अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) 12 अगस्त को हर वर्ष युवाओं के विकास और उन्नति के मार्ग को प्रशस्त करने के लिए, उनके मार्ग में आने वाली रुकावट को दूर करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य उन बातों पर चर्चा करना होता है, जिससे की देश, समाज, विश्व खुशहाल बने और आने वाली पीढी के लिए भी वे युवा कुछ कर सकें।
राष्ट्र के निर्माण और विकास में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे में युवाओं को देश दुनिया की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। देश दुनिया के विकास में उनकी रुचि होनी चाहिए। इसके लिए युवाओं की समस्याओं के बारे में जानकर उनका समाधान निकालना होता है, ताकि वह समाज के लिए आवाज उठा सकें। विकास की दिशा में कार्य कर सकें। इसी उद्देश्य को अपनाते हुए हर साल 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। युवा दिवस युवाओं की आवाज, कार्यों और उनकी सार्थक पहल को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का एक मौका है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस दिन को पहली बार कब मनाया गया? अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस को कैसे मनाया जाता है? चलिए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास, उद्देश्य, महत्व और इस साल की थीम।
युवा का अर्थ
शिशु रूप में जन्म लेने के बाद हम जीवन में कई अवस्थाओं में पहुंचते हैं. लेकिन युवावस्था जीवन का महत्वपूर्ण समय होता है. इसी अवस्था में किए कार्यों से युवाओं का भविष्य निर्माण होता है. यदि इस अवस्था में कोई युवा बेहतर शिक्षा, ज्ञान, कला-कौशल, उचित आचरण और व्यवहार अर्जित करता है तो उसका जीवन सफल बनता है. ऐसे लोगों का भविष्य में कद और पद बढ़ता है. युवा वो वर्ग नही जो दिखे उम्र से, ये वो जज़्बा है कुछ करने का उमंग से, ना रुकने की हौसले का नाम है युवा, कुछ बड़ा कर जाने की सोच है युवा कोई कर जाते है अपनी जवानी देश के नाम, तो कोई उड़ा जाते है जवानी जलते धुवे के समान, शीशा नही पानी है युवा, गिर के टूटे नहीं ,अपितु रास्ते ढूढ़ ले वो है युवा। युवा का मतलब ही ऊर्जा शक्ति, कार्य शक्ति, उत्पादन, भोक्ता, प्यार, विवाह, परिवार, अर्थ, बाजार या युवा का एक मतलब गति और तीव्रता भी है।
युवा एक ऊर्जा और जोश
युवा शक्ति हर देश की अपनी अग्नि स्वरूप तेज शक्ति और् गति को पसंद करने वाली शक्ति होती है। युवा एक नयी आशा और ऊर्जा का वाहक होता है। यदि आप भविष्य में एक बेहतर और वैचारिक रूप से सशक्त विश्व चाहते है तो आप को आज के युवाओं में अधिक निवेश करना होगा । राजनीति में भी युवा नेतृत्व को तैयार और प्रशिक्षित करना होगा। इस ऊर्जा को यदि सही दिशा मिले तो देश बुलंदियों को छूता है, जो सारी पृथ्वी पर क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सक्षम होता है। युवा प्यार चाहता है, दिशा, गति और विश्वास चाहता है।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?
युवाओं का यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस सबसे पहली बार 12 अगस्त 2000 में मनाया गया है। इस दिन को मनाने का फैसला संयुक्त राष्ट्र सभा ने 17 दिसंबर 1999 को कर लिया था। उस दिन तय किया गया कि 12 अगस्त को हर साल अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। हालांकि इस दिन को मनाने का सुझाव 1998 में विश्व सम्मेलन में दिया गया। युवाओं के लिए जिम्मेदार मंत्रियों ने विश्व सम्मेलन में युवाओं के लिए एक दिन समर्पित करने का सुझाव दिया था, जिसके बाद अगले साल 1999 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस सुझाव को अपनाते हुए 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा कर दी। ध्यान दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1985 में अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया था।
क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस?
