मौसम में बदलाव आने के साथ स्किन और हेयर हेल्थ में बदलाव आने लगता है। जहां एक तरफ स्किन में ड्राईनेस और खुजली की प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। तो वही बालों बालों का लगातार झड़ना बड़ी समस्या बन जाता है। जिसके कारण बाल रूखे, कमजोर और बेजान नजर आने लगते हैं। दरअसल, बालों को हेल्दी बने रहने के लिए पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है। वातावरण में शुष्क हवा होने के कारण स्कैल्प से नमी पूरी तरह खत्म हो जाती है, जिससे डेंड्रफ और बालों का लगातार झड़ने जैसी समस्याएं हो सकती है। चलिए सबसे पहले जानते हैं बालों के ज्यादा झड़ना आपके लिए कैसे नुकसानदायक हो सकता है –
सर्दियों में बालों का झड़ना तेजी से बढ़ जाता है. इसकी बड़ी वजह शुष्क और ठंडी सर्द हवाएं होती हैं. ये हवा बालों की नमी सोख लेती है जिससे स्कैल्प रूखी हो जाती है और बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं. इस दिक्कत को दूर करने के लिए ऐसे कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे हैं जिन्हें दादी-नानी और शायद मम्मी भी इस्तेमाल करती आयीं हैं. ये प्राकृतिक तरीके बालों को भरपूर पोषण देने के साथ ही उनका झड़ना रोकते हैं. इन नुस्खों के इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में आपको अपने बाल लहराते और चमकदार दिखने लगेंगे. तो फिर देर मत कीजिए और जल्दी से जान लीजिए हेयर फॉल कंट्रोल करने के उपायों के बारे में.
बाल झड़ने के आयुर्वेदिक उपाय |
मेथी : मेथी को आयुर्वेद में कई तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है. बालों का झड़ना रोकने में मेथी में पाए जाने वाला प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड बालों के लिए कारगर साबित होता है. यह हेयर फॉलिकल्स को मजबूत करता है और बालों को बढ़ने में मदद करता है. मेथी के इस्तेमाल के लिए एक चम्मच मेथी के दानों को पानी में भिगोकर पीस लें. इसे पेस्ट बनाकर नारियल के तेल या फिर नारियल के दूध में मिलाएं. इस तैयार मिश्रण को बालों पर जड़ों से लेकर सिरों तक लगाकर आधा घंटा रखें और फिर सिर धो लें. इस हेयर मास्क को हर 15 दिन में एक बार लगाया जा सकता है।
आंवला : विटामिन सी से भरपूर आंवला बालों की कई दिक्कतों को दूर करता है. इसे बालों में लगाने के लिए आंवला को सुखाकर पीस लें. 2 चम्मच आंवला के पाउडर को बराबर मात्रा में नींबू के रस के साथ मिला लें. आप चाहें तो आंवला के रस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इस मिश्रण को बालों पर लगाकर रखें और आधे घंटे बाद धो लें।
नीम : सर्दियों में बालों के झड़ने का एक कारण स्कैल्प पर जमी गंदगी भी होता है. इसे दूर करने के लिए नीम का इस्तेमाल किया जा सकता है. नीम स्कैल्प की अच्छे से सफाई करता है और बैक्टीरिया को बालों की सतह से हटाता है. इससे बालों का टूटना भी रुकता है. नीम लगाने के लिए इसे पीसकर हेयर मास्क की तरह लगा लें. आधे घंटे बाद बालों को शैंपू से धो लें. इसे डैंड्रफ दूर करने के लिए भी लगाया जा सकता है।
मेंहदी : एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुणों वाली मेहंदी बालों का झड़ना रोक सकती है. इसे लगाने पर बालों से एक्सेस ऑयल हट जाता है और हेयर ग्रोथ में मदद भी मिलती है. मेहंदी को पानी के साथ घोलकर पेस्ट बनाएं और बालों पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद धो लें. ध्यान रहे कि मेहंदी आपको बहुत ज्यादा देर लगाकर नहीं लगनी है वर्ना बालों पर लालिमा दिखने लगती है।
गुनगुने तेल की मसाज : कोई भी प्राकृतिक तेल जैसे कि नारियल का तेल, ऑलिव ऑयल अपने बालों की लंबाई के अनुसार एक कटोरी में लें। अब इसे हल्का गर्म करके हल्के हाथों से मसाज करें। सिर को एक घंटे तक शॉवर कैप से कवर करें। और इसके बाद शैम्पू से बाल धो लें। गुनगुने तेल से मसाज करने पर आपकी डेंड्रफ की समस्या कम होने के साथ बालों के झड़ने की समस्या भी कम होती है। साथ ही ब्ल्ड सर्कुलेशन बेहतर होने के साथ हेयर सेल्स भी इंप्रूव होंगे।
