सूरजपुर. छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में हाथियों की वजह 48 घंटों के भीतर 2 जानें जा चुकी हैं। रविवार को चांदनी बिहारपुर इलाके के पासल गांव में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया और एक शिक्षाकर्मी को कुचलकर मार ड़ाला। मृतक का शव पांच सौ मीटर के क्षेत्र में कई टूकडों में बिखरा मिला। घटना के बाद मृतक का बेटा व अन्य ग्रामीण वहीं थे, सभी ने भागकर अपनी जान बचाई। इससे पहले एक किसान की भी इसी तरह जान जा चुकी है। अब वन विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस पहल नहीं किए जाने से ग्रामीणों में गुस्सा है। हाथियों का ये दल शाम ढ़लते ही गांवों की ओर रूख कर रहा है। ग्रामीणों की रातें जागकर बीत रही है। शनिवार की शाम करीब सात बजे प्यारे हाथी का दल आ धमका। शिक्षाकर्मी विश्वनाथ तिवारी अपने बेटे रामअधीन के साथ घर से बाहर निकले तो गांव के दर्जन भर लोग हाथियों को भगाने की तैयारी में थे। घर के पास ही खेत होने के कारण विश्वनाथ तिवारी पटाखा फोड़कर हाथियों को भगाने के लिए घर से कुछ दूरी पर गए। हाथी उनकी तरफ आया। हाथी ने शिक्षाकर्मी को पटक दिया। विश्वनाथ तिवारी गांव के ही मिडिल स्कूल में पदस्थ थे।
ग्रामीणों का कहना है कि घटना के बाद इसकी जानकारी वन विभाग के बीट गार्ड व अधिकारियों को दी गई, लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। सुबह होने के बाद ही अधिकारी पहुंचे। घटना के बाद दोपहर में डीएफओ भी मृतक के घर पहुंचे और तात्कालीन सहायता के रूप में 25 हजार रूपए मुआवजे के दिए। इस इलाके में तीन दलों के 72 हाथियों का झुंड आए दिन किसी गांव किसी रिहायशी इलाके में पहुंच रहा है। बसनरा, कछिया, नवडीहा, जुडवनिया, खैरा, बघोई, पासल, रेवटी और पेंड़ारी जैसे गांव के लोग दहशत में जी रहे हैं।
बेटे की आंखों के सामने पिता को कुचलते रहे हाथी…. 48 घंटों में गईं दो जानें
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