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बढ़ती उम्र के साथ बहुत से लोगों को शुगर की शिकायत होने लगती है। जो लोग इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लेते हैं, उन्हें जल्द ही दवाई और इन्सुलिन इंजेक्शन पर निर्भर होना पड़ता है। हालांकि, शोधकर्ताओं का दावा है कि शुगर के मरीज प्राकृतिक तरीकों से अपने रक्त में ग्लूकोस की मात्रा को कम रख सकते हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में लोगों के बीच ‘इन्सुलिन’ नामक पौधे को लेकर जागरूकता बढ़ी है। दरअसल, कोस्टस इग्नेस नाको को भारत में ‘इन्सुलिन’ या फिर ‘स्पाइरल फ्लैग’ के नाम से जाना जाता है। इस पौधे को इन्सुलिन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी पत्तियों को चबाने से आपके रक्त में ग्लूकोस की मात्रा कम हो जाती है। इस कारण यह पौधा शुगर के मरीजों के लिए काफी कारगर है। इसके अलावा, इस पौधे की बनावट और पत्ते बहुत ही खूबसूरत होते हैं। इसके पत्ते स्पाइरल तरीके से शाखाओं पर लगे होते हैं और इसलिए बहुत से घरों में इसे ऑर्नामेंटल पौधे के रूप में भी लगाया जाता है। इन्सुलिन पौधे को आप आसानी से अपने घर में लगा सकते हैं।
इन्सुलिन प्लान्ट मधुमेह के लिए लाजबाव पौधा जो की बिमारियों में लाभदायक है। भारत में हिमाचल तथा काश्मीर में अधिकतर पाया जाता है। यह बहुवर्षीय पौधा है। यह शरीर में इन्सूलीन बनाता है। इसके पत्ते बड़े स्वाद में खटृटे होते हैं।इंसुलिन के पत्ते को चबाने से शरीर के मेटाबालिक प्रोसेस बेहतर होता है. इस पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन इंसान के शरीर की शुगर को ग्लाइकोजेन में बदल देता है जिससे मधुमेह पीड़ितों को फायदा होता है. सिर्फ शुगर ही नहीं, खांसी, जुकाम, स्किन इंफेक्शन, आंखों का इंफेक्शन, फेफड़ों की बीमारियां, दमा, गर्भाशय संकुचन, दस्त, कब्ज आदि बीमारियों में भी इंसुलिन के पौधे का इस्तेमाल किया जाता है।डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है जिससे कई तरह की बीमारियां शरीर को अपनी चपेट में ले लेती हैं. ऐसे में इंसुलिन एक ऐसा पौधा है जो डायबिटीज पर लगाम लगाने में काफी प्रभावी है। एनसीबीआई के मुताबिक, इंसुलिन के पत्ते की मदद से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है औरा टाइप-2 डायबिटिज (Di की समस्या का इलाज किया जा सकता है. बता दें कि इस पौधे में इंसुलिन नहीं होता और ना ही शरीर में यह इंसुलिन बनाता है, लेकिन इस पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन शुगर को ग्लाइकोजेन में बदल देते हैं जिससे उपापचय की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है।
क्या है इंसुलिन का पौधा
इंसुलिन एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियां चबाकर आप काफी हद तक अपना शुगर कंट्रोल कर सकते हैं. इंसुलिन प्लांट्स का आयुर्वेद में काफी महत्व है. इसका वैज्ञानिक नाम कोक्टस पिक्टस है और इसे क्रेप अदरक, केमुक, कुए, कीकंद, कुमुल, पकरमुला और पुष्करमूला जैसे नामों से भी जाना जाता है. स्वाद में इसकी पत्तियों का टेस्ट खट्टा होता है।
इंसुलिन के पौधे के अन्य फायदे
