दुनिया भर में पीड़ितों व असहाय लोगों का दुख-दर्द दूर करने के लिए सदैव तैयार रहने वाली रेडक्रास संस्थाओं के इतिहास में आज का दिन बड़ा महत्वपूर्ण है। 8 मई का दिन रेडक्रास के संस्थापक हैनरी डयूना के जन्मदिन की याद में विश्व रेडक्रास दिवस के तौर पर मनाया जाता है। विश्व रेड क्रॉस दिवस अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन के आवश्यक आदर्शों को मनाने का एक अवसर है। यह वैश्विक स्तर पर रेड क्रॉस स्वयंसेवकों के योगदान को पहचानने और मानवीय पहलों में भाग लेने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए 8 मई को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। 8 मई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रेड क्रॉस (ICRC) की अंतर्राष्ट्रीय समिति के संस्थापक और नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति जीन-हेनरी डुनेंट के जन्मदिन का प्रतीक है।
अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट आंदोलन के मूल सिद्धांतों के उपलक्ष्य में हर साल 8 मई को विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट दिवस मनाया जाता है। यह दिन पहले नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के संस्थापक हेनरी डुनांट की जयंती के सम्मान में मनाया जाता है। हर साल इस दिवस को मनाने के लिए एक थीम तय की जाती है जिसके इर्द गिर्ध पूरा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। क्योंकि दुनिया भर के लोगों को कारण में शामिल होने और अपने स्वयं के व्यक्तिगत तरीकों से शांति में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट दिवस का उद्देश्य रेड क्रॉस आंदोलन के मूल सिद्धांतों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सभी को मानवीय कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करना है। बीमारियों, आर्थिक असमानता और अन्य कारणों सहित विभिन्न मुद्दों के परिणामस्वरूप दुनिया भर में महत्वपूर्ण पीड़ा होती है। रेड क्रॉस मूवमेंट जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करके पीड़ा को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।इसके अलावा विश्व रेड क्रॉस दिवस करुणा और दया के महत्व पर जोर देता है। गरीबी से पीड़ित लोग सहायता के छोटे कार्यों से भी लाभान्वित हो सकते हैं। इसी तरह दयालुता के छोटे-छोटे कार्यों से गरीबी से पीड़ित लोगों की मदद करना संभव है। ऐसे ही कई जानकारी और फैक्ट पर यह लेख तैयार किया गया है। इस लेख में हमने कई पॉइन्ट एड किए है जैसे कि वर्ल्ड रेड क्रॉस डे 2023 कब है, वर्ल्ड रेड क्रॉस डे का इतिहास, वर्ल्ड रेड क्रॉस डे का महत्व, Word Red Cross Day 2023 Theme, वर्ल्ड रेड क्रॉस डे क्यों मनाया जाता है?वर्ल्ड रेड क्रॉस डे का उद्देश्य आदि।
विश्व रेडक्रॉस दिवस
“विश्व रेडक्रॉस दिवस” 8 मई को हर साल जीन हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिन की याद में मनाया जाता है। 1901 में वो शांति के लिए प्रथम नोबेल पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति थे। वह “अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी” के संस्थापक थे जिन्होंने बहुत से लोगों की जान बचाई थी। यह संस्था आपातकालीन स्थिति जैसे युद्ध और प्राकृतिक आपदा में पीढ़ित लोगों की मदद करती है। इस पर्व को हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह संस्था पिछले 150 से ज्यादा सालों से गरीब और असहाय लोगों की मदद कर रही है। भारत में रेड क्रॉस सोसायटी की स्थापना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के अनुसार की गई थी। विश्व के 210 देश रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े हुए हैं। ‘Find the Volunteer in side you’ (अपने अन्दर के स्वयं सेवक को पहचानें) इसका नारा है।