राष्ट्र का निर्माण, विकास और प्रगति किसी देश के युवाओं के योगदान पर निर्भर करता है। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों के लिए युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे में युवाओं का विकास और उनके जीवन से जुड़ी समस्याओं को समझना जरूरी है। युवाओं की समस्याओं के बारे में जानकर उनका समाधान निकाला जाना चाहिए, ताकि वह समाज के लिए आवाज उठा सकें। सवाल है कि युवा दिवस मनाने की वजह क्या है? क्यों 12 अगस्त को युवा दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत की गई? अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवा दिवस मनाने की शुरुआत करने का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीति के मुद्दों पर युवाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका पर चर्चा करना है। युवाओं को समाज के कई मुद्दों पर आगे लाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।
युवा दिवस मनाने का उद्देश्य
युवाओं के सामने आने वाले प्रत्येक मुद्दों से युवा कैसे निपटे, कैसे सरकारी योजनाएं उनकी मदद करें, कैसे वे सरकार और प्रशासन को बेरोजगारी मिटाने और विकास के लिए मदद करें, इस पर विचार विमर्श करने के लिए देश का् प्रशासन और युवाओं का संगठन और उनके विचारों द्वारा व्यवस्था की कमियों को दूर करने के लिए इस दिन को मनाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1999 में 12 अगस्त के दिन को युवा दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया गया। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य रहा, कि युवाओं का भविष्य किस तरह बने। वे अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या दे सके, इसके लिए उस पर विचार विमर्श कर उन कमीयों को जाना जाए और उसे दूर करने की योजना बनाई जाय। उनकी योजना और लक्ष्य से युवाऔं का जीवन प्रगतिशील बने जिससे देश और राष्ट्र का विकास हो।
कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस?
युवा दिवस को यूएन ने शुरू किया था, जो अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, मजदूर दिवस और योग दिवस की तरह की एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है। संयुक्त राष्ट्र हर साल युवा दिवस की एक थीम निर्धारित करता है। थीम के मुताबिक दुनियाभर में कार्यक्रमों का आयोजन होता है। दुनियाभर के युवाओं को कई मुद्दों पर अपने विचार प्रकट करने का मौका मिलता है। युवाओं की समस्याएं जानने के साथ ही उनके सुधार का प्रयास किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2024 की थीम
इस बार 2024 में अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस की थीम ‘क्लिक्स से प्रगति तक : सतत विकास के लिए युवा डिजिटल रास्ते’ (From Clicks to Progress: Youth Digital Pathways for Sustainable Development) तय की गई है। इस साल की थीम डिजिटल माध्यमों से युवाओं के विकास पर है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मोबाइल फोन और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। डिजिटल इंटरैक्शन से प्राप्त डेटा डेटा युवाओं को लंबे समय तक मदद करने वाले हैं।
भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस
हमारे देश भारत में इस दिन को स्वामी विवेकानंद के जन्म के उत्सव स्वरूप हर साल 12 जनवरी को मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में हमारी भारतीय संस्कृति मनाती है। आज भारत एक युवा देश है, जहाँ जनसंख्या का 60% हिस्सा 35 साल से कम उम्र का है, जो हमारे देश को युवा देश की श्रेणी में रखने के लिए पर्याप्त है।
गति से प्रगति
युवा के पास आइडिया क्रिएटिविटी और सक्रिय ऊर्जा होती है। युवा शक्ति के बढ़ने से देश की शक्ति, कार्य क्षमता, और अर्थ उपार्जन क्षमता बढ़ती है, बाजार बढ़ता है उपभोक्ता बढ़ते हैं, और जब ये चीजें बढ़ती है तब देश बढ़ता है।
