भिलाई। 16 अगस्त, 2023, (सीजी संदेश) : भिलाई निगम में आज हुई सामान्य सभा में विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी किंतु शुरूआती विषयों को छोड़कर अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर सत्तापक्ष के द्वारा शोर शराबा कर समान्य सभा के प्रस्ताव को बिना चर्चा किये ही बहुमत के आधार पर स्वीकृत कर दिया। जबकि चर्चा शुरू होते ही पार्षद पीयूष मिश्रा ने प्रस्ताव क्रमांक 1 पूर्ववर्ती सम्मेलन के कार्यवृत की पुष्टि करना यदि उसकी पुष्टि उस सम्मेलन में नहीं हुई हो। इस प्रस्ताव पर पार्षद पीयूष मिश्रा ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि नगर पालिक निगम भिलाई के विशेष सम्मेलन दिनांक 20.02.2023 के कार्यवाही विवरण की पुष्टि इस सामान्य सभा में नहीं की जा सकती क्योंकि किसी विशेष सम्मेलन की कार्यवाही विवरण की पुष्टि आगामी विशेष सम्मेलन में ही किया जाना संभव है। इसी प्रकार नगर पालिक निगम के संशोधित बजट वर्ष 2022-23 एवं अनुमानित बजट वर्ष 2023-24 पर विचार एवं अंगीकार करने हेतु नगर पालिक निगम की साधारण सम्मेलन दिनांक 31.03.2023 के कार्यवाही विवरण की पुष्टि नहीं की जा सकती क्योंकि नगर निगम अधिनियम 1956 में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी विशेष सम्मेलन की पुष्टि आगामी विशेष सम्मेलन में उसी प्रकार बजट बैठक की कार्यवाही पुष्टि आगामी बजट बैठक में ही की जा सकेगी।
महापौर परिषद् के वित्तीय अधिकारों के अंतर्गत स्वीकृत किये गये कार्यों पर पार्षद पीयूष मिश्रा ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि जिस प्रकार सफाई के कार्यों को पूर्व में जोनवार पृथक करके सामान्य सभा के समक्ष निविदा आमंत्रण की अनुमति के लिए लाया गया था किंतु अभी वर्तमान में देखने में आ रहा है कि हर जोन में स्थापित एसआरएम सेंटर में भी कचरे के सेग्रीगेशन के कार्य जो कि कुल राशि 6 करोड़ से उपर की है उसे महापौर परिषद् से स्वीकृत कराकर उसकी निविदा कर ली गई है जो कि पिछले वर्ष की स्वीकृत राशि से दोगुनी है। अगले प्रस्ताव संतोषीपारा तेलहानाला (करूणा अस्पताल से गौरव पथ तक) विकास कार्य के संबंध में था जिसमें चर्चा शुरू होने पर पार्षद पीयूष मिश्रा ने बताया कि इस कार्य की निविदा पूर्व में की जा चुकी है जिसमें 8 लोगों ने भाग लिया था इस प्रस्ताव पर 2 करोड़ 56 लाख 65 हजार की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसमें सबसे न्यूनतम दर दाता चंद्राकर कंस्ट्रक्शन के द्वारा 18 प्रतिशत एसओआर से कम का दर दिया गया था। जिसके बाद आयुक्त ने 21 लाख 31 हजार दो सौ पचास रूपए का एफडीआर जमा कर कार्यादेश जारी किया गया। जिसके बाद लगातार ठेकेदार के द्वारा 19.03.2021, 25.05.2021, 21.10.2021, 02.02.2022 को लिखित में यह बताया गया कि मुझे बार-बार ले आउट मांगने के बाद भी नहीं दिया जा रहा है क्योंकि अब कार्यादेश हुए एक वर्ष से अधिक हो गया है अतः मैं अब पूर्व की निर्धारित दर पर कार्य करने में समर्थ नहीं हूं, जिसके बाद तत्कालिक आयुक्त के द्वारा विलंब के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ शोकाज नोटिस जारी करने का टिप लिखा। पुनः निविदा की अनुमति प्रदान की गई जिसमें निविदा की दर 4.89 प्रतिशत एसओआर से अधिक की राशि आई। इस पूरी प्रक्रिया में शासन से स्वीकृति 23.12.2017 में आ चुकी थी इसके बाद भी कार्य के लिए इतना विलंब होने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिये ऐसाा कहा गया। इसके बाद भी पुरानी निविदा और नई निविदा के बीच का अंतर जो कि लगभग 24 प्रतिशत है इसके नुकसान की भरपाई जिम्मेदार अधिकारियों से की जानी चाहिये। जिसको आयुक्त ने स्वीकार किया।
