लेमनग्रास एक ऐसी सुगंधित जड़ी बूटी है, जो आज के ट्रेंडिग लाइफस्टाइल हैबिट्स का हिस्सा बनता जा रहा है। लेमन ग्रास का इस्तेमाल एशियाई व्यंजनों के साथ-साथ पारंपरिक दवाओं में भी व्यापक रूप से किया जा रहा है। लेमनग्रास में कई तरह के कंपाउंड शामिल होते हैं जो विशिष्ट स्वाद सहित कई स्वास्थ्य लाभों में योगदान देते हैं। लेमनग्रास आपके साप्ताहिक आहार में शामिल करने के लिए सबसे फायदेमंद खाद्य पदार्थों में से एक है क्योंकि यह फोलिक एसिड, फोलेट, जिंक, मैग्नीशियम, कॉपर, पोटेशियम, आयरन, फास्फोरस, मैंगनीज, कैल्शियम और विटामिन ए, बी और सी में उच्च है।
लेमन ग्रास का नाम सुनते ही आपके दिमाग में जरूर हरी-हरी घास की तस्वीर आई होगी। साथ ही आप सोच रहे होंगे कि भला घास भी क्या स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है? बस यहीं आप धोखा खा गए। आपको स्पष्ट कर दें कि हम यहां कोई ऐसी-वैसी घास नहीं, बल्कि लेमन ग्रास की बात कर रहे हैं। यह सिर से लेकर पैर तक, कई बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक हो सकती है। लेमन ग्रास एक औषधीय पौधा है जो सिट्रल, लिमोनेन और गेरानियोल से भरपूर होता है। ये एंटीऑक्सीडेंट क्रिया वाले बायोएक्टिव यौगिक हैं जो अतिरिक्त मुक्त कणों से लड़ने का काम करते हैं। वे कैंसर, गैस्ट्राइटिस और उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों को रोकने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, लेमन ग्रास में बहुत अधिक मात्रा में मायर्सीन होता है, जो एनाल्जेसिक गुणों वाला एक बायोएक्टिव यौगिक है। यह ऐंठन, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द जैसे हल्के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। लेमन ग्रास की खुशबू नींबू की तरह खट्टी मीठा और हल्का होती है। लेमनग्रास, चाहे सूखा हो या ताजा, इनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसेप्टिक, एंटीपीयरेटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, कैंसर विरोधी और एंटी-एजिंग और कसैले सहित कई चिकित्सीय विशेषताएं होती हैं। इस लेख में आज हम लेमन ग्रास क्या है और शरीर के लिए लेमन ग्रास के फायदे क्या-क्या हैं, इससे जुड़ी हर जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
तो चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि लेमन ग्रास क्या है?
लेमन ग्रास एक औषधीय पौधा है, जो खासकर दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाया जाता है। यह घास जैसा ही दिखता है, बस इसकी लंबाई आम घास से ज्यादा होती है। वहीं, इसकी महक नींबू जैसी होती है और इसका ज्यादातर उपयोग चाय में अदरक की तरह किया जाता है। इसके अलावा, दवा के रूप में लेमन ग्रास आयल का उपयोग भी सालों से किया जाता आ रहा है। इसमें लगभग 75 प्रतिशत सिट्रल पाया जाता है, जिसकी वजह से इसकी खुशबू भी नींबू जैसी होती है। अक्सर लेमन ग्रास तेल का उपयोग सौंदर्य उत्पाद और पेय पदार्थों में किया जाता है।
लेमन ग्रास के पौष्टिक तत्व
इस टेबल की मदद से जानिए कि लेमन ग्रास में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाए जाते हैं।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी 70.58 ग्राम
ऊर्जा 99 कैलोरी
प्रोटीन 1.82 ग्रामफैट0.49 ग्रामका र्बोहाइड्रेट25.31 ग्रामकै
ल्शियम 65 मिलीग्राम
आयरन 8.17 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 60 मिलीग्राम
फास्फोरस 101 मिलीग्राम
पोटैशियम 723 मिलीग्राम
सोडियम 6 मिलीग्राम
जिंक 2.23 मिलीग्राम
कॉपर 0.266 मिलीग्राम
मैंगनीज। 5.224 मिलीग्राम
सिलेनियम 0.7 माइक्रोग्राम
विटामिन सी 2.6 मिलीग्राम
थियामिन 0.065 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.135 मिलीग्रामनियासिन 1.101 मिलीग्राम
पैंटोथैनिक एसिड। 0.050 मिलीग्राम
विटामिन बी- 60.080 मिलीग्राम
फोलेट डीएफई 75 माइक्रोग्राम
विटामिन ए आईयू 6 आईयू
