कोई भी जन्म से एक-दूसरे से उसके रंग, बैकग्राउंड या धर्म के आधार पर नफरत नहीं करता| लोग इस दुनिया में आने के बाद ही नफरत करना सीखते हैं| लेकिन अगर वे नफरत करना सीख सकते हैं तो उन्हें प्रेम से रहना भी सिखाया जा सकता है| इसी प्रयास के साथ शांति बनाए रखने के लिए वर्ष में कई बार शांति के लिए दिनों को मनाए जाने की घोषणा हुई है| उन्हीं में से एक है अंतराष्ट्रीय शांति दिवस ( International Day for Peace)| आइए जानते हैं विश्व शांति दिवस कब मनाया जाता है और क्या है इस वर्ष का विषय।
विश्व शान्ति का आशय उन नियमों, निर्देशों, परम्पराओं एवं मूल्यों से है जो कि विश्व समुदायों में शांति व्यवस्था को बनाये रखने में सहायता करते हैं। इसके अन्तर्गत के सभी उपाय एवं गति विधियाँ आती हैं जो सामाजिक व्यवस्था को कलह एवं विवाद से बचाने में सहायता करती हैं। शांति शिक्षा का क्षेत्र बहुत व्यापक है। इसलिए इसको शब्दों में बाँधना कठिन है फिर भी कुछ विद्वानों ने इसे संघर्ष की समाप्ति की शिक्षा के रूप में स्वीकार किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर साल 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस(International Day Of Peace) मनाया जाता है इसका मकसद दुनिया भर में युद्ध और शत्रुता को कम करते हुए शांति का विस्तार करना है। इस दिन की स्थापना वर्ष 1981 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। पहला शांति दिवस कई देशों द्वारा राजनीतिक दलों, सैन्य समूहों और लोगों की मदद से 1982 में मनाया गया था। इस साल 40वां अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर 2022 को बुधवार के दिन मनाया जा रहा है, जिसकी थीम ‘जातिवाद खत्म करें, शांति का निर्माण करें‘ है। आपको बता दें कि साल 2019 में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 71वीं सालगिरह थी जिससे यह दिन और भी खास बन जाता है। यह दिन लोगों को शांति और सम्मान से जीने का अधिकार देता है।
इंटरनेशनल डे ऑफ़ पीस के बारे में जानकारी
नाम : अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace)
शुरूआत : वर्ष 1981 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा
पहली बार :1982 में
तिथि :: 21 सितंबर (वार्षिक)
उद्देश्य : देशों और लोगों को शत्रुता रोकने के लिए आमंत्रित करना तथा शांति से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता फैलाना।
थीम (2022) : एंड रेसीस्म, बिल्ड पीस
विश्व शांति दिवस कब मनाया जाता है?
शांति के लिए अंतराष्ट्रीय दिवस जिसे आधिकारिक तौर पर विश्व शांति दिवस के रूप में जाना जाता है, प्रति वर्ष 21 सितम्बर को मनाया जाने वाला सयुंक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकृत दिवस है| वर्ष 1981 में यूनाइटेड किंगडम और कोस्टा रिका द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव की घोषणा करते हुए सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने शांति के आदर्शों को याद करने और मजबूत करने के लिए अंतराष्ट्रीय शांति दिवस को मनाए जाने की घोषणा करी| “इंटरनेशनल डे ऑफ़ पीस” विश्व शांति के लिए समर्पित दिन है और विशेष रूप से युद्ध और हिंसा को रोकने में अपनी भूमिका निभाता है, जैसे यह दिन युद्ध क्षेत्र में मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए अस्थाई युद्धविराम का कारण बन सकता है| वर्ष 1981 में विश्व शांति दिवस पहली बार मनाया गया और तब से कई देशों, राजनितिक समूहों, सैन्य समूहों और लोगों द्वारा प्रति वर्ष मनाया जाता है| पहले यह दिन सितम्बर महीने के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था| सयुंक्त राष्ट्र ने 2001 से इस दिन को 21 सितम्बर को मनाए जाने की घोषणा करी|
विश्व शांति दिवस क्यों मनाया जाता है?