इस प्रस्ताव के बाद सत्तापक्ष के लोगों द्वारा जानबूझकर विवाद की स्थिति निर्मित करने का प्रयास किया गया ताकि उनके द्वारा अनुचित व नियम विरूद्ध प्रस्तावों को बहुमत के आधार पर पास किया जा सके। पार्षद पीयूष मिश्रा ने बताया कि आज के विषय सूची में जिन विषयों को लाया गया था उनमें कुछ महत्वपूर्ण विषय जिनमें सत्तापक्ष और अधिकारियों के संगठित भ्रष्टाचार का प्रमाण देने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध थे किंतु उसपर सत्तापक्ष द्वारा चर्चा ही नहीं किया जाने दिया गया। प्रस्ताव क्रमांक 04 नगर पालिक निगम भिलाई अंतर्गत 500 सीट शहरी महिला अजीविका केंद्र का निर्माण कार्य। उक्त प्रस्ताव 395.39 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसमें संगठित भ्रष्टाचार करने के लिए मुख्य अभियंता संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से 210.63 लाख की एसओआर आइटम की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई किंतु 184.76 लाख की तकनीकी स्वीकृति नगर निगम भिलाई के अधीक्षण अभियंता से ली गई। एक ही कार्य की तकनीकी स्वीकृति नगरीय प्रशासन विकास विभाग और नगर निगम भिलाई के अधीक्षण अभियंता दो लोगों से लिया जाना स्पष्ट करता है कि नॉन एसओआर आइटम की बढ़ी हुई दरों की स्वीकृति मुख्य अभियंता संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से नहीं ली जा सकती थी इसलिए नॉन एसओआर की राशि 184.76 लाख की तकनीकी स्वीकृति नगर निगम के अधीक्षण अभियंता से कराई गई। अगर इस प्रस्ताव को उपयोग होने वाली सभी सामग्री एसओआर आइटम में उपलब्ध है तो नॉन एसओआर आइटम के स्वीकृति कराने की आवश्यकता क्यों पड़ी। इस प्रस्ताव में एसओआर आइटम पर प्रस्ताव तैयार करने पर लगभग नगर निगम भिलाई को 1 करोड़ रूपए की राशि का नुकसान होने से बचत होगा।
जोन 04 खुर्सीपार क्षेत्र में Establishment Infra non civil & Information technology set up for proposed IT/ ITES BPO center at bhilai हेतु EOI आमंत्रित की गई है। आज के सामान्य सभा के एजेंडे में उक्त प्रकरण निविदा आमंत्रण की अनुमति के लिए लाया गया था जबकि सामान्य सभा की स्वीकृति के पूर्व ही उक्त कार्य की निविदा करके कार्यादेश जारी कर कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। उसी प्रकार भिलाई साडा के समय आबंटित (व्यवस्थापित) प्रकरण जिसमें ऑफर की पूर्ण राशि जमा हो चुकी है किंतु पंजीयन नहीं हुआ है। उक्त प्रकरण में मानचित्र में परिवर्तन होने के कारण पंजीयन नहीं हो पाया था। अगर पंजीयन पूर्व में नहीं हुआ है तो किन कारणों से नहीं हो पाया था, क्या उन सभी कारणों की प्रतिपूर्ति कर दीगई है। यदि हां तो अब तक वो प्रकरण लंबित क्यों थे, ये केवल चुनावी घोषणा करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे ही पूर्व साडा के गठन के पश्चात निगम द्वारा विभिन्न आवासीय, आवास सह व्यवसायिक एवं व्यवसायिक योजनाओं में आबंटित 300 भूखण्डों के संबंध में प्रस्ताव लाया गया था जिसमें पूर्व में सामान्य सभा में निर्णय लेने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जिसमें शासन ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। जब शासन ने कोई निर्णय नहीं लिया है तो नगर निगम को इसमें कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। नगर निगम का सत्तापक्ष इन सभी महत्वपूर्ण विषयों से चर्चा में भाग लेने से बचता दिखाई दिया और शोर शराबा कर आज की सामान्य सभा को विवाद की भेंट चढ़ा दिया जिससे आज किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हो सकी। पार्षद पीयूष मिश्रा ने बताया कि इन सभी विषयों पर क्रमवार शासन से शिकायत करेंगे और जिन विषयों पर आवश्यक होगा न्यायालय तक भी जायेंगे।