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड 0.119 ग्राम
फैटी एसिड टोटल मोनो अनसैचुरेटेड 0.054 ग्राम
फैटी एसिड टोटल पॉली अनसैचुरेटेड
0.170 ग्राम
लेमन ग्रास के औषधीय गुण
लेमन ग्रास में कई औषधीय गुण होते हैं, जिस वजह से कई आयुर्वेदिक उपचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। रिसर्च की मानें, तो इसमें बैक्टीरिया से बचाव के लिए एंटी-बैक्टीरियल, सूजन को दूर करने के लिए एंटी-इन्फ्लेमेटरी व फंगस से राहत दिलाने के लिए एंटी-फंगल प्रभाव होते हैं। लेमन ग्रास में पाए जाने वाले ये सभी गुण कई कई तरह की बीमारियों और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
लेमन ग्रास के फायदे
दिखने में घास जरूर प्रतीत होती है, लेकिन लेमन ग्रास के अनेक फायदे हैं। नीचे हम लेमन ग्रास के फायदे क्रमबद्ध बता रहे हैं।
कोलेस्ट्रॉल के लिए : कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में लेमन ग्रास अहम भूमिका निभा सकती है। इस बात की पुष्टि दो अलग-अलग शोध से होती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, लेमनग्रास के अर्क में हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक प्रभाव होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार हाे सकता है। वहीं, लेमन ग्रास तेल के सेवन से रक्त में कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम किया जा सकता है। इस तरह कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने के लिए लेमन ग्रास के फायदे हासिल किए जा सकते हैं।
पाचन के लिए लाभकारी : एक शोध में बताया गया है कि लेमन ग्रास का सेवन अपच, गैस्ट्रिक की समस्या व पेट संबंधित अन्य परेशानियों से राहत दिलाने के साथ पेट की अंदरूनी दीवारों (Stomach lining) को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। साथ ही, पाचन को दुरुस्त करने में भी सहायक हो सकता है। यदि किसी को पाचन संबंधी परेशानी है, तो वो लेमन ग्रास टी से तैयार चाय का सेवन कर सकता है।
किडनी के लिए : किडनी को स्वस्थ रखने के लिए भी लेमन ग्रास के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, लेमन ग्रास में मूत्रवर्धक गुण होता है। इसका सेवन करने से बार-बार पेशाब जाने की जरूरत हो सकती है, जो किडनी के लिए अच्छा है। इससे शरीर के विषाक्त पदार्थ पेशाब के जरिए बाहर निकल सकते हैं, जिसे किडनी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा सकता है। इसके अलावा, पथरी की दवाइयों में भी मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो किडनी स्टोन को बाहर निकालने में सहायक भूमिका निभा सकते हैं।
कैंसर से बचाव : लेमन ग्रास और लेमन ग्रास तेल में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर सेल्स को खत्म कर कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए लेमन ग्रास की चाय के फायदे भी हो सकते हैं। हालांकि, कैसर एक लाइलाज बीमारी है जिसका सटीक इलाज अभी तक नहीं खोजा गया है ऐसे कैंसर की समस्या में लेमन ग्रास की उपयोग करने के स्थानी डॉक्टर के बताया गया उपचार अपनाना चाहिए।
वजन कम करने के लिए लेमन ग्रास के फायदे : लेमन ग्रास में मूत्रवर्धक गुण होता है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई कर सकता है और यूरिन के जरिए विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल सकता है। माना जाता है कि डिटॉक्सिफिकेशन से वजन कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, एक अन्य शाेध में इस बात का जिक्र मिलता है कि लेमनग्रास में β-सिट्रोनेलोल नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो वसा के ऊतक यानी टिश्यू की गतिविधि में वृद्धि कर वजन को कम करने में मददगार हो सकता है। इस तरह वजन को नियंत्रित करने के लिए लेमन ग्रास की चाय को आहार का हिस्सा बनाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : लेमन ग्रास पर आधारित एक शोध में बताया गया है कि लेमन ग्रास में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, बी और सी मौजूद होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में सहायक भूमिका निभा सकते हैं। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार लेमनग्रास में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में मदद कर सकता है। इस तरह लेमन ग्रास इम्यूनिटी को बूस्ट करने में उपयोगी साबित हो सकता है।
