आज कई लोगों और खासकर युवाओं की डेली रुटीन इतनी खराब है कि न तो अपनी सेहत का ख्याल रहता है न ही खान पान का। वहीं स्ट्रेस की वजह से न केवल उनकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है बल्कि स्टैमिना भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है। फिजिकली और मेंटली मजबूती के लिए स्ट्रांग स्टैमिना और एनर्जी का होना बहुत जरूरी है। आप चाहे मैराथन के लिए ट्रेनिंग ले रहे हों या कोई हार्ड वर्क कर रहे हों, या फिर डेली वर्क के लिए ज्यादा एनर्जी प्राप्त करना चाहते हों, ऐसे सभी कार्य के लिए स्टैमिना की जरूरत पड़ती है। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं जो स्टैमिना बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
हमें रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए स्टेमिना की जरूरत होती है। अगर शरीर में पर्याप्त स्टेमिना है, तो आप अपने ज्यादा से ज्यादा काम बिना थके कर पाएंगै। लेकिन वही स्टेमिना की कमी महसूस होने पर शरीर में थकान, कमजोरी और सुस्ती जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। शरीर का स्टेमिना बनाए रखने के लिए व्यायाम के साथ हेल्दी डाइट भी जरूरी होती हैं। लेकिन कई बार डाइट और एक्सरसाइज रिजिम के बाद भी हमारे स्टेमिना में कमी आने लगती है। ऐसे में काम आती हैं सदियों से अपनाई जा रही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों को ही औषधि माना गया है। जो किसी भी स्वास्थ्य समस्याओं को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं। आज इस लेख में ऐसी ही आयुर्वेदिक हर्ब पर बात करेंगे जो प्राकृतिक रूप से स्टेमिना बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती है। इसके साथ-साथ कई ऐसे आसान तरीके हैं, जिनकी मदद से आप अपना स्टैमिना बढ़ा सकते हैं। इस आर्टिकल में हम कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स, एक्सरसाइज और डाइट को शेयर कर रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप अपने स्टैमिना को बढ़ा सकते हैं।
आयुर्वेद आपको ऊर्जावान बनाए रखता है।
क्या आप दिनभर के काम के बाद शाम को एनर्जी लेस महसूस करने लगते हैं? या सुबह उठने के बाद उतना फ्रेश महसूस नहीं करते, जितना करना चाहिए? इस चक्कर में आपकी योगा क्लास और जिम मिस हो जाता है। कई लोग सुबह की सुस्ती भगाने के लिए चाय, कॉफ़ी या स्टेरॉइड को समाधान समझते हैं, पर ऐसा है नहीं। आपके शरीर को सही मायने में ऊर्जावान बनाने का काम करती हैं आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां। अश्वगंधा, ब्राह्मी और तुलसी जैसी जड़ी-बूटियां, शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने के लिए जानी जाती हैं। सुबह इन जड़ी-बूटियों के गर्म काढ़े से दिन की शुरुआत करें। पूरे दिन शरीर ऊर्जावान बना रहेगा।
आयुर्वेद स्टैमिना बढ़ाता है
स्टैमिना का अर्थ है हमारी काम करने की क्षमता। जब हम काम करते हैं तब हमारा स्टैमिना धीरे-धीरे कम होता है। पर स्टैमिना का संबंध महज़ शारीरिक गतिविधि से नहीं होता। तनावग्रस्त दिमाग़ स्टैमिना की कमी महसूस करता है। ऐसे में अश्वगंधा, ब्राह्मी और शतावरी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां स्टैमिना बढ़ाने के काम आती हैं। इनके सेवन से मांसपेशियों में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ती है, जिसके चलते आपको थकान महसूस नहीं होती। अपने रोज़ाना के खानपान में धनिया के बीज, दालचीनी, जीरा और बादाम जैसे ड्रायफ़ूट्स शामिल करें। इनका सही अनुपात में सेवन स्टैमिना बढ़ाने का कारगर तरीक़ा साबित हो सकता है
आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां और मसाले जो आपका स्टेमिना बढ़ाने में हो सकती हैं मददगार
आयुर्वेद चिकित्सा की एक पारंपरिक भारतीय प्रणाली है। इसका उद्देश्य मन, शरीर और आत्मा को संतुलन में रखकर और बीमारी का इलाज करने के बजाय उसे रोकना स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखना है। ऐसा करने के लिए, यह एक समग्र दृष्टिकोण को नियोजित करता है जो आहार, व्यायाम और जीवन शैली में परिवर्तन को जोड़ता है. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और मसाले भी इस दृष्टिकोण के एक महत्वपूर्ण घटक हैं। उन्हें आपके शरीर को बीमारी से बचाने और बेहतर पाचन और मानसिक स्वास्थ्य सहित कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के बारे में सोचा गया है। यहां विज्ञान समर्थित स्वास्थ्य लाभों वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और मसाले दिए गए हैं। जो आपको सेहतमंद रखने के साथ-साथ दिन भर आपको एनर्जेटिक बनाए रखेंगे।