युवा का योगदान
देश की युवा शक्ति को नेतृत्व देने में ,उसके नेत्तत्व का ऊर्जा वान होना भी जरूरी माना जाता है। इस दुनिया में जितने भी महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं उन सभी में युवाओं की लगन और बलिदान का विशेष योगदान होता है। ऐसा देखने में आता है देश की युवा शक्ति देश की तकदीर और तस्वीर बदलने का जज्बा रखती है।देश को एक नई दिशा दिखाने,एक नई ऊर्जा की ओर ले जाने में जो शक्ति लगती है, युवाओं के पास पर्याप्त होती है। युवा हमेशा गति पसंद करते है। युवा हमारी सोसाइटी के भविष्य होते हैं।हमारे करंट स्टेटस की तरह विकास और हमारा अतिरिक्त कार्यभार संभालने की क्षमता रखते हैं।उनका दृढ़ निश्चय,काम के प्रति रुझान,देश को आगे ले जाता है।उनकी शिक्षा, उनका काम, देश की गति के लिए महत्वपूर्ण होता है।
आज का युवा
मानव सभ्यता सदियों से विकसित होती रही है हर पीढ़ी की अपनी सोच और विचार होते हैं,जो समाज और देश के विकास में योगदान करते हैं। आज की युवा पीढ़ी पूरी तरह से प्रतिभाशाली और समझदार है।आज के युवा सीखने और नई चीजों को तलाशने के लिए सदैव उत्सुक रहते हैं,सिर्फ उन्हें दिशा की जरूरत है। जब देश का युवा अपने कौशल और क्षमता का पूरी तरह से सदुपयोग करते हैं, तब देश का निश्चित रूप से विकास और देश उन्नति की ओर होता है देश को एक नई पहचान भी मिलती है।
समाज में युवाओं की भूमिका
अगर देश में युवाओं की शिक्षा और मानसिकता सही होती है तो उनकी प्रतिभाओं को प्रेरित कर देश और समाज का विकास आसानी से किया जा सकता है। इनके विकास से हर क्षेत्र में उन्नति, जैसे उद्योग, विज्ञान, चिकित्सा आदि में आसानी से बड़ा परिवर्तन दिखाई देने लगता है और देश विश्व का नेतृत्व करता दिखाई देने लगता है।
कुछ कर गुजरने का जुनून
हर युवा में अपने जीवन में कुछ कर गुजरने का जुनून होता है और जब इस जुनून के समय उसे दिशा और संसाधन प्राप्त हो जाए, तो निश्चित रूप से वह अपना भी कल्याण करता है और आने वाली पीढ़ी के लिए भी मिसाल कायम करता है।
सफल युवा और त्याग
जिस युवा शक्ति ने जीवन में कुछ किया है उसने कुछ न कुछ त्याग भी अपने जीवन में जरूर किया है,चाहे वह नींद हो,भोजन हो चाहे उसकी किसी शौक का हो।उसने निश्चित रूप से कुछ न कुछ जुनून से काम करके अपने लक्ष्य को पाया है,जिससे देश और राष्ट्र का भी नाम हुआ है।
इच्छा, लक्ष्य या नक्शा
युवाओं को इस बात का ज्ञान होना बहुत जरूरी है कि उनके जीवन का लक्ष्य क्या होगा उन्हें जाना कहां है तभी वह सही जगह पर पहुंच पाते हैं। जीवन में काम करते रहना और यह पता ना होना उन्हें जाना कहां है, पहुंचना कहां है तब वह उनके जीवन में सिर्फ मजदूरी ही कहलाती है।जीवन में नक्शे और लक्ष्य युवा के पास हो तो वे बड़े उत्पादक हो सकते है। वे अपनी शौक, और इच्छा को पहचान कर उस पर काम करे,उसे लक्ष्य बनाये।युवा को यह ज्ञान होना भी जरूरी है की हम सब यहाँ कुछ समय के लिए यात्रीहैं ,तब वे इस यात्रा का आनंद लेने मे अपनी पूरी ताकत झोंकते हैं। दृढ़ इच्छा कुछ कर गुजरने की ही उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचाती है।
मजदूरी से परिश्रम की यात्रा
जब युवक किसी काम या सोच को लक्ष्य योजना स्वरूप उस पर काम करते हैं, तब वह उनकी परिश्रम की यात्रा बनती है। बड़े दुख की बात है कि आज का युवा परिश्रम की जगह मजदूरी की ओर भाग रहा है, अपना समय बेच रहा है और वेतन लेने मात्र के लिए काम कर रहा है।
परिश्रम से इनाम
जबकि राष्ट्र हित और देश हित में उसका योगदान तब होता है जब वह चार लोगों को रोजगार देने लायक होता है। मजदूरी के अंत में सिर्फ गाड़ी और बडा घर, लेकिन परिश्रम के बदले में समृधि, सफलता, धन, नाम, विराट और देशभक्ति का इनाम मिलता है।
