रायपुर। छत्तीसगढ़ निजि नर्सिंग महाविद्यालय संघ के सचिव डॉ. प्रफ्फुल गुप्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि नर्सिंग कालेजों की ओर ध्यान दे। राज्य के नर्सिंग में लगभग 600 सीटे खाली पड़ी हुई है। जो की नियमो की अव्यवहारिकता व जटिलता के कारण है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को अस्पष्ट जानकारी देकर इतनी सारी रिक्त सीटो को समाप्त किया जा रहा है,जबकि इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु छत्तीसगढ़ राज्य में विद्यार्थी उपलब्ध है।
विगत 5 महीने से कॉउंसिलिंग प्रकिया चल रही हैं, विलंब होने के कारण पीएनटी परीक्षा में सम्मिलित विद्यार्थी नही मिल रहे है, किन्तु विभाग यह तर्क दे रही है कि 38000 नर्सेस राज्य में बेरोजगार है, यह तर्क पुर्णत: भ्रामक व असत्य है, जो नर्सेस पढ़ कर निकली है व शासकीय या निजि क्षेत्र में कार्यरत है। विभाग के अधिकारी मंत्री को गलत जानकारी दे रहे है कि कॉलेज संचालक यूपी बिहार से विद्यार्थी बुलाकर प्रवेश देते है,जबकि ऐसा नही है, छत्तीसगढ़ के अनेक विद्यार्थी ही इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना चाहते है किंतु प्रवेश परीक्षा न देने के कारण ये वंचित हो रहे है। छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में प्रवेश परीक्षा की बाध्यता नही है। इस वर्ष माननीय उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका के कारण इन सभी नर्सिंग कॉलेजों की गुणवत्ता की जांच करने सयुंक्त निरीक्षण समिति गठन की गई जो छापामार कार्यवाही करते हुए राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजो का विलंब से औचक निरीक्षण कार्य लगभग 2 माह तक संपादित किया। इसके पश्चात निरीक्षण समिति की अनुशंसा पर विश्वविद्यालय ने इस वर्ष लगभग 30 नर्सिंग कॉलेजों को शून्य वर्ष घोषित कर दिया।
इन 30 नर्सिंग कॉलेजों में से कुछ कॉलेजों ने उच्च न्यायालय के आदेश के माध्यम से अपना पक्ष रखने हेतु पुन: निरीक्षण करवाया जो कि लगभग 1 माह तक संपादित हुआ। चूंकि वर्तमान में पंजीकृत विद्यार्थी की मेरिट लिस्ट अब समाप्त हो गई है, और कोई भी ऐसे विद्यार्थी जो पीएनटी में सम्मिलित थे,अब उपलब्ध नहीं है,एवं सम्पूर्ण राज्य में बी. एस. सी. नर्सिंग की लगभग 600 सीटें रिक्त है। सत्र 2019 – 20 की काउंसिलिंग प्रक्रिया उच्च न्यायालय के निर्णय व जटिल प्रवेश नियमो के कारण इतनी लंबी चली, जिससे नर्सिंग में पंजीकृत विद्यार्थी दूसरे पाठ्यक्रमो में प्रवेश ले लिए, जिससे वर्तमान में मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों में लगभग 600 सीटें खाली हैं। उक्त सभी परिस्थितियों व तथ्यों में ध्यान रखते हुए आपसे विनम्र अनुरोध है कि विगत वर्षो की तरह इस वर्ष भी 12 वी उतीर्ण विद्यार्थियों के माध्यम से रिक्त सीटों में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाए।
राज्य के नर्सिंग कालेजों में 6 सौ से अधिक सीटें खाली….. मुख्यमंत्री स्वास्थ मंत्री से ध्यान देने की अपील
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