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य अहिंसा और संघर्ष विराम के माध्यम से विश्व में शांति कायम करना है। इसके साथ ही मानवता के लिए सभी मतभेदों से ऊपर उठकर शांति के लिए प्रतिबद्ध होने और शांति की संस्कृति के निर्माण में योगदान करना भी इसका मुख्य मकसद है। दुनिया भर के सभी देशों और लोगों के भीतर शांति के आदर्शों को मजबूत करने और युद्ध को कम करने लिए यह ख़ास तौर पर समर्पित है। अंतर्राष्ट्रीय दिवस और सप्ताह जनता को चिंता के मुद्दों पर शिक्षित करने, वैश्विक समस्याओं को दूर करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और संसाधनों को जुटाने और मानवता की उपलब्धियों का जश्न मनाने और सुदृढ़ करने के अवसर हैं। अंतर्राष्ट्रीय दिनों का अस्तित्व संयुक्त राष्ट्र की स्थापना से पहले का है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें एक शक्तिशाली वकालत उपकरण के रूप में अपनाया है। हम अन्य संयुक्त राष्ट्र के पालनों को भी चिह्नित करते हैं ।
विश्व शांति दिवस 2022 की थीम
इस साल अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 2022 की थीम ‘जातिवाद खत्म करें, शांति का निर्माण करें‘ (End Racism. Build Peace) रखी गई है। जो सही मायने में शांति प्राप्त करने के लिए ऐसे समाज के निर्माण की आवश्यकता को दर्शाता है, जिसमें लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाता हो चाहे उनकी जाति कोई भी हो।
* पिछली साल शान्ति दिवस 2021 की Theme “Recovering better for an equitable and sustainable world” (एक समान और टिकाऊ दुनिया के लिए बेहतर रिकवरी) रखी गयी थी।
* इससे पहले 2020 का विषय “Shaping Peace Together” (एक साथ शांति को आकार देना) थी और 2019 की थीम “शांति के लिए जलवायु कार्रवाई” (Climate Action for Peace) थी।
* पहला शांति दिवस ‘Right to Peace of People’(लोगों की शांति का अधिकार) विषय के साथ मनाया गया था।
विश्व शांति दिवस कैसे मनाया जाता है?
* संयुक्त राष्ट्र सभी देशों को इस ख़ास दिन पर शत्रुता को रोकने के लिए आमंत्रित करता है, और शांति से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता फैलाते हुए इस दिन को मनाता है।
सफेद कबूतर: सफेद रंग को शान्ति का प्रतीक माना जाता है इसलिए Peace Day मनाने के लिए इस दिन शान्ति के दूत सफेद कबूतरों को उड़ाकर विश्वभर में शांति का संदेश दिया जाता है।
शांति की घंटी: America के Newyork शहर में स्थित संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र शांति घंटी बजा कर यह दिन मनाया जाता है। इसके एक ओर ‘विश्व में शांति हमेशा बनी रहे’ लिखा है।
* यह घंटी सभी महाद्वीपों (अफ्रीका को छोड़कर) के बच्चों द्वारा दान किए गए सिक्कों को मिला कर बनाई गई है, जिसे Japan के United National Association ने Gift में दिया था।
* ऐसा कहा जाता है की यह घंटी युद्ध में मनुष्य की कीमत की याद दिलाती है।
2022 का आयोजन
16 सितंबर 2022 को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जाएगा । कार्यक्रम की शुरुआत शांति उद्यान में पारंपरिक शांति बेल समारोह के साथ सुबह 9:00 बजे EDT से होगी। उस मौके पर महासचिव और महासभा के अध्यक्ष शांति की घंटी बजाएंगे। उसके बाद, आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) चैंबर में सुबह 9:30 बजे ईडीटी में एक युवा अवलोकन आयोजित किया जाएगा, जिसमें 500 से अधिक छात्र महासचिव और हाई-प्रोफाइल कलाकारों और कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करेंगे। युवा लोग ऐसी परियोजनाएँ प्रस्तुत करेंगे जो नस्लवाद का मुकाबला करने के लिए उनके द्वारा की गई कार्रवाई को दर्शाती हैं और इस तरह शांति को बढ़ावा देती हैं। दोनों कार्यक्रमों का सीधा और मांग पर प्रसारण किया जाएगा ।
विश्व शांति की आवश्यकता क्यों?