युवा की खोज
जिस युवा शक्ति ने जीवन में कुछ किया है उसने कुछ न कुछ त्याग भी अपने जीवन में जरूर किया है,चाहे वह नींद हो,भोजन हो चाहे उसकी किसी शौक का हो। उसने निश्चित रूप से कुछ न कुछ जुनून से काम करके अपने लक्ष्य को पाया है,जिससे देश और राष्ट्र का भी नाम हुआ है।
युवा शक्ति के सलाहकार
उसे इस बात का ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है कि वह लक्ष्य का निर्धारण किन-किन तथ्यों को सोच कर वे करे।वह उस यात्रा के दौरान किन-किन लोगों से सलाह ले,और अपने लक्ष्य तक पहुंचे। इन सलाहकारों का स्थान भी बहुत कीमती होता है, और युवा पीढ़ी को भी इस बात को जानना अति आवश्यक है कि वे सलाह भी उन्हीं लोगों से लें जो उस लक्ष्य तक पहुंचे हो।
वर्तमान के सदुपयोग से युवा खुश
युवा शक्ति को इस बात को ध्यान देने की जरूरत है कि वे अपने वर्तमान समय का भरपूर सदुपयोग करें। समय को व्यर्थ ना गवाएं। सोशल मीडिया और इंटरनेट के जरिए चैट और खेल कर समय ना गवाएं।इस समय का सदुपयोग कर वे अपने जीवन में नई नई कलाओं को सीखें और नए-नए गुण में मास्टरी हासिल करें,इससे देश में रोजगार की समस्या दूर होती है।उनके,सेल्फ डेवलपमेंट के जरिए व्यापार और विकास दोनों होता है,जिससे देश की उन्नति होती है।
युवाओं के लिए योग, व्यायाम
युवाओं के लिए रोजमर्रा के जीवन में योग और व्यायाम का महत्व उन्हें जानना अति आवश्यक है इससे उनके जीवन में अतिरिक्त ऊर्जा के साथ-साथ स्फुर्ति बल,मानसिक शक्ति और विवेक शक्ति की जागृति होती है।
जीवन का महामंत्र
युवा पीढ़ी को कुछ कर गुजरने के लिए अध्यात्म योग से जुड़ना भी अति आवश्यक है इसके लिए उन्हें अपने संग का विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर वह जीवन में सहनशील दयालु शांत और सरल स्वभाव सत पुरुषों का सम्मान करने वाले होते हैं तो वे अपने कर्म क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ पाते हैं कुछ कर गुजरने के लिए उनमें शक्ति सामर्थ्य और निर्णय शक्ति बढ़ती है।
शिक्षा के साथ संस्कारों के रंग
युवाओं को शिक्षित करने के लिए हम उनको अर्थ ज्ञान उपार्जन के साथ वो भी सिखाएं जो उन में उत्साह पैदा करें जिससे उनमें उत्तरदायित्व लेने की क्षमता बढ़ें। उनमें उदारता बड़े।वे प्रगति की ओर बढ़े और ईमानदारी से अपने कर्म को करते हुए अपने घर परिवार, समाज और देश के प्रति अपना दायित्व तथा आने वाली पीढ़ी के बारे में भी अपनी जिम्मेदारी पर काम कर सकें।
युवा अच्छे नागरिक और कर्तव्य परायन व्यक्ति बनें
आज के युवाओं को अर्थ उपार्जन के साथ अच्छा नागरिक बनने की भी शिक्षा दी जानी बहुत जरूरी है।शिक्षा के साथ-साथ उनमें जीवन को खुशहाल तरीके से जीने की कला बडे,इसके लिए शिक्षा में के दौरान ही उन्हें खुश रहने की तरकीबें भी नए-नए तरीके से सिखाई जाए। किसी ने कहा है खुश रहने वाला व्यक्ति अपने लक्ष्य तक निश्चित रूप से पहुंचता है,और वह अपनी खुशी की खुशबू से पूरे समाज को महका देता है।
युवाओं को राजनीति
युवा अपनी शिक्षा के दौरान किसी ने एक चीज में स्किल कला का विकास जरूर करें। राजनीति को भी वह अपने लक्ष्य और कैरियर के क्षेत्र में शामिल करें। जब युवा राजनीति में आते हैं तो वे एक नया जोश और उत्साह पैदा करते हैं,जिससे आने वाली पीढ़ी को लाभ पहुंचता है।
युवाओं का उत्साह
युवाओं में पढ़ने और सीखने का महत्व बने रहना उतना ही जरूरी है जिस तरह जब तक हम जीवित रहते हैं उस तरह हमें अपने जीवन में भोजन करना महत्वपूर्ण लगता है। इस महत्व को की जानने और सीखते रहने वाला ही जीवन मैं कुछ कर पाता है।
युवाओं का जोश और वृद्धों का होश
युवाओं के लिए रोजमर्रा के जीवन में योग और व्यायाम का महत्व उन्हें जानना अति आवश्यक है इससे उनके जीवन में अतिरिक्त ऊर्जा के साथ-साथ स्फुर्ति बल,मानसिक शक्ति और विवेक शक्ति की जागृति होती है।
