भिलाई 7 मई 2023। सीटू के प्रतिनिधि टीवीएस रेड्डी एवं अशोक खातरकर चार्टर्ड अकाउंटेंट विजय कुमार से बात करने के बाद कर्मियों से कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय घबराने की आवश्यकता नहीं है। इनकम टैक्स पोर्टल में जाकर खुद ऑपरेट करके इनकम टैक्स भर सकते हैं। पुरानी इनकम टैक्स रिज्यूम अर्थात कर व्यवस्था में अपनी गणना करने के पश्चात किस व्यवस्था में इनकम टैक्स देना है यहां आप चुन सकते हैं। जानकार अथवा चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास जाकर अपना आयकर रिटर्न भरवा सकते हैं। सीटू प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट विजय कुमार ने कहा व्यापारी वर्ग के लिए यह बाध्यता है कि वहां एक बार यदि नई व्यवस्था में आयकर रिटर्न भरने के लिए चुनाव करते हैं तो वे पुराने व्यवस्था में वापस नहीं जा सकते। किंतु वहीं पर आयकर देने वाले वेतन भोगी कर्मी हर साल यह तय कर सकते हैं कि उन्हें इस साल नए अथवा पुराने किस व्यवस्था से आयकर रिटर्न भरना है। कोई कर्मी इस वर्ष नई व्यवस्था में यदि आयकर भरता है एवं अगले साल महसूस करता है कि वह पुरानी व्यवस्था में आयकर भरने से ज्यादा फायदे में रहेगा तो वह नई व्यवस्था से पुरानी व्यवस्था में जा सकता है। वही उसके अगले साल उसे महसूस होता है कि नई व्यवस्था में आयकर भरना ज्यादा फायदेमंद है। तो वहां फिर नई व्यवस्था में आकर आयकर रिटर्न भर सकता है इस तरह वह हर साल आयकर रिटर्न भरने के लिए व्यवस्था चुन सकता है वही यह चुनाव करने की व्यवस्था व्यापारी वर्ग के लिए नहीं है।पुरानी टैक्स पद्धति में ₹2.5 लाख तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है ₹2.5 लाख से ₹3 लाख तक 5%, ₹3 लाख से ₹10 लाख तक 20%, एवं ₹10 लाख से ऊपर 30% इनकम टैक्स लगता है इस पद्धति में 80सी के तहत सीपीएफ वीपीएफ पीपीएफ एजुकेशन फीस जैसे विभिन्न मदो पर 1.5 लाख तक की छूट मिलती है हाउसिंग लोन के ब्याज पर अधिकतम दो लाख तक सीधा ग्रास से घटाने की छूट, 80जी के तहत दिए गए डोनेशन को सीधा ग्रास से घटाने की छूट, एचआरए एलटीए पर छूट, मेडिकल प्रीमियम पर 25000 तक सीधा ग्रास से घटाने की छूट, एजुकेशन लोन के ब्याज को सीधा ग्रास से घटाने की छूट प्राप्त है जिसका कर्मी भरपूर लाभ लेते हैं।नई टैक्स पद्धति के तहत ₹3 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगता है ₹3 लाख से ₹6 लाख तक 5%, ₹6 लाख से ₹9 लाख तक 10%, ₹9 लाख से ₹12 लाख तक 15%, ₹12 लाख से ₹15 लाख तक 20% एवं ₹15 लाख से ऊपर 30% इनकम टैक्स लगता है इस नए पद्धति में कोई छूट का प्रावधान नहीं है केवल सरकार द्वारा घोषित ₹50000 स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया गया है।सीटू नेता ने कहा कि हर साल आयकर कटता है। हमें वित्त वर्ष समाप्त होने के बाद आयकर रिटर्न भरना पड़ता है। प्रबंधन फिलहाल यह पूछ रहा है कि आप नई व्यवस्था के तहत आयकर कटवाना चाहते हैं या पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर कटवाना चाहते हैं। तय करके बता दें लेकिन वास्तविकता यह है कि आप किसी भी पद्धति से आयकर कटवाए आप रिटर्न भरते समय जिस पद्धति को चुनेंगे उसी के तहत आपका रिटर्न भरा सकते हैं एवं उस पद्धति के अनुसार निर्धारित होने वाले टैक्स आयकर विभाग में जमा होगा बाकी पैसा आप रिफंड ले सकेंगे।
भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्मिक इनकम टैक्स रिटर्न भरने को लेकर घबराए नहीं ,,,,, पुरानी नई व्यवस्था चुनने का अधिकार खुद को
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