राज्यसभा ने आयुध संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी। इसमें प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण पर आजीवन कारावास तक की सजा और एक लाइसेंस पर अब केवल दो हथियार तक रखने का प्रावधान किया गया है। अभी तक एक लाइसेंस पर तीन हथियार रख सकते हैं। राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा ने इसे पारित कर दिया था। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने कहा कि वर्ष 1959 के अधिनियम में कई विसंगतियां थीं और इस विधेयक के माध्यम से उनको दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गैर कानूनी हथियारों को बेचने और तस्करी करने वालों को आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है, इसमें किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है। पुलिस से शस्त्र छीनने वाले और चुराने वालों के लिए भी सख्त प्रावधान किया गया है। प्रतिबंधित गोला-बारूद रखने वालों को सात से 14 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है।
हर्ष फायरिंग पर होगी जेल : विधेयक में लाइसेंस हथियार के नवीनीकरण की अवधि को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल किए जाने का प्रावधान किया गया है। विधेयक पर चर्चा के दौरान अधिकतर सदस्यों ने इस प्रावधान का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि त्योहारों, शादी विवाह के मौकों पर फायरिंग करने वालों को जेल जाना पड़ेगा।
जल्द ही कारतूसों पर भी नंबर होगा : रेड्डी ने कहा कि अर्ध सैनिक बलों ने 2019 में 1438 अवैध बंदूकों-पिस्तौलों को जब्त किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कारतूसों पर भी एक नंबर होगा।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि जिन व्यक्तियों के पास लाइसेंस पर दो से अधिक हथियार हैं, उन्हें अपने तीसरे या अधिक हथियारों को प्रस्तावित कानून के गजट में अधिसूचित होने के एक वर्ष के भीतर संबंधित पुलिस थाने या हथियार विक्रेता के पास जमा कराना होगा। इन हथियारों को निष्क्रिय किया जाएगा। चर्चा के दौरान कई सदस्यों ने कहा कि उन्हें अपने पूर्वजों से विरासत में कई शस्त्र मिले हैं। इस प्रस्तावित कानून में दो से अधिक हथियार रखने पर प्रतिबंध लगाने से उन्हें परेशानी होगी क्योंकि इन आयुधों के साथ उनके भावनात्मक संबंध हैं। इस पर गृह राज्य मंत्री ने कहा कि ऐसे शस्त्रों को कोई भी व्यक्ति अपने घर अब भी रख सकता है।
एक लाइसेंस में अब दो हथियार रख सकेंगेे लोग…. संसद ने पारित किया कानून
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