भिलाई 1 जून 2024। टीएनसी परमिशन की आड़ में अवैध प्लाटिंग व अवैध कब्जा हो रहे हैं। एक कंस्ट्रकशन कंपंनी ने अपने तीन अलग-अलग फर्म के माध्यम से यह खेल चल रहा। इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है और जांच कर कार्रवाई की मांग की है।प्रेस वार्ता में भिलाई निगम नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा और पूर्व सभापति राजेंद्र सिंह अरोरा ने बताया कि तीन फार्म के नाम पर जुनवानी में लगभग 4 एकड़ जमीन रायल ग्रीन के अंदर खरीदी। जिसमें श्री श्याम कंन्स्ट्रक्शन के नाम पर 2 नवंबर 2021 को लगभग 90 डिसमिल जमीन का विकास अनुजा लिया। इसके बाद शेष जमीन जो उस जमीन से लगी हुई है। उसे 90 डिसमिल जमीन अनुज्ञा की आड़ में प्लाट काटकर बेचा जा रहा है। इस तरह जो अतरिक्त जमीन है वो अवैध प्लॉटिंग की श्रेणी में आता है। इस जमीन को प्रतीक अग्रवाल और उनके लोगों ने आम जनता को गुमराह करके उनकी गाढ़ी कमाई को गलत जमीन में लगवाया है। यह सारा खेल निगम के तत्कालीन अधिकारियों की मिली भगत से किया गया है।चौहान ग्रीन वेली के फेस 2 के अंदर खसरा नंबर 34 और 39 में लगभग 2 एकड़ जमीन खरीदी। बिना परमिशन के ही वहां अवैध प्लांटिंग करके कई प्लाट बेच दिए गए और कई प्लाटों की ब्रिकी अभी की जा रही है। जुनवानी में महर्षि विद्या मंदिर के पीछे प्रतीक अग्रवाल ने शासन को लगाया करोड़ों रुपए का चूना परमिशन 90 डिसमिल का और अवैध प्लॉटिंग कर दी कई एकड़ मे। जिले में प्रतीक अग्रवाल पिता सुरेश कुमार के श्री श्याम कंन्स्ट्रक्शन मेसर्स श्याम इंफ्रा और श्री श्याम बिल्डकॉन नाम से तीन अलग अलग फर्म हैं। जिनके पार्टनर प्रतीक अग्रवाल पिता सुरेश कुमाह हैं। प्रतीक अग्रवाल ने इन फॉर्मों के नाम पर जुनवानी क्षेत्र में कई एकड़ जमीन खरीदी है। इसके बाद इन्होंने मात्र 90 डिसमील भूमि का विकास अनुज्ञा लिया और उसकी आड़ में लगभग 4 एकड़ जमीन में प्लॉटिंग कर डाली है।नेता प्रतिपक्ष सिन्हा और पूर्व सभापति अरोरा का कहना है कि प्रतीक अग्रवाल ने इस तरह की धोखाधड़ी करके ना सिर्फ निगम प्रशासन और शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है. बल्कि गरीबों का हक भी मारा गया है। यदि प्रतीक अग्रवाल ने लगभग 4 एकड़ जमीन में प्लॉटिंग का परमीशन लिया होता तो उन्हें रेरा का लाइसेंस लेना पड़ता और रेरा के नियम के मुताबिक उन्हें उस कालोनी में रोड नाली पानी की सुविधा देने के साथ ही गरीब वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए भी अलग से जमीन छोड़नी पड़ती।उन्होंने ऐसा ना करके एक एकड़ से कम यानि 90 डिसमिल जमीन में प्लाटिंग का विकास अनुज्ञा लेकर रेरा से अपने आपको बचाया और उसकी जगह लगभग चार एकड़ जमीन में प्लाटिंग कर डाली है। कातुल बोर्ड में अपने फर्म के नाम पर फिर से जमीन का बड़ा रकबा खरीदा। इसके बाद उसमें अवैध प्लाटिंग करके निगम से बिना विकास अनुजा के बेच रहा है।