किसी भी खिलाड़ी के लिए अपनी विरोधी टीम को हराकर खिताब जीतना एक सपना होता है। ऐसा ही सपना संजोए बॉक्सिंग रिंग में उतरती है देवभूमि की बेटी। जो अपने मुक्के से विरोधी पक्ष को रिंग में चित्त कर हर मुकाबला अपने नाम करना चाहती है। इस बॉक्सर का सपना छह बार की विश्व चैंपियन रह चुकी मैरीकॉम जैसा बनना है।
दून के गढ़ी कैंट की रहने वाली अर्चना थापा बॉक्सर मैरीकॉम के जैसे कामयाब होना चाहती हैं। डीएवी (पीजी) कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई कर रही अर्चना राना ने बताया कि पिछले पांच साल से वह बॉक्सिंग खेल रही है। वह कहती है कि जब भी रिंग में उतरीं है तो उनके सामने देश के लिए गोल्ड जीतने का सपना आ जाता है। वह आज तक कई राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर अपने मुक्के का जलवा दिखा चुकी है। अर्चना ने कहा कि वह बॉक्सिंग में ही अपना करियर बनाना चाहती हैं। साथ ही ओलंपिक में प्रतिभाग कर देश के लिए स्वर्ण पदक जितना चाहती है।
मां हुमाकला ने कहा कि अर्चना ने अपने खेल से परिवार का नाम रोशन किया है। वहीं, अर्चना के पिता सूबेदार कमल बहादुर थापा (सेवानिवृत्त) का कहना है कि मुझे अपनी बेटी पर नाज है और पूर्ण विश्वास भी कि उसकी मेहनत और मेरे प्रयास जरूर एक दिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाब होंगे। अर्चना अवश्य एक दिन राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग रिंग में धमाल मचाकर परिवार और प्रदेश का नाम रोशन करेगी। अर्चना का एक भाई सेना में है जबकि छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है।
21 वर्षीय अर्चना ने बताया कि उन्होंने पांच साल पहले परेड ग्राउंड में पहला बॉक्सिंग मुकाबला खेला था। जिसके बाद उन्होंने कर्नाटक और रोहतक में दो राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले खेलकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। जबकि राज्य स्तर पर उन्होंने नैनीताल, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी समेत विभिन्न जगहों में प्रतिभाग कर कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं। इतना ही नहीं अर्चना के सिर बेस्ट बॉक्सर और बेस्ट चैलेंजर का भी ताज सजा है।
मैरीकॉम की तरह विश्व चैंपियन बन अपने मुक्के का जलवा दिखाना चाहती है देवभूमि की बेटी
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