भिलाई। 29 अगस्त, 2024, (सीजी संदेश) : हाल ही में स्वास्थ्य संस्थानों में महिलाओं से होने वाले छेड़छाड़ एवं बलात्कार जैसी बढ़ती घटनाओं को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी जिला पुलिस मुख्यालय को अस्पतालों एवं स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था को दूर करने संबंधी निर्देश जारी किए हैं इसी तारतम्य में दुर्ग जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस कण्द्रोल रूम, सेक्टर-06 भिलाई संध्या 04.00 बजे जिले में संचालित विभिन्न अस्पतालों / सामुदायिक / प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र / नर्सिंग होम / मेडीकल कालेज में कार्यरत चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, स्वास्थ्य अधिकारियों / कर्मंचारियों की सुरक्षा व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए डॉ. मनोज दानी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला दुर्ग एवं अभिषेक झा,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर, दुर्ग की उपस्थिति में चिकित्सकों, स्वास्थ्य अधिकारियों / कर्मचारियोंकी मीटिंग आहुत की गयी । बैठक में सत्य प्रकाश तिवारी, नगर पुलिस अधीक्षक, भिलाई नगर भी उपस्थित थे। मीटिंग के दौरान अभिषेक झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर, दुर्ग व्दारा उपस्थितचिकित्सकों, स्वास्थ्य अधि / कर्मचारियों को अस्पतालों / नर्सिंग होम /मेडीकल कालेजों / स्वास्थ्यसंस्थाओं में मान्यता प्राप्त सुरक्षा एजेंसियों के ही सुरक्षता कर्मियों की 24 घण्टे की व्यवस्था, प्रत्येकसुरक्षा कर्मियों के पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराने, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सुरक्षाकर्मियों को सुरक्षा हेतु नियुक्त नहीं करने, संस्थाओं में थाना प्रभारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मोबाईल नम्बर एक बड़े बोर्ड में चस्पा कर लगाये जाने ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनसे सम्पर्ककिया जा सके, महिला संबंधी किसी भी प्रकार की घटना को अनदेखा न किया जाए । यदि ऐसीकोई घटना घटित होती है, तो तत्काल नजदीकी थाना में इसकी सूचना देने, स्वास्थ्य संस्थाओं केअंदर सभी मुव्हमेंट वाले स्थलों एवं बाहर परिसर संवेदनशील स्थलों पर अनिवार्य रूप से सी्ीटीवीकैमरा लगाने, सीसीर्टीवी कैमरे सुचारू से कार्य करें और इसका बैकअप भी रखने, स्वास्थ्य संस्थाओंके संवेदनशील एरिया में पर्याप्त प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करने, जहां-जहां हॉस्टल संचालित है,वहां पर छात्राओं के आने-जाने का समय तय किया जाए, अनावश्यक होॉस्टल से बाहर न जानेदिया जाए, विशेषकर रात्रि के समय, हॉस्टल के आने-जाने वाले मार्ग / गेट में सीसीटीवी कैमरालगाया जाए, जो सुचारू रूप से कार्य करें, इसका बैकअप भी रखने, स्वास्थ्य संस्थाओं के आसपासठेलों, खोमचे वालों के पास अनावश्यक भीड़ रहने पर इसकी सूचना नजदीकी थाना को देने,स्वास्थ्य संस्थाओं के रिसेप्शन में एक रजिस्टर रखा जाए, इसमें बाहर से अआने वाले लोगों के संबंधमें जानकारी दर्ज की जाए, जिसमें उनका नाम, पता, मोबाईल नम्बर, किस मरीज से किस वार्ड मेंमिलने आये हैं, आने एवं जाने का समय दर्ज किया जाए, इससे अस्पताल में अनावश्यक आने वालेलोगों पर अंकुश लगाया जा सकता है । यदि ऐसा कोई पाया जाता है, संदिग्ध है तो उसकी सूचनातत्काल नजदीकी पुलिस थानों को. दी जाए । स्वार्थ्य संस्थाओं के पार्किंग ठेकेदारों, इनके प्रत्येककर्मचारियों का भी पुलिस वेरिफिकेशन कराएं जाने समझाईश दिया गया । डॉ. मनोज दानी, मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला दुर्ग व्दारा कहा गया कि सुरक्षा की जवाबदारी पुलिस केसाथ-साथ समाज एवं चिकित्सकों की भी है, इसके लिये सतर्कता और जागरूकता आवश्यकतभी हम घटना को रोकने में सफल होंगे । मीटिंग में लगभग 100 चिकित्सक / संचालक, स्वास्थ्यअधिकारी/ कर्मचारी उपसिथित थे ।