आसपास का वातावरण और मौसम आपके शारीरिक तंत्र को प्रभावित करता है। जिसका असर ब्रेन पर भी होता है। गर्मियों में होने वाली ऐसी ही एक समस्या है हीट एंग्जाइटी।
हीट एंग्जाइटी एक ऐसी स्थिति है, जो तब होती है जब शरीर उच्च तापमान के संपर्क में आता है और अपने तापमान को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाता। इसे हीट स्ट्रेस या गर्मी से होने वाली थकावट के रूप में भी जाना जाता है। इसके कारण किसी को भी कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द, बेचैनी और हार्ट बीट के तेज होने जैसे कई लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। शरीर के तापमान को रेगुलेट करने के लिए कई तंत्र हैं, जैसे पसीना और रक्त वाहिकाओं को फैलाना। लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहने पर, ये तंत्र काम करना बंद कर सकते हैं। जिससे शरीर खुद को ठंडा करने में असमर्थ हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप हीट एंग्जाइटी हो सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है, लेकिन उन लोगों में होने की संभावना अधिक होती है जो बाहर काम करते हैं, एथलीट्स या जो लोग किसी विशेष चिकित्सा स्थिति के शिकार हैं। हीट एंग्जाइटी एक गंभीर स्थिति हो सकती है और अगर इसका समय रहते उपचार न किया जाए। गर्मी के मौसम में हीट एंग्जाइटी से बचना जरूरी है। इसके लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं।
क्या है हीट एंग्जाइटी का मुख्य कारण
हीट एंग्जाइटी का सबसे बड़ा कारण है डिहाइड्रेशन है। जब शरीर डिहाइड्रेट होता है, तो शरीर से पसीना प्रभावी ढंग से बाहर नहीं निकल पाता है जिससे शरीर ठंडा नहीं हो पाता है। इसलिए, शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है। शराब, कैफीन और शक्कर युक्त पेय से बचना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं और हीट एंग्जाइटी के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।तेज धूप आपके शरीर को बहुत गर्म कर सकती है जिससे आपको हीट स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है।
हीट एंग्जाइटी से कैसे करें बचाव
हीट एंग्जाइटी के संकेतों को पहचानें : स्थिति को और अधिक गंभीर होने से रोकने के लिए हीट एंग्जाइटी के संकेतों को पहचानना भी महत्वपूर्ण है। कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द, बेचैनी और हार्ट रेट में वृद्धि जैसे लक्षण हीट एंग्जाइटी का संकेत हो सकते हैं। यदि ये लक्षण होते हैं, तो जल्दी से अपने आप को ठंडा करने की कोशिश करें, जैसे ठंडे वातावरण में जाना, पानी पीना और आराम करना।
सुविधाजनक और कूलिंग कपड़े पहनें : हीट एंग्जाइटी को रोकने का एक उपाय है कि आपको उचित कपड़े पगनने चाहिए। हल्के, ढीले-ढाले कपड़े पहनने से शरीर के चारों ओर हवा का संचार होता है, शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और ज़्यादा गरम होने से रोकने में मदद मिल सकती है। खुद को ठंडा रखने के लिए पंखे या एयर कंडीशनिंग का उपयोग कर सकते है।
तेज धूप में बाहर जाने से बचें : अगर आप तेज धूप में बाहर घूमते है तो आपको इससे बचना चाहिए, क्योकि तेज धूप आपके शरीर को बहुत गर्म कर सकती है जिससे आपको हीट स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है। अगर ज्यादा जरूरी न हो तो धूप में बाहर न निकलें। बहुत जरूरी काम के लिए अगर आपको बाहर जाना ही पड़ता है तो आपको छाता लेकर, कैप पहनकर और पानी की बोतल को साथ लेकर ही बाहर निकलना चाहिए। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए खूब पानी और तरल पदार्थ पिएं।
गर्मी से ब्रेक लें : हीट एंग्जाइटी को रोकने के लिए ब्रेक लेना और खुद को शांत करना जरूरी है। शारीरिक गतिविधि या बाहर काम करते समय, किसी ठंडे क्षेत्रों में बार-बार ब्रेक लेना आवश्यक है। शरीर पर ध्यान दें, थकान या अधिक गर्मी महसूस होने पर ब्रेक लेना भी महत्वपूर्ण है।अत्यधिक परिश्रम से बचें और अपना समय शारीरिक गतिविधियों में निकालें। अपने शरीर को सुनें और जब आप थका हुआ या ज़्यादा गरम महसूस करें तो ब्रेक लें।
आसपास के माहौल को ठंडा रखें : जब भी संभव हो छाया या ठंडे स्थान की तलाश करें। अपने घर या कार्यक्षेत्र को ठंडा करने के लिए पंखे या एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें।
हाइड्रेटेड रहें : अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए खूब पानी और तरल पदार्थ पिएं। शराब, कैफीन और शक्कर युक्त पेय से बचें, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं।
स्रोत : हेल्थ शॉट्स