भिलाई। भिलाई की बेटी तृषा बी. तोमर को मॉरीशस में आयोजित सौन्दर्य प्रतियोगिता में मिसेज इंडिया यूनिवर्स-अर्थ का खिताब मिला है। उन्हें इसके साथ ही आईकोनिक आईज एवं मोस्ट ब्यूटीफुल लेडी का खिताब भी दिया गया है। उन्हें यह खिताब 18 अक्तूबर को मॉरीशस के ट्रिएनन कान्वेंशन सेन्टर में आयोजित प्रतियोगिता के ग्रांड फिनाले में दिया गया। तृषा ने देश की 80 महिला प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए यह खिताब जीता है। जिन्हे रिलायबल एजुकेशन भिलाई के डायरेक्टर सतीश दास वैष्णव द्वारा प्रोत्साहित किया गया ताकि तृषा बी. का भविष्य उज्जवल हो तथा देश में महिलाओं के कार्य क्षेत्र में आगे बढऩे का मौका मिले। तृषा बताती हैं कि वक्त के साथ दैहिक सुन्दरता चली जाएगी, लोग सिर्फ यह याद रखेंगे कि आपने क्या किया। वे महिलाओं के लिए काम करना चाहती हैं। अब यूएन के साथ मिलकर वे वैश्विक स्तर पर महिलाओं की स्थिति सुधारने एवं उनके प्रति समाज के नजरिये को सुधारने के लिए काम करेंगी। तृषा का जन्म सूरत में हुआ। यहीं उनकी आरंभिक शिक्षा हुई जिसके बाद अहमदाबाद और करनाल में उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। उनके पिता एस भौमिक का तबादला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हो गया जिसके बाद वे अपनी माँ रीता डी भौमिक के साथ यहीं आ गई। उन्होंने एमिटी विश्वविद्यालय से बीटेक और फिर एमटेक की उपाधि प्राप्त की और रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सहायक प्राध्यापक नियुक्त हो गई। उनके पति रोहित तोमर डिफेंस में हैं। तृषा बताती हैं कि उन्हें इस मंच पर जाने का श्रेय पूर्व मिसेज इंडिया यूनिवर्स भाष्वती रामपाल को जाता है। घरेलू जिम्मेदारियों के साथ कामकाजी जीवन का बेहतर संतुलन बनाकर आगे बढ़ रही तृषा के लिए यह एक बेहद रोमांचक सफर रहा। विस्सेरा प्रोडक्शन्स द्वारा आयोजित इस ईवेन्ट ने उन्हें जीवन के दूसरे पहलुओं को समझने का मौका दिया। इस ईवेन्ट में उन्हें देश के अलग अलग प्रांतों से आई श्रेष्ठ महिलाओं के साथ ही दुनिया भर की महिलाओं से मिलने और सीखने का अवसर मिला। अंतरराष्ट्रीय स्तर के ग्रूमिंग कोच कासात्रिध्य मिला। तृषा ने एक बार बोलना शुरू किया तो बस बोलती ही चली गई। कितना कुछ था उनके पास बोलने के लिए। उन्हीं के शब्दों में, चंद महीनों का यह सफर उनके लिए एक युग जैसा था जिसमें उन्होंने स्वयं का एक नए रूप में आविष्कार किया। खूबसूरत आंखों की मलिका तृषा ने बताया कि हालांकि हालात बहुत बदल गए हैं तथापि अधिकांश महिलाओं के मानवाधिकार आज भी हाशिए पर हैं। वे पुरुषों के बराबर और कहीं कहीं उनसे ज्यादा घंटे, ज्यादा मेहनत के काम करती हैं। पर उनकी राय को आज भी बहुत ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता। यह स्थिति बदलनी चाहिए।
छत्तीसगढ़ की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस राज्य में महिलाओं को नैसर्गिक रूप से पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त हैं। यहां लिंगानुपात भी बेहतर है। छत्तीसगढ़ की सरकारों ने बालिकाओं की शिक्षा, बालिकाओं के शारीरिक एवं मानसिक विकास, सही उम्र में विवाह को प्रोत्साहित करने की दिशा में प्रभावशाली हस्ताक्षर किये हैं। यह पूरे देश के लिए अनुकरणीय है। तृषा मॉडलिंग और अभिनय के क्षेत्र में जाना चाहती हैं।
खुबसुरती की मल्लिका तृषा को मिला मिसेज इंडिया यूनिवर्स का खिताब
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