एक भयावह युद्ध से आया रेड क्रॉस का आइडिया
जॉन हेनरी डिनैंट स्विटजरलैंड के एक उद्यमी थे। 1859 में वह फ्रांस के सम्राट नेपोलियन तृतीय की तलाश में गए थे। उन दिनों अल्जीरिया पर फ्रांस का कब्जा था। डिनैंट को उम्मीद थी कि अल्जीरिया में व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने में नेपोलियन उनकी मदद करेंगे। लेकिन डिनैंट को सम्राट नेपोलियन से मिलने का मौका नहीं मिला। इसीबीच वह इटली गए जहां उन्होंने सोल्फेरिनो का युद्ध देखा। एक ही दिन में उस युद्ध में 40,000 से ज्यादा सैनिक मारे गए और घायल हुए। किसी भी सेना के पास घायल सैनिकों की देखभाल के लिए चिकित्सा कोर नहीं थी। डिनैंट ने स्वंयसेवकों के एक समूह को संगठित किया। उनलोगों ने घायलों तक खाना और पानी पहुंचाया। घायलों का उपचार किया और उनके परिवार के लोगों को पत्र लिखा। इस घटना के 3 साल बाद डिनैंट ने अपने इस दुखद अनुभव को एक किताब के रूप में प्रकाशित किया। किताब का नाम था ‘अ मेमरी ऑफ सोल्फेरिनो’। उन्होंने युद्ध के भयावह दृश्य के बारे में पुस्तक में लिखा था। उन्होंने बताया कि कैसे युद्ध में अपने अंगों को गंवाने वाले लोग कराह रहे थे। उनको मरने के लिए छोड़ दिया गया था। पुस्तक के अंत में उन्होंने एक स्थायी अंतरराष्ट्रीय सोसायटी की स्थापना का सुझाव दिया था। ऐसी सोसायटी जो युद्ध में घायल लोगों का इलाज कर सके। ऐसी सोसायटी जो हर नागरिकता के लोगों के लिए काम करे। उनके इस सुझाव पर अगले ही साल अमल किया गया।
रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना
फरवरी, 1863 में जिनीवा पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी ने एक कमिटी का गठन किया। उस कमिटी में स्विटजरलैंड के पांच नागरिक शामिल थे। कमिटी को हेनरी डिनैंट के सुझावों पर गौर करना था। कमिटी के पांच सदस्यों का नाम इस तरह से है, जनरल ग्यूमे हेनरी दुफूर, गुस्तावे मोयनियर, लुई ऐपिया, थिओडोर मॉनोइर और हेनरी डिनैंट खुद। ग्यूमे हेनरी दुफूर स्विटजरलैंड की सेना के जनरल थे। एक साल के लिए वह कमिटी के अध्यक्ष रहे और बाद में मानद अध्यक्ष। गुस्तावे युवा वकील थे और पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी के अध्यक्ष थे। उसके बाद से उन्होंने अपने जीवन को रेड क्रॉस कार्यों के लिए समर्पित कर दिया। लुई और थिओडोर चिकित्सक थे। हेनरी डयूनेन्ट ने 9 फरवरी 1863 को इस संस्था की स्थापना स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में पांच लोगों की कमेटी बनाकर की थी। उन्होंने इसका नाम “इंटरनेशनल कमिटी फॉर रिलीफ टू द वाउंडेड” रखा था। उस वर्ष जिनेवा में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ जिसमें 18 देशों ने इस संस्था में हिस्सा लिया। उसके बाद रेडक्रास सोसायटी को कानूनी रूप प्रदान किया गया। सफेद पट्टी पर लाल रंग का क्रॉस का चिन्ह इस संस्था का निशान है। रेड क्रॉस संस्था ने विश्व का पहला ब्लड बैंक अमेरिका में 1937 को खोला था। थैलेसीमिया, कैंसर, एनीमिया, एड्स जैसी घातक बीमारियों के रोगियों की यह संस्था मदद करती है।
8 मई को ही क्यों?
रेडक्रॉस के जनक जॉन हेनरी डिनैंट का जन्म 8 मई, 1828 को हुआ था। उनके जन्मदिन को ही विश्व रेडक्रॉस दिवस के तौर पर मनाया जाता है। साल 1901 में हेनरी डिनैंट को उनके मानव सेवा के कार्यों के लिए पहला नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
विश्व रेड क्रॉस दिवस 2023 की थीम क्या है?
