बदलते मौसम के साथ, खासकर सर्दियों में अक्सर लोगों की तबीयत खराब हो ही जाती है। लोग बुखार, खांसी, जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सर्दियों के मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर हो जाती है, जिससे बीमारियां शरीर को जल्दी जकड़ लेती हैं। खासकर इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा संभल कर रहने की जरूरत है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता व्यस्कों के मुकाबले कम होती है। इन्ही सब बीमारियों से बचने के लिए हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी बीमारियों से बच सकते हैं।
देशभर में इस समय तेजी से मौसम में बदलाव हो रहा है। कुछ जगहों पर तेज धूप तो कहीं ठंडी हवाएं चल रही हैं। सुबह सुबह ठंडी हवाओं और हल्की धूप के कारण लोगों को एक बार फिर सर्दी का अहसास हुआ। मौसम में बदलाव के कारण लोगों में सर्दी-जुकाम बुखार और गले की समस्याओं का जोखिम काफी सामान्य हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों और बुजुर्गों में इस तरह की समस्याओं का जोखिम सबसे अधिक देखा जाता है, ऐसे लोगों को बदलते मौसम में विशेष सावधानियों की जरूरत होती है। वहीं यदि आपको सर्दी-गले में खराश की दिक्कत हो भी जाती है तो हर बार इसके लिए दवाओं की आवश्यकता नहीं है, इसमें कुछ आसान से घरेलू उपाय करके भी लाभ पाया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं मौसम में होने वाले बदलाव के कारण सर्दी-जुकाम और गले में संक्रमण का जोखिम किसी को भी हो सकता है, हालांकि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उनमें इसका जोखिम अधिक हो सकता है। वर्षों से दादी-नानी के घरेलू नुस्खों की मदद से इस तरह की समस्याओं में आसानी से राहत पाया जाता रहा है। आइए ऐसे ही कुछ आसान से उपायों के बारे में जानते हैं जिनको प्रयोग में लाकर आप बिना दवाइयों के भी इस तरह की दिक्कतों से आराम पा सकते हैं।
सामान्य फ्लू के लक्षण
बदन दर्द, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, नाक बंद होना, खांसी
हालांकि कुछ इसी तरह के लक्षण कोरोना वायरस के भी हैं। इसलिए दोनों में फर्क करना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए बेहतर होगा कि आप 3-4 दिन के बाद एक बार डॉक्टर से जरूर मिल लें। अब आइए जानते हैं कि वायरल बुखार और फ्लू से बचने के लिए कौन से घरेलू उपाय जरूरी हैं।
दूध में हल्दी मिलाकर पीएं
दूध हो या हल्दी, दोनों ही सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। ऐसे में अगर आप इन दोनों को मिलाकर पीएं तो इससे और भी ज्यादा फायदा मिलेगा। दरअसल, हल्दी एंटीबायोटिक का काम करती है, इसलिए इसे दूध में मिलाकर पीना बेहतर होगा। आप हर रोज रात में सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में थोड़ी सी हल्दी मिला लें और उसे पी जाएं। यह सेहत के साथ-साथ आपको सर्दी-खांसी और वायरल फ्लू से भी बचाएगा।
नमक पानी के गरारे करें
गले में दर्द और खराश को कम करने और सर्दी के लक्षणों में नमक पानी के गरारे करने से लाभ मिलता है। एक गिलास पानी में 1 टेबल स्पून नमक डालकर 5 मिनट तक उबालें। जब तापमान सामान्य हो जाए तो इसे गरारे करने के लिए इस्तेमाल करें। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक गले में खराश की स्थिति में राहत के लिए दिन में 3-4 बार गरारे करने की सलाह दी जाती है। गरारे के साथ गुनगुने पानी का सेवन करना भी लाभकारी तरीका हो सकता है।
च्यवनप्राश भी है फायदेमंद
वैसे तो लोग हर समय च्यवनप्राश खाना पसंद करते हैं, लेकिन यह बदलते मौसम में ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल से बनाया जाने वाला च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक उत्पाद है, जो सर्दी-जुकाम से बचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर करता है।
भाप से बंद नाक में मिलता है आराम
बदलते मौसम के साथ होने वाले संक्रमण के कारण नाक बंद होने की समस्या सबसे सामान्य है। इसके लिए आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार गले की परेशानी या बंद नाक में पुदीना के पत्तों या अजवाईन के साथ भाप लेने से लाभ मिलता है। यह कफ को कम करने के साथ नाक को खोलने और सांस लेने को आसान बनाती है। गले में होने वाले खराश और दर्द की समस्याओं के जोखिम को कम करने में भी इस घरेलू उपाय के प्रभाव देखे गए हैं।