बेर और नीम के पत्ते : इस नुस्कें के लिए आपको नीम और बेर के पत्तों को उबालना है। पानी ठण्डा होने पर इससे बालों को मसाज करते हुए अच्छे से धोएं। इसके अलावा बेर और नीम के पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाएं, और बालों में दो घंटे तक लगाकर बाल धो लें। आयुर्वेद में नीम को औषधी माना गया है, इसमें विटामिन सी, विटामिन ई और कैरोटीनॉयड होता है, जो बालों की मजबूती के लिए आवश्यक है। वही बेर के पत्तों में विटामिन सी, विटामिन बी 1, विटामिन बी 2 पाया जाता है। जो बालों को मजबूत बनाने के साथ बालों का झड़ना रोकने में मदद करता है।
परवल के पत्ते : बालों का झड़ना तेजी से रोकने के लिए परवल के पत्तें रामबाण इलाज साबित हो सकते हैं। इस नुस्कें के लिए कड़वे परवल के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालें और अपने स्कैल्प पर लगाएं। इस नुस्कें के कुछ महीने तक प्रयोग से ही बालों का झड़ना बन्द हो जाएगा। साथ ही स्कैल्प पर कम बाल होने पर भी यह नुस्का फायदेमंद साबित हो सकता है। परवल के पत्तों में एंटीफंगल और एंटीबैक्टेरियल गुण होते हैं, जिससे स्कैल्प के इंफेक्शन में राहत मिलती है।
नारियल तेल और नींबू : एक बाउल में 4 से 5 चम्मच नींबू का रस लीजिए। अब इसमें दो गुना नारियल का तेल मिलाकर स्कैल्प पर हल्के हाथों से मसाज करें। इससे बालों का झड़ना रुकने के साथ डेंड्रफ की समस्या भी खत्म हो जाएगी। इससे आपको बेजान बालों से राहत मिलेगी साथ ही आपके साथ पहले से ज्यादा मजबूत होंगे। नारियल तेल आपकी स्कैल्प को मॉइस्चराइज रखने में मदद करेगा, इसमें एंटी ऑक्सिडेंट होने के साथ एंटीबैक्टेरियल गुण भी होते हैं, जो बालों की ग्रोथ बढ़ाने के साथ झड़ने से रोकने में मदद करता है। नींबू में विटामिन सी होने के साथ विटामिन बी और फॉस्फोरस भी पाया जाता है। जो बालों के झड़ने को तेजी से रोकता है।
करी पत्ता : बालों के लिए करीपत्ते का इस्तेमाल कई वर्षों से किया जा रहा है। यह बालों के लिए एक टॉनिक की तरह कार्य करता है। और बालों की समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है। इससे हेयरफॉल, ग्रे हेयर और रुसी से भी राहत मिल सकती है। आधे कप नारियल के तेल में एक मुट्ठी करी पत्ता डालें और इसे मीडियम फ्लेम पर लगभग 10 मिनट के लिए गर्म करें। ठंडा होने पर इसे छान लें और बालों में इस मिश्रण से मसाज करें और करीब 1 घंटे के लिए बालों में छोड़ दें। फिर माइल्ड शैम्पू से बालों को धोलें।
हिबिस्कस : हिबिस्कस विटामिन सी, फ्लेवोनोइड्स और अमीनो एसिड जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसके फूल और पत्तियां दोनों ही बालों के लिए फायेदमंद होते हैं। यह हेयरफॉल को रोकता है और उन्हें पोषण भी देता है। 2 कप शुद्ध नारियल तेल में 10 चाइनीज हिबिस्कस फूल मिलाकर गर्म कर लें। जब फूल जल जाएं, तो इसे छान लें। रात में सिर व बालों पर लगाएं और अगली सुबह शैम्पू से धो लें। इस तेल का नियमित इस्तेमाल करने से हेयर फॉल की समस्या से निजात मिल सकती है।
अलसी के बीज : अलसी के बीज, तांबा, मैंगनीज, सेलेनियम, फास्फोरस, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट रक्षा प्रणाली का समर्थन करने में मदद करते हैं। इन सामग्रियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्कैल्प को मॉइस्चराइज़ करने में मदद करते हैं और हेयर फॉल को कम करने में मदद करते हैं। 2 चम्मच एलोवेरा जेल में 1 चम्मच अलसी के बीज का पाउडर मिक्स करें। इस मिश्रण को लगभग 1 घंटे के लिए बालों में लगाए और फिर हल्के गुनगुने पानी और शैम्पू से बालों को धोलें। इसे सप्ताह में 1 बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।