अश्वगंधा : अश्वगंधा में आवश्यक मात्रा में एंटीआक्सीडेंट होने के साथ कार्बोहाइड्रेट, डाईट्री फाइबर और प्रोटिन भी होता है। साथ ही इसमें हीट शॉक प्रोटीन, कॉर्टिसोल जैसे कई आवश्यक प्रोटीन पाए जाते हैं। जो इम्युनिटी बूस्ट करने के साथ स्टेमिना बढ़ाने में मदद कर सकता है। रिसर्च के मुताबिक अश्वगंधा का सेवन फिजिकल और मेंटल हेल्थ बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही शरीर का मेटाबोलिज्म बढ़ाकर स्टेमिना बनाए रखने में मदद करता है।
ब्राह्मी : ब्राह्मी आयुर्वेद में पाई जाने वाली एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद कर सकती है। यह आपके लिए एक बेहतरीन मेमोरी बूस्टर होने के साथ ब्रेन पॉवर बढ़ाने और बॉडी कॉर्डिनेशन में सुधार करता है। ब्राह्मी का सेवा अल्जाइमर की समस्या से लेकर वृद्धावस्था तक सभी के लिए फायदेमंद है। आयुर्वेद के मुताबिक अगर प्रतिदिन ब्राह्मी चूर्ण का सेवन किया जाए, तो यह आपके एनर्जी लेवल के साथ स्टेमिना को बनाए रखने में लाभदायक हो सकता है। ब्लेस्ड ओरिएंटेशन-मेमोरी कॉनसन्ट्रेशन टेस्ट की एक स्टडी में सामने आया कि ब्राह्मी का सेवन सुनने और बोलने की शक्ति को भी बेहतर बनाए रख सकता है।
शतावरी : शतावरी को एक एडाप्टोजेनिक हर्ब माना गया है, जो शारीरिक और भावनात्मक तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं। आयुर्वेद में शतावरी को जड़ी-बूटियों की रानी भी माना गया है। क्योंकि यह कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रामबाण की तरह काम करती है। क्लीनिकल स्टडी में पाया गया है कि शतावरी महिलाओं में स्टेमिना बढ़ाने के साथ कई समस्याओं में मददगार साबित होती है। रिसर्च के मुताबिक शतावरी में स्ट्रांग एंटीओक्सीडेंट होने के साथ एंटीवायरल गुण भी पाए गए हैं। जो इम्युन सिस्टम को बेहतर बनाए रखने के साथ शरीर की शक्ति बढ़ाने में मदद करती है।
शिलाजीत : शिलाजीत एक आवश्यक प्राकृतिक औषधि है, जिसे कई समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए फायदेमंद माना गया है। शिलाजीत में फुल्विक एसिड जो एंटी एंटीओक्सीडेंट होने के साथ एंटी इंफ्लेमेटरी कम्पाउंड है। सही मात्रा में पाया गया है, जिससे इसका सेवन एजिंग प्रोसेस को धीमा करने के साथ लंबी उम्र के लिए फायदेमंद है। रिसर्चगेट की एक स्टडी के मुताबिक शिलाजीत का सेवन शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकता है। जो कमजोरी थकान, स्टेमिना की कमी का बड़ा कारण होता है।
लोबान : बोसवेलिया, जिसे भारतीय लोबान या ओलिबानम के रूप में भी जाना जाता है, बोसवेलिया सेराटा पेड़ की राल से बनाया जाता है । बोसवेलिया एक आयुर्वेदिक मसाला है जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं। यह जोड़ों के दर्द को कम कर सकता है, मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है, और पाचन में सुधार कर सकता है, साथ ही पुराने अस्थमा वाले लोगों में सांस लेने की क्षमता बढ़ा सकता है।
तुलसी : तुलसी में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। आयुर्वेद में तुलसी का इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी स्टेमिना बढ़ाने में भी फायदेमंद है। जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन के अनुसार, तुलसी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है।
गोक्षुरा : गोक्षुरा एक पत्तेदार पौधा होता है, जिसे ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस के नाम से भी जाना जाता है। सदियों से आयुर्वेद में गोक्षुरा का इस्तेमाल कई प्रकार के विकारों के लिए किया जाता था। जैसे कि किडनी से जुड़ी समस्या में। आयुर्वेदा ट्रीटमेंट ऑफ सेंटर के अनुसार बॉडी का स्टेमिना बढ़ाने और बूस्ट करने के लिए गोक्षुरा असरदार माना गया है। इसके साथ ही यह बोन हेल्थ बेहतर बनाने में भी फायदेमंद हो सकता है।
लॉन्ग लास्टिंग स्टैमिना हासिल करना कई लोगों के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि बेहतर फिजिकल परफॉर्मेंस ओवरऑल अच्छी हेल्थ को पाने में भी मददगार होती है। यदि आप एनर्जी हासिल करना चाहते हैं, तो ऐसी कई चीजें हैं, जिसे अपनाकर आप अपने टारगेट तक पहुंच सकते हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज जैसे वेट उठाना, रेजिस्टेंस बैंड्स का इस्तेमाल करना या बॉडीवेट एक्सरसाइज करना मसल्स मास बनाने और बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। रेगुलर ट्रेनिंग एक्सरसाइज भी कर सकते हैं और हेल्दी डाइट लेना भी जरूरी है।
डिस्क्लेमर- यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।