विश्व शांति की अवधारणा हमारी शिक्षा व्यवस्था में प्राचीनकाल से ही रही है। प्राचीनकाल में राजा शिक्षित विद्वानों से, गुरुओं से एवं धर्मज्ञ पुरुषों से सलाह लिया करते थे। शान्ति की सलाह प्रत्येक शिक्षित एवं योग्य व्यक्ति द्वारा प्रदान की जाती थी। वर्तमान समय में अशान्ति की स्थिति ने इस शिक्षा को प्राथमिक स्तर से ही प्रारम्भ करने के लिए विवश कर दिया है। बालक के मन-मस्तिष्क पर प्राथमिक स्तर से ही शांति एवं अहिंसा की भावना का बीज रोपित कर दिय जाय तो निकट भविष्य में सम्पूर्ण विश्व में शांति का साम्राज्य होगा। जहाँ समाज में धन एवं संसाधन के लिए झगड़ा कलह होती है, उस समाज में इन वस्तुओं का कोई मूल्य नहीं होगा क्योंकि व्यक्ति में त्याग की भावना का समावेश हो जाएगा। व्यक्ति अपने लिए न जीकर समाज के लिए जीवन जी सकेगा। अतः वर्तमान समय में शांति शिक्षा की निम्न कारणों से आवश्यकता है-
आदर्शवादीय मूल्यों के विकास हेतु- आदर्शवादी मूल्यों की वर्तमान समय में लगभग दयनीय दशा है। व्यक्ति आज खुले रूप से घोषणा है कि आदर्शों से पेट नहीं भरता एवं सभी आदर्श खोखले हैं। इस स्थिति ने समाज में पूर्णतः अराजकता की स्थिति उत्पन्न कर है। भ्रष्टाचार का बोलबाला सभी जगह है। अतएव अशांति का माहौल फैला हुआ है।
सामाजिक गुणों के विकास हेतु- शांति शिक्षा की आवश्यकता बालकों में सामाजिक गुणों के विकास के लिए जरूरी है, जिससे समाज में शांति स्थापित की जा सके। आज का मानव अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए मात्र अपना हित चाहता है।
नैतिक व्यवहार के विकास में सहायक- शांति शिक्षा की आवश्यकता अनैतिकता की समाप्ति एवं नैतिक व्यवहार के उदय के लिए प्रमुख रूप से है। वर्तमान में मानव नैतिकता की सीमाएँ त्याग चुका है।
चारित्रिक विकास में आवश्यक- सामान्य रूप से यह देखा जाता है कि जब व्यक्ति चरित्रहीनता से ग्रसित होता है तो उसका प्रत्येक कार्य सामाजिक अशान्ति उत्पन्न करता है। शान्ति शिक्षा मानव में सर्वप्रथम चारित्रिक गुणों का विकास करती है एवं व्यक्ति को उसके दायित्वों एवं व्यवहार के लिए आदर्श दिशा निर्देश प्रदान करती है।
पर्यावरण सुरक्षा में सहायक- शान्ति शिक्षा द्वारा छात्रों में पर्यावरण के प्रति प्रेम विकसित किया जाता है, जिससे वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होते हैं एवं पर्यावरणीय प्रदूषण को रोकने में सहायक होते हैं क्योंकि शांति शिक्षा के अभाव में व्यक्ति पर्यावरणीय संसाधनों का व्यापक रूप से दोहन करता हैं, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन होता है। यह असंतुलन सम्पूर्ण मानव के लिए दुःखदायी होता है।
सामाजिक न्याय में सहायक- वर्तमान समाज में अनेक दलित एवं गरीबों को विकास के अवसर एवं अधिकार प्राप्त नहीं होते, उनके साथ सामाजिक अन्याय की स्थिति बनी रहती है। इस स्थिति में शांति शिक्षा मानव समुदाय हेतु वरदान सिद्ध होती है।
सामाजिक एकता के विकास में सहायक सामाजिक एकता के विकास के लिए भी शांति शिक्षा परमावश्यक है, क्योंकि समाज में चारों ओर विवाद एवं कलह का वातावरण है। शांति शिक्षा के माध्यम से बालकों में सर्वजन हिताय तथा सर्वजन सुखाय की भावना विकसित की जाती है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति स्वहित के स्थान पर परहित का भाव रखने लगता है।
वैश्विक समाज की स्थापना हेतु- वैश्विक समाज की स्थापना के लिए भी शांति शिक्षा आवश्यक है। जब शांति शिक्षा का प्रचार-प्रसार स्थानीय स्तर पर किया जाएगा तो इसका प्रभाव राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिलता है। भारतीय समाज में शांति एवं सहानुभूति के मूल्यों को स्वीकार किया जाता है।
वैश्विक विकास में सहायक- शांति शिक्षा के मूल में ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की भावना भिहित होती है। इसके द्वारा मानव के विचार इतने व्यापक हो जाते हैं कि वह अपनी एक रोटी को सभी में बाँटकर खाता है।
वैश्विक स्तर पर संस्कृति के विकास हेतु- वैश्विक संस्कृति के विकास हेतु शांति शिक्षा अत्यावश्यक है। शांति शिक्षा के माध्यम से छात्रों में प्राथमिक स्तर से ही रूढ़वादिता एवं अंधविश्वासों के प्रति नकारात्मक भाव विकसित किया जाता है एवं स्वस्थ, उपयोगी परम्पराओं के प्रतिसकारात्मक दृष्टिकोण विकसित किया जाता है।
