रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा गौठानों की पुरानी परंपरा को फिर से संरक्षित करने के उद्देश्य से सुराजी गांव योजना की शुरूआत की गई है। इसके तहत कांकेर जिले केे संवेदनशील विकासखण्ड दुर्गकोंदल के अंतर्गत ग्राम पंचायत कर्रामाड़ में आदर्श गौठान का निर्माण किया गया है। जिसमें गांव के लोगों ने अपने-अपने मवेशियों को सुरक्षित रखने, पानी पिलाने, चारा और ईलाज के लिए गौठान में प्रतिदिन ले जाते हैं, गौठान में पशुओं की सेहत की नियमित जांच एवं उपचार किया जा रहा है तथा वहीं महिला समूह के द्वारा जैविक खाद का उत्पादन कर्रामाड़ के आदर्श गौठान में किया जा रहा है। गौठान में पशुओं को रखने से खेत के फसल सुरक्षित हैं, जिससे किसानों के जीवन में खुशहाली आई है। गौठान का संचालन की जवाबदारी समिति एवं महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों को सौंपी गई है।
आदर्श गौठान समिति के अध्यक्ष सुभाष सोम एवं सचिव सरपंच बरतनी बाई धनेलिया ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पुरानी परंपरा को पुन: सृजित कर ग्रामीणों के लिए गौठान का निर्माण कराया गया है, जिससे ग्रामीणों को सुविधा एवं लाभ मिलने लगी है। उन्होंने बताया कि आदर्श गौठान में रोजाना गाय-बैल पशुओं को लाते हैं। उन्होंने बताया कि गौठान से लगे लगभग 05 एकड़ जमीन पशुओं के लिए आरक्षित रखा गया है, गौठान में पानी, चारा, उपचार की समुचित व्यवस्था है और पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों द्वारा बीमार पशुओं को नियमित रूप से नि:शुल्क में ईलाज किया जाता हैं। गौठान में चेतना स्व-सहायता समूह, पूनम स्व-सहायता समूह तथा नंदिनी स्व-सहायता समूह के द्वारा जैविक खाद का निर्माण कराया जा रहा है। जैविक खाद को समूह द्वारा विक्रय कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
कर्रामाड़ गौठान समिति के अध्यक्ष सुभाष सोम ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा गांवों में गौठान का निर्माण कर मवेशियों के बारे में एक बड़ी पहल की है, वहीं गांव के किसानों ने बताया कि गौठान में पशुओं को रखने की सुविधा हुई तो हम लोगों को अन्य कार्य करने के लिए पर्याप्त समय मिल रहा है, साथ ही इस गौठान से लोगों को पशुओं के लिए काफी लाभदायक माना जा रहा है और समूह के द्वारा कंपोस्ट खाद बनाने में सुविधा हो रही है। महिला स्व-सहायता समूह के लिए गौठान में अलग-अलग टैंक का निर्माण कराया गया है, जहां पर पशुओं के लिए चारा, पानी, छाया और ठहरने के लिए सुरक्षित स्थान बनाया गया है। इसी तरह विकासखण्ड दुर्गकोंदल के अन्य गांवों में भी गौठान का निर्माण कराया जा रहा है, जो कि ग्रामीणों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगा और पुरानी परंपरा पर लोग वापसी होने के साथ ही गोबर की जैविक खाद से कृषि कार्य के लिए लाभदायक हो रहा है।
किसानों के चेहरों में आई मुस्कान पशुओं को मिला गौठान
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