ये दिवस हर साल एक नए विषय (थीम) के साथ मनाया जाता है। पिछले साल इस दिवस का विषय था मानवीय बनो (#BeHumanKind) और इस साल विश्व रेड क्रॉस दिवस की थीम है “हम जो कुछ भी करते हैं #दिल से करते हैं। (#FromHeart) हम अपने समुदायों में लोगों को “अगले दरवाजे वाले व्यक्ति” के रूप में मनाना चाहते हैं।
पिछले कुछ सालों की थीम
2023 : रेड क्रॉस आंदोलन के सार्वभौमिक, मानवीय और विविध पहलुओं पर प्रकाश डालना
2022 : #मानवता बनो
2021 : #अनस्टॉपेबल
2020 : #ताली बजाते रहो
2019 : #प्यार
2018 : दुनिया भर से यादगार मुस्कान
2017 : कम ज्ञात रेड क्रॉस कहानियां
2016 : हर जगह हर व्यक्ति के लिए
2015 : मानवता के लिए एक साथ
2014 : सभी लोगों के लिए एक साथ हो जाओ
2013 : मानवता के कारण एक साथ रहें
2012 : युवाओं की चाल
2011 : उस स्वयंसेवक की तलाश करें जो आपके अंदर है
2010 : शहर
2009 : जलवायु में परिवर्तन और इसका कारण मानव है जो आज के सोलफेरिनो के रूप में कार्य करता है
रेड क्रॉस सोसायटी के प्रमुख सिद्धांत
रेड क्रॉस सोसाइटी के मुख्या सिद्धांत इस प्रकार हैं –
मानवता: इसका प्रमुख सिद्धांत मानवता की सेवा करना है। विश्व में कहीं भी युद्ध चल रहा हो, वहां के घायल सिपाहियों, सैनिकों की यह संस्था निस्वार्थ भाव से सेवा करती है।
निष्पक्षता: यह जाति, धर्म, वर्ग, राजनीति, देश के नाम पर भेदभाव नहीं करती है। यह संस्था सभी पीड़ितों की मदद निष्पक्ष रुप से करती है।
तटस्थता: रेड क्रॉस सोसायटी एक तटस्थ संस्था है। यह किसी भी देश या सरकार का पक्ष नहीं लेती है। यह सभी की एक समान भाव से मदद करती है।
स्वतंत्रता: यह एक स्वतंत्र संस्था है। यह किसी देश की सरकार के दबाव में काम नहीं करती है।
स्वैच्छिक सेवा: यह संस्था किसी भी स्वार्थ के लिए मानव सेवा का काम नहीं करती है। रेड क्रॉस सोसाइटी का अभियान पूरी तरह से निस्वार्थ होता है।
एकता: यह अपनी समाज सेवा और मानव कार्यों से संपूर्ण विश्व में एकता लाना चाहती है। इस संस्था का उद्देश्य सभी देशों के बीच प्रेम शांति बनाए रखना है। युद्ध को रोकना इसका उद्देश्य है।
सार्वभौमिकता: यह एक सार्वभौमिक संस्था है। यह विश्व के सभी देशों में उपलब्ध है और अपनी सेवाएं देती है।
रेडक्रॉस सोसायटी का उद्देश्य और कार्य
* इस संस्था का मुख्य उद्देश्य युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की मदद और चिकित्सा करना है। रेड क्रॉस आंदोलन को अधिक से अधिक देशों में फैलाना है। बंदी शिविर में सैनिकों की देखरेख करना, युद्ध बंदियों का इलाज करना प्रमुख उद्देश्य है।
* शांति और युद्ध के समय यह विभिन्न देशों की सरकार के बीच समन्वय का कार्य करती है। महामारी बीमारी जैसी प्राकृतिक आपदा में पीड़ितों की सहायता करती है। मानव सेवा का कार्य करती है।
* युद्ध में सैकड़ों सिपाही विकलांग हो जाते हैं। अनेक सिपाहियों की जान चली जाती है। आम नागरिक की हालत बेहद दयनीय हो जाती है। संस्था बिना भेदभाव के लोगों की सेवा करती है।
भारत में इसकी स्थापना
दुनिया के लगभग 210 देश इस संस्था से जुड़े हुए हैं। भारत में रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना साल 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के अनुसार की गई। भारत में रेडक्रॉस सोसाइटी की 700 से भी अधिक शाखाएं हैं। रेड क्रॉस सोसाइटी के सिद्धांतों को मान्यता साल 1934 में 15वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मिली, जिसके बाद इसे दुनियाभर में लागू किया गया।
साल 1948 में मनाया गया पहला रेड क्रॉस दिवस
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस सोसाइटी (IFRC) ने हर वर्ष इस दिवस को मनाए जाने की मांग की। जिसके बाद हर साल वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाने की शुरुआत हुई। आठ मई 1948 को पहला वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया गया। साल 1984 में आधिकारिक रूप से इसका नाम वर्ल्ड रेड क्रॉस डे और रेड क्रेसेंट डे रखा गया।
रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य
रेड क्रॉस सोसाइटी के उल्लेखनीय कार्य और मदद –
* इस संस्था ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बहुत से घायलों का प्राथमिक उपचार किया। द्वितीय विश्व युद्ध में अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में हजारों लोग मारे गए। सैकड़ों घायल हुए। इन घायलों की सेवा रेडक्रास सोसायटी ने की थी। पहले विश्व के अनेक देशों में रेडक्रास सोसायटी पर प्रतिबंध था। परंतु अब विश्व के लगभग सभी देशों में इसकी शाखाएं खुल गई हैं और यह मानव सेवा करने का काम सभी देशों में कर रही है।
* विश्व के 186 देशों में रेड क्रॉस सोसायटी काम कर रही है। यह रक्तदान शिविरों का आयोजन करती है। जगह-जगह ब्लड बैंकों की स्थापना की है। रक्तदान जागरूकता अभियान भी चलाती है। जानलेवा बीमारियों जैसे कैंसर, एनीमिया थैलीसीमिया से बचाव के तरीके लोगों को बताती है। संस्था के सदस्य निस्वार्थ भाव से मानव सेवा का काम करते हैं। रोगियों घायलों सैनिकों की मदद करते हैं। भारत के गांव और शहरों में यह एंबुलेंस दवाइयां पहुंचाने का काम करती है।
* रेड क्रॉस चिन्ह का गलत इस्तेमाल करने पर 500 रूपये जुर्माना लगाया जाता है और उस व्यक्ति की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। बहुत सी संस्थाएं, क्लीनिक और अस्पताल रेड क्रॉस चिन्ह का प्रयोग करते हैं। बहुत ऐसे डॉक्टरों को इस चिन्ह का अर्थ भी नहीं पता है, फिर भी वे इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं।
रेड क्रॉस सोसायटी के लिए चुनौतियां
मानव सेवा का काम करना बहुत मुश्किल है। विश्व के अनेक देशो में अधिक से अधिक परमाणु हथियार बनाने की होड़ लगी हुई है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया, इराक, ईरान जैसे देश आतंकवाद से जूझ रहे हैं। वर्तमान में आतंकवाद एक बहुत बड़ी चुनौती बनकर प्रकट हुआ है। आतंकवादी अक्सर रेड क्रॉस सोसायटी के सदस्यों का अपहरण कर लेते हैं और उनकी हत्या कर देते हैं। पर तब भी यह रेडक्रॉस सोसाइटी और इसके कार्यकर्ता हर जगह दृढ़ता और मेहनत से अपना काम कर रहे हैं।
कोरोना काल में रेड क्रॉस की भूमिका
इस सोसाइटी का नारा है- अपने अन्दर के स्वयं सेवक को पहचानें। मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, सार्वभौमिकता और एकता जैसे सिद्धांतों पर कार्यरत इस संस्था की भूमिका कोरोना संकट के दौर में और भी जयादा महत्वपूर्ण थी।
* हजारों तरह की राहत सामग्री के साथ क्वारंटीन सेंटर सेवा
* भोजन उपलब्ध कराना और लोगों को परिवार से मिलाना
* शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना
* ब्लड बैंकों के जरिए खून की कमी दूर करना
* इस सोसाइटी के लाखों स्वयंसेवी इस महामारी के दौर में समाजसेवा में लगे रहे।
(जैसा की रेड क्रॉस सोसाइटी की अधिकारिक वेबसाइट के दावों के मुताबिक)
वर्ल्ड रेड क्रॉस डे टाइमलाइन
1863 स्थापना: सामाजिक कार्यकर्ता और स्विस मूल निवासी हेनरी डुरंट ने जिनेवा, स्विट्जरलैंड में रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति की स्थापना की।
1901 नोबेल अधिसूचना: ड्यूरेंट को रेड क्रॉस मूवमेंट और जेनेवा कन्वेंशन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए पहला नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
1910 दिवस की घोषणा की गई: ड्यूरेंट को आराम करने के लिए रखा गया है और उनके जन्म की सालगिरह को विश्व रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट डे के रूप में नामित किया गया है।
2022 लाखों जिंदगियों को छुआ है: रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट मूवमेंट का दावा है कि इसने पूरी दुनिया में 650 मिलियन लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।
वर्ल्ड रेड क्रॉस डे कैसे मनाएं