अनिंद्रा में लाभदायक : अनिद्रा की शिकायत होने पर या फिर ठीक से नींद नहीं आ रही है, तो इस समस्या से आराम पाने के लिए लेमन ग्रास तेल का उपयोग कर सकते हैं। इसमें सेडेटिव (Sedative) गुण होते हैं, जो बेहतर नींद लेने में मदद कर सकते हैं। चाहें तो लेमन ग्रास तेल की कुछ बूंदें डिफ्यूजर में डाल कर उससे अरोमाथेरेपी ले सकते हैं।
गठिया के लिए लेमन ग्रास के फायदे : रूमेटाइड अर्थराइटिस ऐसी समस्या है, जिसमें जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न आने लगती है। 30 से 60 साल की उम्र में ये समस्या होना आम है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में गठिया की समस्या से राहत के लिए लेमन ग्रास तेल को फायदेमंद बताया गया है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो गठिया के लक्षणों से आराम दे सकता है। इसके लिए लेमन ग्रास तेल की कुछ बूंदों से प्रभावित जगह पर मसाज किया जा सकता है।
अवसाद के लिए लेमन ग्रास : अवसाद से लड़ने में भी लेमन ग्रास के फायदे देखे गए हैं। दरअसल, लेमन ग्रास में एंटी-डिप्रेसेंट यानी अवसाद की स्थिति को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं, जो अवसाद को दूर करने का काम कर सकते हैं। ऐसे में अवसाद से ग्रसित लोगों के लिए लेमन ग्रास की चाय का सेवन उपयोगी माना जा सकता है।
तंत्रिका तंत्र के लिए लेमन ग्रास के फायदे : लेमन ग्रास के पोषक तत्व तंत्रिका तंत्र के लिए लाभकारी हो सकते हैं। दरअसल, इसमें मैग्नीशियम पाया जाता है, जो न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग से बचाव कर सकता है । न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग में मस्तिष्क के न्यूरॉन्स नष्ट होने लगते हैं। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार लेमनग्रास तंत्रिका तंत्र के लिए टॉनिक माना जाता है। यह मस्तिष्क को उत्तेजित कर घबराहट, वर्टिगो यानी चक्कर आना और विभिन्न प्रकार के न्यूरोनल विकारों से निपटने में मदद कर सकता है ।
अस्थमा के लिए : आयुर्वेद में श्वसन संबंधी विकारों के इलाज के लिए लेमन ग्रास का इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है। इसके पीछे लेमन ग्रास में मौजूद विटामिन सी को जिम्मेदार माना जाता है। यह श्वसन प्रणाली में होने वाली ब्लॉकेज, फ्लू और अस्थमा जैसे श्वसन विकारों से राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है । ऐसे में लेमन ग्रास के फायदे की सूची में अस्थमा से राहत भी शामिल है।
स्ट्रेस के लिए लेमन ग्रास : लेमन गार्स के गुण स्ट्रेस से भी आराम दिला सकते हैं। असल में ये काम लेमन ग्रास में पाया जाने वाला मैग्नीशियम करता है। शोध में पाया गया है कि मैग्नीशियम की कमी तनाव से जुड़ी समस्याओं जैसे सिरदर्द, अनिद्रा, थकान, अति-भावनात्मकता व चिंता आदि हो सकती हैं। ऐसे में लेमन ग्रास का सेवन मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। चाहें तो स्ट्रेस और चिंता को दूर करने के लिए लेमन ग्रास तेल से अरोमाथेरेपी भी ले सकते हैं।
मधुमेह के लिए लेमन ग्रास के फायदे : अगर मधुमेह से परेशान हैं, तो लेमन ग्रास के गुण मदद कर सकते हैं। लेमन ग्रास और उसके फूलों को पारंपरिक रूप से मधुमेह के इलाज के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो खाली पेट और खाने के बाद के ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
