट बेल्ट पहनें। खेल खेलते समय खुद को सुरक्षित रखें। गिरने से बचने के लिए हर संभव प्रयास करें, खासकर बुजुर्गों के लिए।
कुछ नया सीखने की कोशिश करें : खुद को एगेंज रखने के लिए नई एक्टीविटीज़ को सीखने का प्रयास करें। फिर चाहे कुकिंग क्लास हो या कोई खेल। इससे ब्रेन के साथ ओवरऑल हेल्थ को फायदा मिल जाता है। नए स्किल्स को सीखने में जीवन के प्रति नज़रिया बदलने लगता है और विचारों में सकारात्मकता का विस्तार हो जाता है। साथ ही फ्रेड सर्कल मेंटेन रहता है।
धूम्रपान से मुक्त रहें : धूम्रपान छोड़ने से संज्ञानात्मक गिरावट का जोखिम कम हो सकता है और यह उन लोगों के समान स्तर पर वापस आ सकता है जिन्होंने धूम्रपान नहीं किया है। धूम्रपान छोड़ने के लिए कभी भी देर नहीं होती।
स्वस्थ वजन बनाए रखें : अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें कि आपके लिए कौन सा वजन स्वस्थ है। इस सूची में दी गई अन्य स्वस्थ आदतें – सही खाना, व्यायाम करना और अच्छी नींद लेना – स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।
म्यूज़िक सुनें और गाएं : गाने सुनना और गाना दोनों ही चीजें मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होती है। रिसर्च के अनुसार म्यूज़िक सुनने से क्रिएटिव थिकिंग बढ़ने लगती है और ब्रेन सेल्स बूस्ट होते हैं। इससे मेंमोरी बढ़ने के अलावा मस्तिष्क की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो तनाव के कारण शरीर में बढ़ने वाले कार्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते है।
नियमित व्यायाम करें : इसमें ऐसी गतिविधियाँ शामिल हैं जो आपकी हृदय गति को बढ़ाती हैं और मस्तिष्क और शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाती हैं। अपने दिन में ज़्यादा से ज़्यादा गतिविधियाँ करने के तरीके खोजें – चलना, नृत्य करना, बागवानी करना – जो भी आपके लिए काम करता है!
मेडिटेशन करें : कई तरह के विचार मन में उठने से मानसिक और भावनात्मक तनाव बढ़ने लगता है, जो एक चुनौती के रूप में दिनचर्या को प्रभावित करता है। ऐेसे में मन में उठने वाले विचारों को रिलीज़ करने के लिए रोज़ाना कुछ देर मेडिटेशन के लिए समय निकालें। एक रूटीन बनाए और वर्तमान में रहने का प्रयास करें। इसके लिए सबसे पहले किसी जगह का चयन करें और फिर दिन में कुछ वक्त मेडिटेशन पर ध्यान केंद्रित करें।
हमेशा सीखना जारी रखें : शिक्षा संज्ञानात्मक गिरावट और मनोभ्रंश के जोखिम को कम करती है। युवाओं को स्कूल में बने रहने और यथासंभव उच्चतम स्तर का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें। स्थानीय पुस्तकालय या कॉलेज में या ऑनलाइन कक्षा लेकर अपनी शिक्षा जारी रखें।
स्वस्थ भोजन खाएं : स्वस्थ भोजन खाने से संज्ञानात्मक गिरावट के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। इसमें अधिक सब्जियाँ और कम वसा वाले मांस/प्रोटीन के साथ-साथ कम प्रसंस्कृत और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ शामिल हैं। स्वस्थ भोजन और स्नैक्स चुनें जो आपको पसंद हों और जो आपके लिए उपलब्ध हों।
अपना रक्तचाप नियंत्रित रखें : दवाएँ उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकती हैं। और सही खान-पान और शारीरिक गतिविधि जैसी स्वस्थ आदतें भी मदद कर सकती हैं। अपने रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ मिलकर काम करें।
मधुमेह का प्रबंधन करें : टाइप 2 मधुमेह को स्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधि बढ़ाकर और यदि आवश्यक हो तो दवा लेकर रोका या नियंत्रित किया जा सकता है।
अच्छी नींद लेना ज़रूरी : मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत ज़रूरी है। सोने से पहले स्क्रीन से दूर रहें और अपनी नींद की जगह को जितना हो सके उतना आरामदायक बनाएँ। व्यवधानों को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें। अगर आपको नींद से जुड़ी कोई समस्या है, जैसे कि स्लीप एपनिया, तो स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।
निस्संदेह, उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क के स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक गिरावट में आनुवंशिकी की भूमिका होती है, लेकिन उत्साहजनक खबर यह है कि शोध से पता चलता है कि हम मस्तिष्क के स्वास्थ्य को सुधारने, संज्ञानात्मक गिरावट को सीमित करने और संज्ञानात्मक फिटनेस में सुधार करने में सकारात्मक अंतर ला सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।