भिलाई। 30 दिसम्बर, 2022, (सीजी संदेश) : आज भिलाई निगम के सामान्य सभा की बैठक हुई। बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गहमागहमी की स्थिति भी रही। इस बैठक में सत्ता पक्ष के लोगों ने महज 1 घंटे 40 मिनट में ही सभी प्रस्ताव को बहुमत के आधार पर पारित कर दिया वही विपक्ष ने जिस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इससे पहले बैठक शुरू होते ही विपक्षी पार्षदों ने डायरिया पर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। भाजपा पार्षद दया सिंह, रिकेश सेन, पियुष मिश्रा, पी श्याम सुंदर राव आदि ने डायरिया पर महापौर को जवाब देने की मांग की।
महापौर नीरज पाल ने इस दौरान सामान्य सभा के मुद्दों पर चर्चा करने की बात कहते हुए डायरिया पर अंत में चर्चा करने की बात कही। यहां पक्ष द्वारा पावर हाउस मछली मार्केट का नाम ‘स्व.मोहम्मद गफ्फार खान मछली मार्केट’ रखे जाने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर जमकर विवाद हुआ। विपक्ष के पार्षद भोजराज सिन्हा ने इसमें प्रस्ताव लाने वाले सत्ताधारी सदस्य का नाम उजागर करने की मांग करने लगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां मछली मार्केट में व्यापार कर बढ़े और अर्धसैनिक बल में नियुक्त होने के बाद शहीद हुए विश्राम मांझी के नाम किए जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शहीद की मां ने मार्केट का नाम शहीद विश्राम मांझी के नाम करने कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा है। इस पर जमकर बवाल हुआ।
सामान्य सभा में जहां सत्ता और विपक्ष के बीच गहमागहमी का माहौल रहा वही एक पार्षद एवं एमआईसी मेंबर अपने विभाग का प्रचार करने का अनोखा तरीका निकाल लिया तथा बैनर पहन पहुंचे सामान्य सभा में वे कोई और नहीं वार्ड-7 राधिका नगर के पार्षद आदित्य सिंह थे उन्होंने इस दौरान अपने शिक्षा, खेलकूद एवं कल्याण से जुड़े विकास कार्यों की फोटो और टेक्स्ट लिखा बैनर पहने थे।
सदन में विचार के लिए लाए गए विषयों पर काफी बहस हुई।
साथ ही जोन वार सड़क, नाली सफाई के अलावा कचरा एकत्रिकरण के लिए निविदा पर भी खूब बहस हुई। इसमें विपक्ष के पार्षदों ने विरोध करते हुए कहा कि जिस कंपनी को दो नगर निगमों द्वारा ब्लैक लिस्टेड किया गया है उन्हें यहां सफाई का काम देने से भ्रष्टाचार की बू आ रही है। इसका भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा, दया सिंह, रिकेश सेन और भोजराज सिन्हा ने विरोध किया। पार्षद पीयूष मिश्रा ने कहा कि हम इसका विरोध करते रहेंगे और न्यायालय भी जाएंगे।
ब्लैक लिस्टेड कंपनी को सफाई व्यवस्था देने का आरोप
सामान्य सभा के सदन में पार्षद पीयूष मिश्रा ने साफ-सफाई मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने एक साल से साफ-सफाई का काम कर रही मेसर्स पी. व्ही. रमन को तीन महीने का एक्टेंशन देने पर आपत्ति दर्ज कराई। पार्षद पीयूष का कहना है कि इस सफाई कंपनी को धमतरी नगर निगम ने ब्लैक लिस्ट किया है। पीडब्ल्यूडी मैनुअल के अनुसार पूरे प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम नहीं दिया जा सकता है। इसके साथ ही उसकी बकाया राशि भी रोकनी चाहिए। अगर ऐसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम दिया गया, तो यह अनियमितता होगी और इसके जिम्मेदार सत्ता पक्ष के साथ अधिकारी भी होंगे। पार्षद पीयूष ने सदन में बहस के दौरान ही नगर आयुक्त को मेसर्स पी.व्ही. रमन के धमतरी नगर निगम से ब्लैक लिस्ट की कॊपी सौंपी। इसमें पी. व्ही रमन को ब्लैक लिस्ट करने की तारीख 4 अगस्त 2022 दर्ज है। पार्षद का कहना है कि सत्ता पक्ष बहुमत के आधार पर नियम विरुद्ध कार्य कर रहा है। मेरा दायित्व है कि सत्ता पक्ष को सदन के माध्यम से गलतियों की जानकारी और सुधार का मौका दें, लेकिन सत्ता पक्ष अपनी मनमानी में अमादा है। इस प्रकरण पर अब नगर आयुक्त को निर्णय लेना होगा। उनकी भी जिम्मेदारी है कि नियमों के अनुसार ही कोई भी प्रक्रिया पूरी की जाए। पार्षद पीयूष मिश्रा ने नगर आयुक्त से मांग की है कि इस प्रकरण को गंभीरता से जांच लें और साफ-सफाई जैसी अति आवश्यक सेवा को बिना अवरोध जारी रखने के लिए कलेक्टर दर पर कार्य कराया जाए।
जिस संघ के अध्यक्ष हैं मेयर, उसे पर ही स्वयं लगाई मुहर
सामान्य सभा के दौरान प्रस्ताव-9 में वार्ड-14 जवाहर नगर स्थित स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में टेबल टेनिस हॊल को दुर्ग जिला टेबल टेनिस संघ को आवंटित किए जाने का मामला सदन में रखा गया। इस पर पार्षद पीयूष मिश्रा ने मेयर नीरज पाल की चुटकी ली। उन्होंने कहा यह तो नेशनल हेराल्ड जैसा मामला सामने लाया गया है। मेयर नीरज पाल ही टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष हैं। उनके कहने पर ही नगर निगम में संघ के सचिव के माध्यम से आवेदन दिया गया। मेयर इन काउंसिल के समक्ष इसको प्रस्ताव के रूप में पेश किया गया और मेयर ने अपनी काउंसिल से प्रस्ताव को पारित भी कर दिया। ये मामला अब सामान्य सभा में पेश किया गया, जो बहुमत के आधार पर सत्ता पक्ष ने पास कर दिया है। इस प्रस्ताव में यह कहीं उल्लेख नहीं है कि टेनिस खिलाड़ियों को निशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी। यदि खिलाड़ियों से शुल्क लिया जाएगा, तो यह नगर निगम अधिनियम के विरुद्ध होगा। नगर निगम अपनी किसी भी संपत्ति को किसी व्यक्ति या संस्था को धन अर्जन के लिए बिना शुल्क निर्धारण के नहीं दे सकता है।