रेड क्रॉस के साथ साइन अप करें: आप किसी भी समय दुनिया भर में 97 मिलियन लोगों की श्रेणी में शामिल होकर, रेड क्रॉस के लिए एक आधिकारिक स्वयंसेवक बन सकते हैं। रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों को लंबे समय से ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पहचाना जाता है। स्वेच्छा से, आप संपर्क का एक महत्वपूर्ण बिंदु और अपने समुदाय और रेड क्रॉस के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बन जाते हैं।
कारण के लिए दान करें: जरूरतमंद लोगों की सहायता करने के लिए धन दान करना सबसे प्रभावी तरीका है। वित्तीय योगदान की पहुंच सबसे दूर तक होती है और जमीन पर स्वयंसेवकों को प्राथमिक चिकित्सा, भोजन और स्वच्छता उत्पादों जैसी महत्वपूर्ण आपूर्ति प्रदान करते हैं। 8 मई को, आप आधिकारिक ऑनलाइन अनुदान संचय में एक डॉलर दान करके या अपने स्थानीय रेड क्रॉस चैप्टर को सीधे दान करके योगदान कर सकते हैं।
मतभेदों से ऊपर उठो: हेनरी डुरंट ने मौजूद किसी भी मतभेद से ऊपर दूसरों की सेवा करने के मूल्य को बरकरार रखा। रेड क्रॉस का मूल सिद्धांत तटस्थ रहना और घायल सैनिकों को सुरक्षा प्रदान करना है। डुरंट का मानना था कि हर किसी को, चाहे उनके कर्म कुछ भी हों, अपने घावों का इलाज करवाना चाहिए। उनकी जयंती पर, आप अपने विरोधियों के साथ आम जमीन तलाशने और शांति को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता बना सकते हैं।
विश्व रेड क्रॉस दिवस समारोह
विश्व स्तर पर शांतिपूर्ण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए विश्व रेड क्रॉस दिवस मनाया जाता है।
* इसका उद्देश्य महामारी रोगों से पीड़ित लोगों की मृत्यु दर को कम करना है।
* आपातकाल के समय में, इस दिन का उपयोग कमजोर समुदायों को सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है।
* युद्धरत देशों के बीच मुद्दों को हल करने के लिए जिनेवा सम्मेलनों का उपयोग किया जाता है।
* रेड क्रॉस आपदाओं और अन्य कमजोर स्थितियों से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए विभिन्न समुदायों का निर्माण करता है।
* रेड क्रॉस युद्ध के समय घायल सैनिकों को चिकित्सा सहायता प्रदान करता है।
* संगठन जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।
* रथ यात्रा आंदोलन जैसे स्थानीय कार्यक्रम रेड क्रॉस की गतिविधियों को प्रदर्शित करते हैं।
* सौंपे गए कार्यों को पूरा करने के लिए नए स्वयंसेवक राज्य शाखा प्रतिनिधियों और प्रबंधकों के साथ 60 घंटे तक काम करते हैं।
* स्वयंसेवक रेड क्रॉस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए रक्तदान और एनीमिया शिविर आयोजित करते हैं।
* अनुभवी सदस्य कोलकाता, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा और जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में विश्व रेड क्रॉस दिवस पर सेमिनार आयोजित करते हैं।
* विभिन्न देशों के राज्य के राज्यपाल और मंत्री कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
* उत्सव का प्रसारण टीवी चैनलों, रेडियो वार्ताओं और समाचार चैनलों के माध्यम से किया जाता है।
रेड क्रॉस के बारे में रोचक तथ्य
रक्त और युद्धों से अधिक: रेड क्रॉस दुनिया भर में आपदाग्रस्त समुदायों को तत्काल और दीर्घकालिक सहायता प्रदान करता है।
समान योगदान: रेड क्रॉस के सभी पंजीकृत स्वयंसेवकों में से 50% महिलाएं हैं।
रेड क्रॉस ऐप: रेड क्रॉस फर्स्ट एड ऐप लाखों लोगों को आपातकाल के समय प्रासंगिक जानकारी देता है।
स्विस इंप्रेशन: रेड क्रॉस ध्वज क्रॉस के प्रतीक को दर्शाता है और स्विस ध्वज का उल्टा डिज़ाइन है।
सबसे बड़ा मानवीय नेटवर्क: दुनिया के 195 देशों में से 185 में रेड क्रॉस सोसायटी के चैप्टर हैं।
विश्व रेड क्रॉस दिवस क्यों महत्वपूर्ण है
संघर्ष जारी है: रेड क्रॉस की स्थापना के लगभग 200 वर्षों के बाद भी निष्पक्ष मानवीय सहायता की आवश्यकता बनी हुई है। घटना का स्मरणोत्सव संघर्षों को हल करने के विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डालता है और उन लोगों को सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है जिन्हें राहत सहायता की आवश्यकता होती है।
