त्योहार होता तो एक दिन का है लेकिन इसकी तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती हैं। घर की साफ-सफाई, पर्दे, बेडशीट धोना वगैरह तो काफी दिन पहले से ही शुरू हो जाता है और फिर त्योहार की रात को कई तरह के पकवान बनाना और अंत में मेहमानों का स्वागत करना। इतना सब करने के बाद थकान होना लाजिमी है। अगर त्योहारों की थकान अभी तक दूर नहीं हुई है तो, आजमाएं ये उपाय-
इन दिनों त्योहार का मौसम है। ऑफिस, घर-परिवार के साथ-साथ त्योहार के लिए भी तैयारी करनी पड़ती है। इसका असर खान-पान पर भी पड़ता है। जिम्मेदारियां अधिक होने का प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। काम की अधिकता से सबसे अधिक शारीरिक थकान होती है। थकान कई तरह के फिजिकल और मेंटल रोगों को भी बढ़ावा दे सकता है। नेचुरोपैथ विशेषज्ञ मानते हैं कि थकान से बचाव करना सबसे जरूरी है।
यहां हैं थकान से बचाव के कुछ उपाय
एर्गोनोमिक टूल्स का उपयोग करें : शारीरिक तनाव को कम करने के लिए डिज़ाइन किए गए टूल्स का उपयोग करने पर थकान कम होती है। एर्गोनोमिक हैंड टूल में गद्देदार या विशेष रूप से निर्मित हैंडल, स्ट्राइकिंग हेड या प्लेट हो सकती है। इससे व्यक्ति उपकरण पर मजबूत पकड़ बना पाता है और थकान कम होती है। हल्के वैक्यूम क्लीनर या एडजास्टबल क्लीनिंग टूल्स भी इस श्रेणी में आ सकते हैं।
आराम करने को ज्यादा तवज्जो दें : ज्यादा काम निश्चित तौर पर व्यक्ति को थका देता है। इस लिए काम करने से पहले जरूरी है कि ब्रेक के लिए समय निर्धारित कर लें। इसी ब्रेक के दौरान आराम करें।
कम मेहनत वाली एक्सरसाइज़ : मांसपेशियों के तनाव को कम करने और आराम को बढ़ावा देने के लिए हल्की एक्सरसाइज या योग रोज करें। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से हो पाती है और थकान कम होती है।
समय का मैनेजमेंट : घर, ऑफिस, परिवार की देखभाल जैसी रोजमर्रा की जिम्मेदारियों के साथ काम का एक्स्ट्रा बोझ थकान बढ़ा देता है। हम अक्सर अपने समय को प्रभावी ढंग से मैनेज नही कर पाते हैं। प्रायोरिटी वाले काम को अधिक समय देकर टाइम मैनेजमेंट करना चाहिए।
आगे की योजना बनाएं : अगर आप चाहती हैं कि सब काम सही समय पर हो और कोई दिक्कत न हो, तो इसके लिए एक योजना बनाएं। काम को उसी योजना के अनुसार करें।
सिंगल-टास्किंग पर ध्यान केंद्रित करें : मल्टीटास्किंग से बचें। मल्टीटास्किंग में कम समय में कई काम हो जाते हैं, लेकिन इससे काम सही ढंग से नहीं हो पाता है और थकान भी होती है। इसलिए एक समय में एक से ज्यादा काम करने की बजाय एक ही काम करें। अपनी पूरी ऊर्जा उसी काम पर खर्च करें।
दूसरों को कार्य सौंपना और न कहना सीखें : सब कुछ खुद नहीं किया जा सकता है। टीम के सदस्यों को कार्य सौंपने या कुलीग या परिवार के सदस्यों से मदद मांगने से संकोच न करें। जो कार्य आपसे नहीं हो सकता है, उसके लिए नहीं कहना सीखें। इससे महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए बहुमूल्य समय बचाया जा सकता है।
मेंटल हेल्थ का ध्यान रखें : सामाजिक और पारिवारिक दबाव में कोई भी कार्य नहीं करें। इससे तनाव हो सकता है और इमोशनल हेल्थ पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। इमोशनल हेल्थ की रक्षा के लिए व्यक्तिगत सीमाओं को स्पष्ट रूप से स्थापित करें और उसी सीमा के अंदर रहें। दोस्तों और परिवार के साथ जुड़ें और उन गतिविधियों में शामिल हों, जिनसे खुशी और संतुष्टि मिलती हो।
रिलैक्सेशन टेकनीक : भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देने और थकान दूर करने के लिए गहरी सांस लेना, मेडिटेशन या माइंडफुलनेस जैसी रिलैक्सेशन टेकनीक का अभ्यास करें।
डिस्क्लेमर- यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।