सोशल मीडिया और फोन के उपयोग और दुरूपयोग
उनका समय बड़ा कीमती होता है। युवावस्था की उम्र में ही जब समय को सोना बनाया जा सकता है उस समय को अगर वे सोशल मीडिया और फोन के दुरुपयोग द्वारा बर्बाद करते हैं तो उनका जीवन मजदूरी तक ही सीमित रह जाता है, उन्हें उनके जीवन का वास्तविक पारिश्रमिक नहीं मिल पाता। वे आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ कर पाते हैं।
घर के साथ, समाज और देश
अपने ईट पत्थर के घर टिन के खटोले गाड़ी साथ-साथ अपनी जिम्मेदारी समाज और देश के प्रति वे समझे,आने वाली पीढ़ी के प्रति समझे और उसके लिए पर्यावरण, प्रकृति देश और इस धरती के रखरखाव की ओर भी ध्यान दें।
जीवन की खुशी के लिए खुशी के विज्ञान को जानना जरूरी
पढ़ लिखकर नंबर तो सभी ले आते हैं किंतु जीवन का आनंद वहीं युवक ले पाते हैं जो जीवन जीने के मायने समझ पाते हैं।जीवन जीने का मतलब सिर्फ बड़े होकर पैसे कमाना और अपने परिवार का पालन पोषण कर अपना जीवन व्यतीत कर देना नहीं होता। जीवन का मतलब युवा शक्ति के लिए अपना घर परिवार समाज और देश के उत्थान की जिम्मेदारी भी उन युवा पीढ़ी की ही है यह बात उन्हें बताने की जरूरत है।युवा पीढ़ी को इस बात को जानने की जरूरत है वे वर्तमान के साथ-साथ वे अपने आने वाली पीढ़ी के लिए भी सोचे उनको कुछ दे कर जाने की दिशा में काम करें। अपने विकास के लिए और खुशियों के लिए काम करें।
युवा के वैश्विक मुद्दे
युवा विकास के लिए एक सकारात्मक शक्ति हो सकते हैं जब उन्हें ज्ञान और अवसर प्रदान किए जाते हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता होती है। आज, 15 से 24 वर्ष की आयु के 1.2 अरब युवा हैं, जो वैश्विक आबादी का 16 प्रतिशत है। 2030 तक – 2030 एजेंडा बनाने वाले सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए लक्ष्य तिथि – युवाओं की संख्या 7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.3 बिलियन होने का अनुमान है।
सिविक स्पेस में युवाओं की सुरक्षा करना
नागरिक स्थान में सुरक्षा और संरक्षण का मुद्दा नया नहीं है, लेकिन अब तक, विशेष रूप से नागरिक अंतरिक्ष में युवा लोगों के सामने आने वाले खतरों और उत्पीड़न पर वैश्विक डेटा एकत्र करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है। सिविक स्पेस में युवाओं की सुरक्षा पर वैश्विक रिपोर्ट नीति में कमियों को दूर करने का एक प्रयास है, जबकि हितधारकों को युवा-संवेदनशील सुरक्षा तंत्र कैसे बनाने चाहिए, इसके लिए स्पष्ट सिफारिशें प्रदान करते हैं।
क्या आप जानते हैं?
* हमारे ग्रह पर आधे लोग 30 या उससे कम उम्र के हैं, और यह 2030 के अंत तक 57% तक पहुंचने की उम्मीद है।
* सर्वेक्षण से पता चलता है कि 67% लोग बेहतर भविष्य में विश्वास करते हैं, जिसमें 15 से 17 साल के बच्चे इस बारे में सबसे अधिक आशावादी हैं।
* अधिकांश लोग इस बात से सहमत हैं कि राजनीति में उम्र का संतुलन गलत है। सभी आयु समूहों के दो तिहाई (69%) से अधिक लोग इस बात से सहमत हैं कि नीति विकास/परिवर्तन में युवा लोगों के लिए अधिक अवसर राजनीतिक व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे।
* विश्व स्तर पर, केवल 2.6% सांसद 30 वर्ष से कम उम्र के हैं, और इनमें से 1% से भी कम युवा सांसद महिलाएं हैं।
अंतर्राष्ट्रीय दिवस और सप्ताह जनता को चिंता के मुद्दों पर शिक्षित करने, वैश्विक समस्याओं को दूर करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और संसाधनों को जुटाने और मानवता की उपलब्धियों का जश्न मनाने और सुदृढ़ करने के अवसर हैं। अंतर्राष्ट्रीय दिनों का अस्तित्व संयुक्त राष्ट्र की स्थापना से पहले का है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें एक शक्तिशाली वकालत उपकरण के रूप में अपनाया है। हम अन्य संयुक्त राष्ट्र के पालनों को भी चिह्नित करते हैं ।