हर साल 26अगस्त को महिला समानता दिवस मनाया जाता है। इस दिन कई जगहों पर कार्यक्रमों और सेमिनार का आयोजन किया जाता है। कानून की नजर में महिला और पुरुष दोनों को ही बराबर का अधिकार मिला हुआ हो, लेकिन समाज में अभी भी महिलाओं को लेकर लोगों के मन में दोहरी मानसिकता है। महिला समानता दिवस की शुरुआत कैसे हुई और इस दिन को कब मनाया जाता है? चलिए इन सभी चीजों के बारे में आपको बताते हैं।
महिला समानता दिवस प्रति वर्ष रूप से 26 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के समान अधिकारों और विशेषताओं की मान्यता करने का एक अवसर है। महिला समानता दिवस का महत्वपूर्ण संकेत है कि महिलाएं समाज में पुरुषों के साथ बराबरी की प्राप्ति के लिए संघर्ष करने के अधिकार रखती हैं। महिला समानता एक मानवाधिकार के रूप में मानी जाती है। यह न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समाज के सभी सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक समरसता और न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए महिलाओं का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।विभिन्न आयोगों और संगठनों ने महिला समानता की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं और कदम उठाए हैं। महिलाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और उनके सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। महिला समानता के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ, महिलाओं ने भी विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति दिखाई है। वे नेतृत्व, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, खेल, और कला में अपने क्षमताओं का प्रदर्शन कर रही हैं। अत: महिला समानता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें महिलाओं के प्रति सम्मान और उनके समान अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। यह एक समरस और समृद्ध समाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। समाप्ति में, महिला समानता दिवस हमें यह सिखाता है कि समाज में सभी को समान अवसर मिलने चाहिए, चाहे वो पुरुष हो या महिला। यह दिन हमें यह स्मरण कराता है कि महिलाओं का समाज में महत्वपूर्ण योगदान है और हमें उनकी समर्पण और मेहनत की मान्यता करनी चाहिए।
कब मनाया जाता है महिला समानता दिवस?
हर साल दुनियाभर में 26 अगस्त को महिला समानता दिवस मनाया जाता है। इस दिन कई जगहों पर महिलाओं के अधिकारों से जुड़े कई कार्यक्रमों और सेमिनार्स का आयोजन किया जाता है।
क्या है महिला समानता दिवस का इतिहास?
साल 1853 से महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई अमेरिका में शुरू हुई थी। इस लड़ाई में विवाहित महिलाओं ने संपत्ति में अधिकार की मांग की थी। उस दौरान अमेरिका ही नहीं बल्कि कई पश्चिमी देशों में महिलाओं को कुछ अधिकार ही दिए गए थे और पुरुषों की तुलना में उनके साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता था और उन्हें इज्जत भी नहीं देते थे, लेकिन जब साल 1890 में अमेरिका में नेशनल अमेरिकन वूमेन सफरेज एसोसिएशन का गठन किया गया तब इस संगठन ने महिलाओं को वोट डालने का अधिकार देने की बात की। इसके बाद साल 1920 में महिलाओं को अमेरिका में वोट देने का अधिकार मिला। इस दिन को याद करते हुए हर साल दुनियाभर में महिला समानता दिवस मनाया जाने लगा।
महिला समानता दिवस मनाए जाने का उद्देश्य
महिला समानता दिवस को मनाए जाने के पीछे एक मुख्य उद्देश्य उन महिलाओं के संघर्षों को सम्मान देना है, जिन्होंने जीवनभर समान अधिकारों की पैरवी की और अंततः उनकी विजय भी हुई। जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं को भी पुरुषों के समान अधिकार दिए जाने लगे। निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आप महिला समानता दिवस मनाए जाने के कुछ अन्य उद्देश्य के बारे में भी जान सकते हैं-
* महिला समानता दिवस इसीलिए मनाया जाता है तांकि समाज में नारी सशक्तिकरण की भावना जागृत हो सके।
* महिलाओं के समान अधिकारों के लिए हुए संघर्षों के बारे में आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराना।
** समान अधिकारों के लिए निरंतर प्रयासरत रहना और इससे पैदा होने वाले लाभों के बारे में समाज को बताना।
* महिला समानता दिवस मनाए जाने का एक मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाओं को प्राप्त समान अधिकारों का संरक्षण करना भी है।
* महिलाओं में उमंग और जोश को भी भरना तांकि वह अपने सपनों को भी पूरा कर सकें, इसके लिए सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के उद्देश्य हेतु भी महिला समानता दिवस मनाया जाता है।
* महिला समानता दिवस का उद्देश्य महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मामलों में समानता और न्याय को प्रोत्साहित करना होता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा, उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और नेतृत्व में समानता को बढ़ावा देना होता है।
* महिला समानता दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज में महिलाओं के लिए समान अधिकारों की वकालत करना और प्राप्त समान अधिकारों के लिए संरक्षण करने के लिए जागृति फैलाने का होता है।
महिला समानता दिवस का महत्व
महिला समानता दिवस का महत्व महिलाओं के अधिकारों और समानता को प्रोत्साहित करने के लिए होता है। यह दिन महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पैमाने पर उनकी प्रगति को सुनिश्चित करने का एक माध्यम होता है। इस दिन कई जागरूकता कार्यक्रम और शिक्षात्मक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं जो महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को प्रस्तुत करती हैं।
महिला के तप-त्याग से ही मानवता का विकास होता है, इसके लिए समानता होना आवश्यक है। महिलाओं के अस्तित्व को नकारने वाला सभ्य समाज नहीं है, सभ्य समाज तो वही है जो समान अधिकारों की वकालत करता है।महिला सशक्तिकरण ही एक मात्र उपाय है, मानव की उन्नति का-सभ्यताओं की समृद्धि का, अपने इतिहास को नज़रंदाज़ करना, खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने के बराबर है। यह ऐतिहासिक दिन समाज में समानता की अखंड लौ को जलाए रखे। महिला समानता दिवस आपको प्रेरित करे, सृष्टि की जननी नारी के जीवन को सम्मानित करने का, महिला समानता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।