भिलाई 24 मई 2023।भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा ठेका पद्धति से संयंत्र के श्रमिकों के लिये बनाया नया स्वास्थ्य परीक्षण की जटिल प्रकिया जो ठेकेदारों के विरोध के कारण विगत 15 मई से बंद है। इस कारण संयंत्र प्रबंधन को दैनिक 59,400/- एवम् आज दिनांक तक 5,34,600/-रुपया का नुक़सान हुआ है। स्वास्थ्य परीक्षण करने वाली कम्पनी को स्वास्थ्य परीक्षण नहीं होने के बावजूद भी लाभ हो रहा है। इसके बाद भी संयंत्र प्रबंधन के किसी भी बड़े अधिकारी कानों में जूं नहीं रेंग रही है तथा सुध लेने या कांट्रेक्टर एसोसिएशन से चर्चा कर समाधान निकाल रहे हैं। इससे श्रमिकों का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। बात नहीं बनने की स्थिति में श्रमिकों के द्वारा उग्र आन्दोलन किया जावेगा।
गौरतलब है कि भिलाई इस्पात संयंत्र एवं भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत ठेकेदार के साजिश के तहत ठेका श्रमिकों का स्वस्थ्य परीक्षण कराकर स्थानीय श्रमिकों को कार्यमुक्त या बेरोजगार करने का गंभीर साजिश किया जा रहा। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा आनन-फानन परिपत्र जारी कर ठेका श्रमिको के गेट पास बनाने के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र के सुरक्षा विभाग एवं औ.स. विभाग द्वारा स्वस्थ्य का मेडिकल परीक्षण के बाद ही ठेका श्रमिको का संयंत्र में काम करने के लिए गेट पास जारी करने हेतु शर्ते लागू किया है। जिसके के लिए भिलाई संयंत्र ने किसी प्रकार कि कोई जानकारी, ना ही किसी प्रकार के निविदा के, ना ही किसी प्रकार के आमसूचना के बिलासपुर के पेरिओडिकल मेडिकल सेन्टर नाम के संस्था को गुपचुप तरीके से शारीरिक चिकित्सा परीक्षण हेतु लगभग पौने छै करोड़ कि राशी की एक पक्षीय निविदा को प्रदान किया गया है जोकि एक जांच का विषय है। यह संस्था संयंत्र के स्थाई एवं ठेका श्रमिकों का मेडिकल परीक्षण कर परिणाम प्रस्तुत करेगा। लेकिन वर्तमान में संयंत्र में कार्यरत स्थानीय ठेका श्रमिकों के लिए संयंत्र प्रबंधन द्वारा सख्त स्वास्थ्य मेडिकल परीक्षण के, जाँच का मापदंड (parameter of medical test scale) का जो पैमाना निर्धारित किया गया है। अगर खून में जाँच में खून में ग्लूकोज की मात्रा, सामान्य स्तर से दस से बीस अधिक ग्लूकोज पाये जाने पर, जाँच रिपोर्ट में उसे शारीरिक रूप से चिकित्सकीय अयोग्य (medically unfit).घोषित कर दिया जा रहा है। ठीक वैसे ही रक्तचाप (blood pressure) का भी सामान्य स्तर से दस से बीस अधिक पाये जाने पर उसे शारीरिक रूप से चिकित्सकीय अयोग्य घोषित कर दिया रहा है। जो ठेका श्रमिक वर्षों से भिलाई इस्पात संयंत्र को सेवा देते-देते 50 कि ऊम्र (अधेड़ उम्र) पार कर चुके है उन श्रमिकों को भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा स्वास्थ्य मेडिकल परीक्षण कर चिकित्सकीय मापदंडों ( parameter of medical test scale) का वजह बताकर रोजगार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि स्थानीय श्रमिक भिलाई इस्पात संयंत्र के विभिन खतरनाक विभाग (कोक ओवन, धमन भटटी, सिंटर प्लांट, रेल मिल वायर रॉड मिल, एसएम्एस, और इत्यादि) में धूल मिटटी, कोल डस्ट, आयरन और डस्ट, जहरीली गैस, कान फोडू ध्वनि प्रदुषण, उच्च तापमान आदि के परिवेश में प्रभावित होकर कार्य कर रहे है। एचएसएल टी संगठन के श्याम सुंदर राव और विनस साइमन ने इसका पुरजोर विरोध कर आंदोलन की चेतावनी दी है।