एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन है. ये पहल पर्यावरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाली है, क्योंकि कचरे का 90 परसेंट हिस्सा प्लास्टिक ही होता है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने के बाद से पेपर बैग की डिमांड मार्केट में तेजी से बढऩे लगी है। पेपर बैग डे हर साल 12 जुलाई को मनाया जाता है। इसको मनाने के पीछे का मकसद है लोगों को प्लास्टिक की जगह पेपर से बने बैग को यूज करने के बारे में अवेयर करना है।
पेपर बैग डे (पेपर बैग दिवस) हर साल 12 जुलाई को मनाया जाता है। यह प्लास्टिक के बजाय पेपर बैग के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने का दिन है। आज के समय में प्लास्टिक का इस्तेमाल इतना बढ़ गया है कि प्रदूषण चरम पर है, चाहे वायु प्रदूषण हो या जल प्रदूषण। यह हमारे पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक चीजों में से एक है। पर्यावरण पर प्लास्टिक की थैलियों के प्रतिकूल प्रभावों ने ही पेपर बैग के उपयोग को बढ़ावा दिया है। दरअसल, प्लास्टिक को सड़ने में सालों लग जाते हैं, जबकि पेपर बैग में कम समय लगता है और इसे आसानी से रिसाइकल भी किया जा सकता है। यानी कुल मिलाकर पेपर बैग के उपयोग से पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सकता है। हाल ही में केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया है. ये पहल पर्यावरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाली है क्योंकि कचरे का 90 प्रतिशत हिस्सा प्लास्टिक ही होता है. सिंगल यूज प्लास्टिक बैन होने से पेपर बैग की उपयोगिता बढ़ेगी. इससे प्रदूषण कम होने के साथ साथ रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी. हर साल 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाता है. ये दिन प्लास्टिक की बजाय पेपर बैग के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने का दिन है।
पेपर बैग का इतिहास
साल 1852 में फ्रांसिस वोले नाम के एक अमेरिकी आविष्कारक ने दुनिया में पहली बार पेपर बैग मशीन बनाया था। बाद में 1871 में, मार्गरेट ई नाइट ने एक और मशीन विकसित की, जो फ्लैट-बॉटम पेपर बैग का उत्पादन करती थी। इससे वह ‘किराने की थैलियों की मां’ के रूप में लोकप्रिय हो गईं, क्योंकि उनके बनाए पेपर बैग का इस्तेमाल किराने की दुकानों पर खूब किया जाता था। इसके अलावा पिछले कुछ सालों में, चार्ल्स स्टिलवेल और वाल्टर ड्यूबनेर जैसे कई आविष्कारक आए, जिन्होंने पेपर बैग को एक बेहतर डिजाइन दिया। दुनिया में ऐसे लाखों लोग हैं, जिन्होंने प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल छोड़ पेपर बैग की ओर रुख किया है। हालांकि अभी भी करोड़ों लोग प्लास्टिक की थैलियों आदि का धड़ल्ले से इस्तेमाल करते आ रहे हैं। यही वजह है कि 12 जुलाई को पेपर बैग दिवस मनाकर इसके उपयोग के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाती है। पेपर बैग पर्यावरण के अनुकूल हैं और प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में मदद करते हैं।
प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण के लिए पेपर बैग को बढ़ावा
आज के समय में प्लास्टिक का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. जिससे प्रदूषण चरम पर है. फिर चाहे वह जल प्रदूषण हो या वायु प्रदूषण. यह हमारे पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक चीजों में से एक है. पर्यावरण पर प्लास्टिक की थैलियों के प्रतिकूल प्रभावों ने ही पेपर बैग के उपयोग को बढ़ावा दिया है. देशभर में आज से सिंगल-यूज प्लास्टिक बैन है।
पेपर बैग के गुण
* पेपर बैग आसानी से रीसाइकिल हो जाते हैं।
* प्लास्टिक बैग बनाने की तुलना में पेपर बैग बनाने में कम ऊर्जा लगती है।
* पेपर बैग नुकसानदायक नहीं होते जबकि प्लास्टिक बैग जानवरों के लिए काफी हार्मफुल होते हैं।
* पेपर बैग से खाद भी बनाया जा सकता है।
* पेपर बैग 100 फीसदी री-साइकिल किए जा सकते हैं और सबसे खास बात कि ये सिर्फ एक महीने में ही विघटित हो सकते हैं।
* पेपर बैग पालतू या अन्य जानवरों के लिए उतने नुकसानदायक नहीं है, जितने कि प्लास्टिक बैग हैं।
* एक पेपर बैग में लगभग 10-14 सामान तक रखे जा सकते हैं और वे काफी मजबूत होते हैं।
* पेपर बैग कागज से बना हुआ होता है जो कि पर्यावरण पूरक होता है और 4 से 6 हफ्ते में डीकंपोज हो जाता है मिट्टी के साथ।
*.पेपर पेड़ों से बनता है इसलिए डिस्ट्रॉय होते समय कोई भी हानिकारक केमिकल नहीं छोड़ते हैं और इससे कोई नुकसान नहीं होता।
* कागज के बैग आसानी से दोबारा से इस्तेमाल किए जा सकते हैं और उसे आसानी से रीसायकल किया जा सकता है और उसे ट्रांसफर किया जा सकता है जल्दी से गैजेट के साथ यानी दूसरे कोई के साथ जो कि प्लास्टिक के साथ करना थोड़ा मुश्किल है।
पेपर बैग के नुकसान
* पेपर बैग बनाने के लिए कागज का इस्तेमाल होता है और कागज लकड़ी से बनते है और कागज बनाने के लिए यानी पेपर बनाने के लिए काफी सारे पेड़ काटने पड़ते हैं जो कि एक तरह से हमें हमारे नेचर को प्रदूषित करने में भाग होते हैं।
* दूध और क्या तेल जैसे तरल पदार्थ को हम पेपर बैग में नहीं ले जा सकते और उसका इस्तेमाल लिक्विड फॉर्म में लाने वाले पदार्थ को उसने नहीं ले जाया जा सकता।
* पेपर बैग में फ्रीजिंग फूड कैरी करना मुश्किल है।
* भारी वस्तु भी पेपर बैग में कैरी किया नहीं जा सकते क्योंकि अगर कोई वस्तु आप पेपर बैग में ले जाएंगे तो पेपर बैग फट सकती है इसके बजाय प्लास्टिक बैग भारी वजन उठा सकती है।
पेपरबैग विकल्प
एल्यूमीनियम आपने भी कई बार होटल से खाना मंगवाया होगा तो एलुमिनियम पेपर के डब्बे आपने कई बार देखे होंगे और यह भी एक बहुत ही अच्छा अल्टरनेटिव है प्लास्टिक बैग और कागज के पेपर बैग के लिए।
अब लाखों लोगों ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक की बजाय कागज की थैलियों को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है जो एक समझदार व्यक्ति का फर्ज है । प्लास्टिक बैग के मुकाबले पेपर बैग बनाने में कम एनर्जी का इस्तेमाल होता है। जानवरो के लिए भी पेपर बैग हानिकारक नहीं होता है। जैसा की आप सभी देख चुके है की एक पेपर बैग का इस्तेमाल करने से हमारी दुनिया को कितना बड़ा लाभ होता है। अगर आपको ये विशेष त्यौहार जानकारी पसंद आयी है तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। आप सभी को पेपर बड़ डे की हार्दिक शुभकामनाये।