लौंग और शहद का सेवन
सूखी खांसी-गले में दर्द और खराश जैसी दिक्कतों को कम करने के लिए लौंग के चूर्ण और शहद को मिलाकर इसका सेवन करने से लाभ पाया जा सकता है। खांसी या गले में जलन होने पर दिन में 2-3 बार इसका सेवन किया जा सकता है। लौंग गले के संक्रमण को कम करने और शहद गले के खराश को कम करने में आपके लिए सहायक है। सर्दी-जुकाम की समस्याओं में इस उपाय से आराम पाया जा सकता है।
तुलसी का काढ़ा पिएं
तुलसी सबसे अच्छी एंटीवायरल जड़ी-बूटियों में से एक है जिसे खांसी, सर्दी और गले में खराश में बहुत प्रभावी माना जाता है। 4-5 तुलसी के पत्तों को थोड़े से पानी में उबालकर इसे पीने से लाभ मिलता है। आप चाहें तो इसमें शहद, अदरक मिला सकते हैं। तुलसी के काढ़े में काली मिर्च, अदरक, लौंग, दालचीनी मिलाकर इसका सेवन करने से भी इस तरह की समस्याओं में आसानी से लाभ पाया जा सकता है। यह काढ़ा प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी आपके लिए मददगार है।
शहद का प्रयोग करें
एक स्टडी में रीसर्च की गई कि एक साल और उससे अधिक साल के लोग अगर एक चम्मच शहद का उपयोग रोज़ करते हैं कि सूखी खांसी से निजात जल्दी पा सकते हैं। दरअसल शहद में जीवाणुरोधी गुण जो जलन को कम करने , गले को कोट करने में मदद कर सकता है। आप दिन में कई बार शहद का प्रयोग कर सकते हैं।
घरेलू काढ़ा बनाएं
रोज़ रात में अगर आप घरेलू चीज़ों से बना काढ़ा पीते हैं तो भी आपकी इम्यूनिटी अच्छी रहती है। अब काढ़ा कैसे बनाए ये बताते हैं। एक कटोरी में आधा भरा हुआ पानी लें, उसमें 4-5 साबुत काली मिर्च डालें, फिर उसी पानी में 3-4 लोंग डालें, और कूट कर अदरक डालें। फिर इस पानी को गैस पर तब तक उबालें जब तक ये पानी 3 चम्मच तक नहीं आ जाता और फिर एक चम्मच शहद मिला के उसे पी लें। उसके बाद एक घंटे तक पानी न पीएं। सबसे बेहतर है सोने से पहले पीकर सोएं। इससे न सिर्फ सूखी खांसी खत्म होगी बल्कि आपकी इम्यूनिटी भी अच्छी होगी।
काली मिर्च और हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन होता है। एक यौगिक जिसमें एंटी-इंफ्लेमेंटरी, एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। जिसकी वजह से यह सूखी खाँसी सहित कई स्थितियों में फायदेमंद होता है। काली मिर्च के साथ लेने पर करक्यूमिन रक्त प्रवाह में अच्छे तरह से अवशोषित होता है। आप संतरे के रस में 1 चम्मच हल्दी और 1/8 चम्मच काली मिर्च मिलाकर इसका सेवन कर सकते है।
लौंग और शहद
एक और घरेलू तरीका है जिससे आप अपनी सूखी खांसी को ठीक कर सकते हैं, वो है लौंग और शहद। लौंग को तवे पे भून लें और फिर अच्छी तरह बारीक कूट लें। फिर 2 चुटकी लौंग के साथ आधा चम्मच शहद मिला लें और फिर उसे चाट लें। ये आप दिन में 2-3 बार ले सकते हैं, लेकिन इसके बाद पानी का उपयोग कुछ देर तक न करें। कुछ ही दिनों में आपको लगेगा आपकी सूखी खांसी खत्म हो रही है।
अदरक और नमक
अदरक में एंटीमाइक्रोबियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) गुण मौजूद होता है। ऐसे में यह सुखी खांसी से राहत दिलाने में सहायता कर सकता है। अदरक के छोटे से टुकड़े को लेकर उस पर एक चुटकी नमक छिड़ककर या शहद लगाकर इसे दांतों के नीचे दबा लें। इस तरह अदरक का रस धीरे-धीरे मुंह के अंदर जाने दें। करीब 5-7 मिनट रखने के बाद कुल्ला कर लें।
घी और काली मिर्च
घी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह गले को नरम रखने का काम करता है। यदि आप घी में काली मिर्च पाउडर को मिलाकर खाएं, तो आपको सूखी खांसी में बहुत आराम मिल सकता है।
सर्दी जुकाम और खांसी से बचने के लिए क्या करें
सर्दी जुकाम और खांसी से बचने के लिए सबसे अच्छा यह होता है कि खुद को किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से दूर रखना। खाने में हमेशा ताजी सब्जियों का प्रयोग करें। आइसक्रीम जैसी ज्यादा ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन खांसी के समय ना करें। रात में सोने से पहले एक गोलकी का दाना या लांग मुंह में लेकर सोएं।
डिस्क्लेमर- यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।