भिलाई। सात महीनों की अवधि में भिलाई इस्पात संयंत्र ने विभिन्न शिपयार्डों को डीएमआर 249 ग्रेड प्लेटों के 5060 टन से अधिक की आपूर्ति को सुनिश्चित किया है। इन प्लेटों को भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोतों के निर्माण में उपयोग किया जाता है। यह अब तक के किसी भी वित्तीय वर्ष में डीएमआर 249 ग्रेड के युद्धपोत ग्रेड प्लेटों की कुल आपूर्ति की तुलना में सबसे अधिक है। वहीं अक्टूबर, 2019 में 1515 टन डीएमआर प्लेटों की आपूर्ति पिछले 5 वर्षों में किसी भी महीने का सर्वश्रेष्ठ है।
बीएसपी द्वारा भारतीय नौसेना के लिए डीएमआर 249 ए ग्रेड प्लेटों का उत्पादन विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और कई अन्य युद्धपोतों के निर्माण के लिए नियमित रूप से किया जा रहा है। साथ ही नौसेना के लिए डाइविंग सपोर्ट वेसल्स की संरचनाओं के लिए भी आईआरएस प्रमाणित विशेष ग्रेड की प्लेटों का उत्पादन एवं रोलिंग संयंत्र द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष से किया जा रहा है। इन वेसल्स का उपयोग पनडुब्बियों और अन्य जहाजों के निर्माण, सुरक्षा और मरम्मत कार्यों के लिए किया जाता है। देश के उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों के लिए भी संयंत्र द्वारा विशिष्ट प्लेटों की रोलिंग की जाती है। ज्ञात हो कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा अंतरिक्ष में उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए एमडीएन 250 ग्रेड इस्पात की रोलिंग, मिधानी एवं विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र के अधिकारियों की उपस्थिति में नियमित रूप से की जा रही है। इसका उपयोग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा पीएसएलवी और जीएसएलवी उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों के बाहरी मोटर के आवरण बनाने में किया जाता है। गौरतलब हो लेकिन जिस भिलाई इस्पात संयंत्र देश में अपना शीर्ष स्थान बनाये हुये वहीं कर्मचारी एवं अधिकारी के साथ सौतेला व्यवहार सेल मेनेजमेंट के द्वारा किया जा रहा है। सुविधा के अभाव में अधिकारी-कर्मचारी अंदर ही अंदर कुंठित है। भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी कर्मचारियों ने आज तक कभी हड़ताल कर उत्पादन को प्रभावित नहीं किया है।