दर्दनिवारक : लेमनग्रास का उपयोग दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है। दरअसल, चुहों पर किए गए एक अध्ययन से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में पाया गया कि लेमनग्रास के साथ ही इसकी चाय और तेल में एनाल्जेसिक प्रभाव यानी दर्द निवारक प्रभाव पाया गया, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इस तरह दर्द की स्थिति में लेमन ग्रास का उपयोग लाभकारी हो सकता है।
मुंहासों के लिए लेमोंग्रस के फायदे : लेमन ग्रास के गुण बेदाग और पिंपल-फ्री त्वचा पाने में मदद कर सकते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो पिम्पल और संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं से लड़ते हैं और उन्हें जड़ से खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने के साथ मुहांसों को बढ़ने से रोक सकते हैं।
लेमन ग्रास का उपयोग
लेमन ग्रास की न सिर्फ सुगंध बल्कि इसका स्वाद भी नींबू के से मिलता-जुलता होता है। थाई और कॉन्टिनेंटल खाना बनाने में लेमन ग्रास का खास उपयोग किया जाता है। लेमन ग्रास का उपयोग कई तरह से कर सकते हैं, जैसे:
कैसे उपयोग करें: लेमन ग्रास टी के फायदे के लिए ग्रीन टी की तरह इसकी चाय बना सकते हैं। इसे चाय में अदरक/इलाइची की तरह भी उपयोग कर सकते हैं।
* चिकन बनाते समय उसमें थोड़ी-सी लेमन ग्रास काट कर डाल सकते हैं। यह चिकन को एक अलग स्वाद दे सकती है।
* लेमन ग्रास का सूप बना सकते हैं। थोड़ी-सी लेमन ग्रास टमाटर के सूप में भी डाल सकते हैं।
* लेमन ग्रास चाय के फायदे के लिए इसमें बर्फ डाल इसकी आइस्ड लेमन ग्रास टी बना सकते हैं।
* लेमन ग्रास का पेस्ट बना कर सब्जियां बनाने में उपयोग कर सकते हैं।
* खाने में नींबू के छिलके की जगह लेमन ग्रास का उपयोग कर सकते हैं।
कब उपयोग करें: लेमन ग्रास चाय का सेवन सुबह और शाम कर सकते हैं।
* दोपहर या रात के भोजन में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
कितना उपयोग करें: चाय को कड़क बनाने के लिए आवश्यकतानुसार उसमें एक या दो लेमन ग्रास की पत्तियां डाल सकते हैं।
* खाना बनाने में भी स्वादनुसार 8-10 पत्तियां लेमन ग्रास डाल सकते हैं, लेकिन इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करें।
नोट: ध्यान रखें कि ताजी लेमन ग्रास का ही उपयोग करें। उपयोग करने से पहले इसके डंठल के नीचे का टुकड़ा काट दें और सूखी हुई पत्तियां हटा दें। लेमन ग्रास की पत्तियां चाय बनाने में और अंदर का पीला भाग खाना बनाने में उपयोग कर सकते हैं।
चलिए लेमन ग्रास के फायदे जानने के बाद अब आगे जानिए लेमन ग्रास के नुकसान।
लेमन ग्रास के नुकसान
वैस तो इसका सेवन सुरक्षित है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से लेमन ग्रास के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। नीचे जानिए लेमन ग्रास के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में:
* इसके ड्युरेटिक प्रभाव के कारण बार बार पेशाब जाने की समस्या हो सकती है।
* संवेदनशील लोगों को इससे एलर्जी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
नोट: लेमन ग्रास के नुकसान का अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसके सभी नुकसान लोगों के अनुभवों पर आधारित हैं। इसलिए, अगर कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें।
अब तो आप लेमन ग्रास के नुकसान और फायदों के बारे में समझ ही गए होंगे। आपने ध्यान दिया होगा कि लेमन ग्रास के नुकसान ज्यादा नहीं हैं और ये लगभग सुरक्षित ही है, बशर्ते आप इसका सेवन सीमित और नियंत्रित मात्रा में करें। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर लेमन ग्रास का उपयोग किसी विशेष समस्या के लिए कर रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके काम आएगी। इस लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करना न भूलें।
(डिस्क्लेमर- यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।)