वर्ष 1999 से ही भारत में हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन देश के परमाणु संपन्न होने के गर्व का प्रतीक है तथा ये हमें भारत की तकनीकी उपलब्धियों की भी याद दिलाता है। इस साल 2023 में 25वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई को गुरूवार के दिन एक ख़ास विषय के साथ मनाया जा रहा है।
भारत निश्चित रूप से तकनीकी प्रगति में एक लंबा सफर तय कर चुका है, इसलिए हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस यानी नेशनल टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day) मनाया जाता है. भारत द्वारा परमाणु हथियारों वाले राष्ट्रों के समूह में सफलतापूर्वक प्रवेश करने के बाद 1999 में पहली बार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया था. ऑपरेशन शक्ति के तहत राजस्थान (Rajasthan) में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में 1998 में भारत की पहली परमाणु मिसाइल के परीक्षण-प्रक्षेपण में काफी महत्वपूर्ण व्यक्तियों के समूह को सम्मानित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी बोर्ड को एक दिन बनाने के लिए प्रेरित किया गया था. इसके बाद, समूह ने दो दिन बाद दो और मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. ऐसा करने पर, भारत इस एलाइट ग्रुप ऑफ नेशन्स में शामिल होने वाला छठा राष्ट्र बन गया। 11 मई को राजस्थान के पोखरण परीक्षण श्रृंखला में भारत ने दूसरी बार सफलतापूर्व परमाणु परीक्षण किया था, जिसका नेतृत्व डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था, इसलिए इस उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है. ऐसे में इस खास अवसर पर आप इन विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, एचडी इमेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में जानकारी
नाम : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
तिथि : 11 मई (वार्षिक)
घोषणा : 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा
पहली बार : 11 मई 1999
थीम (2023) : इस वर्ष का विषय है, “स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइट यंग माइंड्स टू इनोवेट” है।
उद्देश्य : परमाणु परीक्षण के सफलता की वर्षगांठ और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत कि प्रगति का उत्सव मानना
नेशनल टेक्नोलॉजी डे की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)
प्रतिवर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 1999 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गयी थी, और 11 मई 1999 को इसे पहली बार मनाया गया था। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस उस दिन को याद करते हुए मनाया जाता है, जब वर्ष 1998 में ऑपरेशन शक्ति के तहत भारतीय सेना द्वारा राजस्थान के पोखरण परीक्षण रेंज में परमाणु मिसाइल शक्ति-1 का सफल परीक्षण किया गया। जिसके बाद भारत भी उन 6 देशों की लिस्ट मे शामिल हो गया जो परमाणु शक्ति से सम्पन्न है। इसके साथ ही 11 मई 1998 को ही भारत की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा निर्मित स्वदेशी शॉर्ट-रेंज मिसाइल (त्रिशूल) और राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं में बनाया गया एयरक्राफ्ट (हंस-3) का भी सफल परीक्षण किया गया था।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों मनाया जाता है? (महत्व)
वर्ष 1998 में हासिल हुई भारत की तकनीकी उपलब्धियों और परमाणु संपन्न देश होने के दिन को याद करते हुए प्रत्येक वर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े सभी सम्मानित व्यक्तियों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और इंजीनियरों आदि की उपलब्धियों को याद करना और उनके कार्यों की सराहना करना है। इसके साथ ही यह हमारे देश में हुए तकनीकी नवाचारों को सम्मानित करने का भी दिन है, इस दिन भारत सरकार के विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग (DST) का एक वैधानिक निकाय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDB) तकनीक के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान वाले लोगों को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार वितरित करता है। आज भारत ने टेक्नोलोजी जगत में अपना अलग ही मुकाम बना लिया है। भारत के पास आज अत्याधुनिक हथियार और परमाणु ताकत है, जो भारत को शक्तिशाली देशों में से एक बनाता है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 की थीम
प्रति वर्ष 11 मई को यह दिवस एक ख़ास Theme (विषय) के साथ मनाया जाता है, इस साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 की थीम ‘इस वर्ष का विषय है, “स्कूल टू स्टार्टअप्स-इग्नाइट यंग माइंड्स टू इनोवेट” है। इससे पहले 2022 में नेशनल टेक्नोलॉजी डे की थीम ‘प्रगति: तकनीकी नवाचारों के माध्यम से विकास के रास्ते को बढ़ावा देना‘ थी।
* जहाँ साल 2021 का विषय “एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” पर आधारित था, तो वहीं
* 2020 की Theme ‘रीबूटिंग द इकोनॉमी विद साइंस, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च ट्रांसलेशन‘ रखी गयी थी।
* 2022 : प्रगति, तकनीकी नवाचारों के माध्यम से विकास के रास्ते को बढ़ावा देना
* 2021 : एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी
* 2020 : रीबूटिंग द इकोनॉमी विद साइंस, टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च ट्रांसलेशन
* 2019 : विज्ञान के लिए लोग और लोगों के लिए विज्ञान
* 2018 : स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का व्यवसायीकरण: बेंचमार्क से व्यवसाय तक की यात्रा
* 2017 : समावेशी और टिकाऊ विकास के लिए प्रौद्योगिकी
* 2016 : स्टार्टअप इंडिया के प्रौद्योगिकी समर्थक
* 2015 : भारत के लिए समावेशी अभिनव
* 2014 : अभिनव – एक अंतर बनाना
प्रधानमंत्री करेंगे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कार्यक्रम का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 मई, को सुबह साढ़े 10 बजे प्रगति मैदान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के 25वें वर्ष के समारोह के प्रारंभ का प्रतीक होगा, जो 11 से 14 मई तक आयोजित किया जाएगा।
प्रमुख वैज्ञानिक परियोजनाएं
प्रधानमंत्री इस गौरवपूर्ण अवसर पर देश में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति से जुड़ी 5800 करोड़ रुपए से अधिक की अनेक परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। यह देश में वैज्ञानिक संस्थानों को मजबूत बनाने के प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के वीजन के अनुरूप है।
* जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, उनमें लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (एलआईजीओ-इंडिया), हिंगोली; होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, जतनी, ओडिशा और टाटा मेमोरियल अस्पताल के मुंबई के प्लैटिनम जुबली ब्लॉक हैं।
* महाराष्ट्र के हिंगोली में विकसित होने वाला एलआईजीओ-इंडिया विश्व में गिने-चुने लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी में से एक होगा। यह चार किलोमीटर भुजा लंबाई का एक अत्यंत संवेदनशील इंटरफेरोमीटर है, जो ब्लैक होल तथा न्यूट्रन सितारों जैसे बड़े स्तर पर खगोल भौतिकी वस्तुओं के विलय के दौरान उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण तरंगों की सेंसिंग में सक्षम है। एलआईजीओ-इंडिया अमेरिका में संचालित दो ऐसी वैधशालाओं के साथ सिंक्रोनाइजेशन में काम करेगा- एक हैनफोर्ड वाशिंगटन में और दूसरा लिविंगस्टन, लूईसियाना में।
* राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली परियोजनाओं में फिशन मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा, मुंबई, रेयर अर्थ परमानेंट मैगनेट प्लांट, विशाखापत्तनम, नेशनल हैड्रॉन बीम थैरेपी सुविधा, नवी मुंबई, रेडियोलॉजिकल रिसर्च यूनिट, नवी मुंबई, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, विशाखापत्तनम तथा वूमन एंड चिल्ड्रेन हॉस्पिटल बिल्डिंग, नवी मुंबई शामिल हैं।
* रेयर अर्थ परमानेंट मैगनेट (दुर्लभ पृथ्वी स्थायी चुंबक) का उत्पादन मुख्य रूप से विकसित देशों में होता है। दुर्लभ स्थायी पृथ्वी चुंबक के उत्पादन की सुविधा विशाखापत्तनम में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र परिसर में विकसित की गई है। यह सुविधा स्वदेशी प्रौद्योगिकी के आधार पर तथा स्वदेशी संसाधनों से निकाली गई स्वदेशी दुर्लभ सामग्री का उपयोग करके स्थापित की गई है। इस सुविधा के साथ भारत रेयर अर्थ परमानेंट मैगनेट के उत्पादन करने की क्षमता वाले देशों के चुनिंदा समूह में शामिल हो जाएगा।
* टाटा मेमोरियल सेंट्रर, नवी मुंबई की नेशनल हैड्रॉन बीम थैरेपी सुविधा अत्याधुनिक सुविधा से लैस है, जो आसपास की सामान्य संरचनाओं को न्यूनतम डोज के साथ ट्यूमर में विकरण की अत्यधिक सटीक डिलीवरी करने का काम करती है। लक्षित टिशू को डोज की सटीक डिलीवरी रेडिएशन थैरेपी के प्रारंभिक और विलंबित दुष्प्रभावों को कम करती है।
* फिशन मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के ट्रॉम्बे परिसर में है। मोलिब्डेनम-99 टेक्नेटियम-99एम का मूल है, जिसका उपयोग कैंसर, हृदय रोग आदि की प्रारंभिक पहचान के लिए 85 प्रतिशत से अधिक ईमेजिंग प्रक्रियाओं में किया जाता है। इस सुविधा से प्रतिवर्ष लगभग 9 से 10 लाख रोगियों का स्कैन हो सकेगा।
* अनेक कैंसर अस्पतालों और सुविधाओं की आधारशिला रखने तथा उन्हें समर्पित करने से देश के विभिन्न क्षेत्रों में विश्व स्तरीय कैंसर देखभाल के प्रावधान विकेंद्रित होंगे और बढ़ेंगे।
अटल नवाचार मिशन तथा अन्य घटक
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, 2023 के अवसर पर कार्यक्रम और समारोह में अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) पर विशेष ध्यान दिया गया है। एआईएम पैविलियन इस वर्ष के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के विषय पर प्रकाश डालते हुए नवाचारी परियोजनाओं का प्रदर्शन करेगा और आगंतुकों को लाइव टिंकरिंग सत्रों को देखने, टिंकरिंग गतिविधियों में शामिल होने, स्टार्ट अप द्वारा उत्कृष्ट नवाचारों और उत्पादों को देखने का अवसर प्रदान करेगा। एआर/वीआर, डिफेंस टेक, डीजी यात्रा, टेक्सटाइल और लाइफ साइंसेज जैसे कई सहयोग क्षेत्रों के साथ। प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान भारत में हाल की वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकी प्रगति दिखाने वाले एक्सपो का भी उद्धाटन करेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर स्मारक स्टैंप और सिक्का जारी करेंगे।