यह विरासत का सम्मान करता है : विश्व रेड क्रॉस दिवस और रेड क्रिसेंट डे अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट मूवमेंट के मूलभूत मूल्यों का सम्मान करता है। विश्व के विभिन्न हिस्सों के व्यक्ति दुनिया भर में वंचित व्यक्तियों की सहायता के लिए अपने महत्वपूर्ण प्रयासों के लिए मानवतावादी संगठन को श्रद्धांजलि देते हैं।
रेड क्रॉस सोसायटी के सात सिद्धांत क्या हैं
रेड क्रॉस सोसाइटी के सात मुख्य सिद्धांत हैं:
1. मानवता: मुख्य उद्देश्य जीवन, स्वास्थ्य की रक्षा करना और हर इंसान के लिए सम्मान सुनिश्चित करना है। यह सभी लोगों के बीच आपसी समझ, दोस्ती और सहयोग को बढ़ावा देता है।
2. निष्पक्षता: राष्ट्रीयता, जाति, धार्मिक विश्वास, वर्ग, या राजनीतिक विचारों के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। पहला और सबसे महत्वपूर्ण मकसद लोगों की केवल उनकी जरूरतों के आधार पर मदद करना और संकट के सबसे जरूरी मामलों को प्राथमिकता देना है।
3. तटस्थता: इस सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य सहायता प्रदान करने में सभी को तटस्थ रखना है और आंदोलन को राजनीतिक, नस्लीय, धार्मिक या वैचारिक विवादों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
4. स्वतंत्रता: हम सभी जानते हैं कि यह आंदोलन स्वतंत्र है। राष्ट्रीय समाज, जबकि उनकी सरकारों की मानवीय सेवाओं में सहायक और उनके संबंधित देशों के कानूनों के अधीन हैं, उसको हमेशा अपनी स्वायत्तता बनाए रखनी चाहिए ताकि वे हर समय आंदोलन के सिद्धांतों के अनुसार कार्य करने में सक्षम हो सकें।
5. स्वैच्छिक सेवा: यह एक स्वैच्छिक राहत आंदोलन है जो किसी भी तरह से लाभ की इच्छा से प्रेरित नहीं होता है।
6. एकता: इस संगठन को अपने पूरे क्षेत्र में अपना मानवीय कार्य जारी रखना चाहिए।
7. सार्वभौमिकता: अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट मूवमेंट, जिसमें सभी समाजों और लोगों की समान स्थिति है और एक दूसरे की मदद करने में समान देनदारियों और कर्तव्यों को साझा करते हैं, दुनिया भर में है।
विश्व रेड क्रॉस दिवस: नारे और उद्धरण
* रेड क्रॉस को आपकी जरूरत है, अभी शामिल हों!
* आप किसी के प्रकार हैं
* रक्तदान करें जीवन बचाएं
* पहले सुरक्षा के बारे में सोचें
* रक्त जीवन का दान है
* 15 मिनट 3 लोगों की जान बचा सकते हैं
* यूथ ऑन द मूव
* मदद के हर हाथ से हम अपने आसपास के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
* विश्व रेड क्रॉस दिवस मनाने का एक ही तरीका है और वह है अपने समाज को स्वस्थ बनाने के लिए मिलकर काम करना।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स को बधाई और शुभकामनाएं दी
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 08 मई को विश्व रेडक्रॉस दिवस पर सभी रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि हमें संकटग्रस्त लोगों की मदद एवं उनके जीवन की रक्षा के लिए समर्पित रहना चाहिए। रेडक्रॉस बिना किसी भेद-भाव के विश्वभर में मानवता के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहा है। रेडक्रॉस का सेवाभाव और समर्पण सबके लिए अनुकरणीय है।
विश्व रेड क्रॉस दिवस प्राकृतिक आपदाओं, संकटों, युद्धों और ऐसी अन्य घटनाओं से प्रभावित व्यक्तियों को प्रेरित करने और सहायता करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसका उद्देश्य न केवल उनके जीवन की रक्षा करना है बल्कि स्थिति पर काबू पाने में उनकी सहायता के लिए वित्तीय सहायता देना भी है। इसके अतिरिक्त, वर्ल्ड रेड क्रॉस आत्म-जागरूकता को प्रोत्साहित करता है और युवाओं को वर्तमान और भावी पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण तकनीकों और विधियों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाता है।