अन्तर्राष्ट्रीय शांति में सहायक- शांति शिक्षा के परिणाम व्यापक एवं सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित करने वाले होते हैं। महात्मा गाँधी एवं वैदिक साहित्य की चर्चा सम्पूर्ण विश्व में आज भी होती है क्योंकि दोनों के साहित्य में शांति की भावना समाहित है एवं कलह, विवाद का कोई स्थान नहीं है। शांति के माध्यम से छात्रों में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना का विकास किया जाता है। बालक सम्पूर्ण पृथ्वी पर निवास करने वाले मानवों को अपना परिवार समझता है। परिवार से कोई भी बालक विरोध नहीं करता। इस प्रकार यह भावना सम्पूर्ण विश्व के छात्रों में प्राथमिक स्तर से ही विकसित कर दी जाए तो संपूर्ण विश्व एक परिवार होगा एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण शांति होगी।
जीवन कौशलों के विकास में महत्त्वपूर्ण- मानव का व्यवहार कौशलों से रहित होने पर अशांति उत्पन्न करने वाला होता है। प्रत्येक मानव का व्यवहार एवं कार्य भित्र प्रकार का होता है, उसे उचित एवं सार्थक रूप में परिवर्तित करना कुशलता का ही कार्य होता है।
विश्व शांति की स्थापना हेतु विभिन्न उपाय
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दुनियाभर में शान्ति एवं अमन की स्थापना हेतु पांच मूल मंत्र दिए, जिन्हें ‘पंचशील का सिद्धांत‘ भी कहा जाता है। यदि हर कोई इन पांच मूल मंत्रो को अमल लाये तो विश्व में कभी अशांति नहीं होगी।
* सभी देश समानता और आपस में फायदे की नीति का पालन करें।
* एक दूसरे के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करें।
*.देश एक दूसरे के खिलाफ कोई भी आक्रामक कार्यवाही न करें।
* एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करें।
* शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की नीति में विश्वास रखे।
असमानता से लड़ो, जातिवाद से लड़ो
जातिवाद, ज़ेनोफ़ोबिया और संबंधित भेदभाव और असहिष्णुता सभी समाजों में, हर जगह मौजूद हैं। नस्लवाद न केवल उन लोगों के जीवन को नुकसान पहुंचाता है जो इसे सहते हैं, बल्कि पूरे समाज को भी नुकसान पहुंचाते हैं। भेदभाव, विभाजन, अविश्वास, असहिष्णुता और नफरत वाले समाज में हम सभी हार जाते हैं। जातिवाद के खिलाफ लड़ाई सबकी लड़ाई है। नस्लवाद से परे दुनिया के निर्माण में हम सभी की भूमिका है।
संबंधित अनुष्ठान
* अंतर्राष्ट्रीय अंतरात्मा दिवस
* विकास और शांति के लिए खेल का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
* शांति के लिए बहुपक्षवाद और कूटनीति का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
* शांति से एक साथ रहने का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
* संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
* अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस
* शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस
* तटस्थता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
विश्व शांति पर स्लोगन और विचार
* शांति भीतर से आती है… इसकी तलाश बाहर मत करो। -गौतम बुद्ध
* शांति अपने आप में ही, एक पुरस्कार है। -महात्मा गाँधी
* शांति, राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं मिल सकती, बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से मिल सकती है। -सर्वपल्ली राधाकृष्णन
* ह्रदय के अन्दर शांति की शुरुआत एक मुस्कराहट से होती है। -मदर टेरेसा
* साहसी लोग शांति की लिए, क्षमा करने से भी घबराते नहीं है। -नेल्सन मंडेला
* हम केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में ही विश्वास रखते हैं। -लाल बहादुर शास्त्री
* वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं” और “मेरा” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है। -भगवत गीता
* जो व्यक्ति द्वेषपूर्ण विचारों से मुक्त रहता हैं, वह निश्चित रूप से शांति को प्राप्त करता हैं। -गौतम बुद्ध
विश्व शान्ति सभी देशों और/या लोगों के बीच और उनके भीतर स्वतन्त्रता, शान्ति और खुशी का एक आदर्श है। विश्व शान्ति पूरी पृथ्वी में अहिंसा स्थापित करने का एक माध्यम है, जिसके तहत देश या तो स्वेच्छा से या शासन की एक प्रणाली के जरिये इच्छा से सहयोग करते हैं, ताकि युद्ध को रोका जा सके।