लंदन. चेक गणराज्य के टॉमस बर्डिच ने शनिवार को टेनिस से संन्यास की घोषणा कर दी। पूर्व वर्ल्ड नंबर 4 बर्डिच ने अपने करियर में 13 एटीपी सिंगल्स टाइटल जीते। उन्होंने ट्वीट करके फैंस को अपने संन्यास की जानकारी दी। बर्डिच 2010 में विंबलडन के फाइनल में भी पहुंचे थे। मैच में स्पेन के रफाल नडाल ने उन्हें 6–3, 7–5, 6–4 से हराकर खिताब जीता था। इस टूर्नामेंट के क्वार्टर-फाइनल में उन्होंने रोजर फेडरर को हराया था। इसके बाद सर्बिया के नोवाक जोकोविच को सेमीफाइनल में मात देकर फाइनल में पहुंचे थे।
बर्डिच ने 2002 और 2003 में डेविस कप जीतने वाली चेक गणराज्य टीम की कप्तानी भी की थी। इसी साल यूएस ओपन में उन्होंने अपना आखिरी प्रोफेशनल मैच खेला था। उस मैच के बाद एक वेबसाइट से बात करते हुए बर्डिच ने कहा था, ‘‘अपने आखिरी मैच को जीतने के लिए मैंने काफी कोशिश की थी। लेकिन जो नतीजा आया, वो सबके सामने है। एटीपी रैंकिंग्स में टॉप पर बने रहने के लिए मैंने हमेशा मेहनत की। लेकिन अब मेरा शरीर मुझे इसकी इजाजत नहीं देता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 15-20 साल काफी चुनौतीपूर्ण रहे। ऐसे में मुझे खुद और परिवार के लिए वक्त चाहिए था। जो नहीं मिल पा रहा था। लेकिन अब मेरे पास पूरा वक्त होगा। बचपन से ही खेल मेरी जिंदगी थी। जो आजतक बना हुआ है। जिसे मैं कभी नहीं बदलूंगा। करियर के आखिरी दौर में बर्डिच चोटों से जूझते रहे। पीठ में लगी चोट के चलते ही वो 2018 के आखिरी पांच महीने टेनिस कोर्ट से दूर रहे थे।’’
पूर्व वर्ल्ड नंबर 4 बर्डिच ने संन्यास लिया….. करियर में 13 एटीपी सिंगल्स टाइटल्स जीते
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