गोरखपुर. प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में गोरखपुर का नाम अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर रविवार को दर्ज हो गया। शहर में भारत के सबसे पुराने प्राकृतिक चिकित्सालय आरोग्य मंदिर में 508 लोगों ने एक साथ सर्वांग मिट्टी लेपन नया एशियन रिकॉर्ड कायम किया। इससे पहले का एशियन रिकॉर्ड 302 लोगों का एक साथ सर्वांग मिट्टी लेपन का था।
नेचुरोपैथी डे पर नया एशियन रिकॉर्ड कायम करने का जोश और जज्बा शहरवासियों में नजर आया। आरोग्य मंदिर में सर्वांग मिट्टी लेपन का कार्य सुबह 10 बजे से होना था लेकिन पंजीकरण के लिए सुबह आठ बजे से ही लोगों की लाइन लगने लगी थी। निर्धारित समय पर 25 प्रशिक्षित विशेषज्ञों ने 508 लोगों का सर्वांग मिट्टी लेपन किया। एशियन बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम और मीडिया की उपस्थिति में नया एशियन रिकॉर्ड दर्ज किया गया। मिट्टी सूखने के बाद सभी लोगों ने स्नान किया और रिकार्ड का हिस्सा बनने पर खुशी जताई।
आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल कुमार मोदी ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आरोग्य मंदिर गोरखपुर में दो अक्तूबर से प्रत्येक सप्ताह (रविवार को) सर्वांग मिट्टी लेपन कार्यक्रम शुरू किया गया था। 11 से 17 नवंबर तक प्रतिदिन सर्वांग मिट्टी का कार्य चला। इस दौरान 1549 लोगों ने निशुल्क सर्वांग मिट्टी लेपन का लाभ उठाया।
डॉ. मोदी के अनुसार मिट्टी में शरीर के रोगों को नष्ट करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह शरीर से विषाक्त तत्वों को चूस कर बाहर निकाल देती है। मिट्टी लेपन से त्वचा, स्नायु रोग, अनिद्रा, रक्तचाप, नस, जोड़ों का दर्द आदि बीमारियों में लाभ मिलता है।
नेचुरोपैथी डे : सर्वांग मिट्टी लेपन का नया एशियन रिकॉर्ड बना
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