इंसुलिन के पत्ते को चबाने से शरीर इंसुलिन के मेटाबालिक प्रोसेस बेहतर होता है। इस पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन इंसान के शरीर की शुगर को ग्लाइकोजेन में बदल देता है जिससे मधुमेह पीड़ितों को फायदा होता है. सिर्फ शुगर ही नहीं, खांसी, जुकाम, स्किन इंफेक्शन, आंखों का इंफेक्शन, फेफड़ों की बीमारियां, दमा, गर्भाशय संकुचन, दस्त, कब्ज आदि बीमारियों में भी इंसुलिन के पौधे का इस्तेमाल किया जाता है।
निम्नलिखित बिमारियों से राहत मिलेगी
* बुखार
* अस्थमा
* ब्रोंकाइटिस
* ब्लड सुगर
* कैंसर
* लीवर
* किडनी
* बर्ड प्रेशर
* गले की बिमारी
* पेशाब में परेशानी
* पेन्क्रियाज हेल्दी
* पेट की बिमारी
* चेहरे की सुंदरता
* कालस्ट्रोल सही करता है।
आयुर्वेदिक दवाओं में इसका उपयोग होता हैं
* कैसे करें– पत्ते सूखाकर पाउडर बना कर
* चाय बनाकर मधु डालकर।
* सुगर 200 से अधिक होने पर दो पत्ते चबाकर खाएं, और भी अधिक होने पर चार पत्ते सुबह-शाम सेवन करें। जूस निकाल कर भी उपयोग कर सकते हैं। इसमे बहुत से ऐसे तत्व है जो पाचन-क्रिया को ठीक करता है। किडनी में स्टोन नहीं बनता। इसके पत्ते एन्टीबैक्टेरियल है।
नोट – गर्भवती महिला ना खाएं।
इन्सुलिन पौधा होता है खूबसूरत
अगर पौधे की बनावट की बात करें, तो इसके पत्ते बहुत ही खूबसूरत दिखाई देते हैं और पत्ते स्पाइरल तरीके से शाखाओं पर लगे होते हैं. इसे घरों में ऑर्नामेंटल पौधे के रूप में भी लगाया जाता है. आप इस पौधे को आसानी से घर में लगा सकते हैं. इससे आपके घर की सुन्दरता बढ़ेगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
यह प्लांट नॉर्थ और साउथ अमेरिका में बहुतायत में पाया जाता है, इन्सुलिन में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते है. इसमें बहुत फायटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जैसे फ्लैवोनॉइड, स्टेरॉयड, अल्कलॉइड, प्रोटीन्स, सैपोनिन्स आदि. इसकी मदद से आयुर्वेदिक दवाईयां तैयार की जाती है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण साबित हुई हैं।
इस तरह करें इस्तेमाल
इंसुलिन के पौधे की दो पत्तियों को धोकर आप पीस लें. अब एक गिलास पानी में इसे घोलकर सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करें. इसके नियमित सेवन से डाइबिटीज की बीमारी में सुधार दिखने लगता है।
इंसुलिन प्लांट को कब तक यूज़ करें
इन्सुलिन प्लांट से डायबिटीज में फायदे होते हैं। यदि टाइप टू डायबिटीज है उसमें इन्सुलिन प्लांट से काफी फायदे देखे गए हैं। आप इन्सुलिन प्लांट के पत्ते को जूस निकालकर ले सकते हैं, या फिर पत्ते को चबाकर भी खा सकते हैं, पाउडर बनाकर भी उपयोग किया जा सकता है। मान लीजिए अगर डायबिटीज आपका है तो एकाएक आप अपनी दवा बंद ना करें। आप इन्सुलिन प्लांट के पत्ते का जूस लेते हुए भी आपने जो दवा है उसको चलाते रह सकते हैं। 25 – 30 दिन के बाद आप अपने डायबिटीज को फिर से चेक करवा ले। चेक करवाने के बाद अगर आपको लगे कि आप खाने की आवश्यकता नहीं है तो खाना बंद कर दें। कोई भी चीज अधिक से अधिक होने पर फायदे के जगह पर नुकसान भी कर सकती है।
घर पर लगा सकते हैं इंसुलिन का पौधा
इंसुलिन का पौधा आप सालभर कभी भी लगा सकते हैं. यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है जिसकी ऊंचाई ढाई से तीन फीट तक होती है. बरसात के सीजन में इसकी पौध लगाना सबसे आसान माना जाता है. आप घर पर गमले में खाद और मिट्टी को सही अनुपात में डालकर इसे लगाएं और पानी देते रहें. ये आसानी से गमले में पनप जाता है।
* मिट्टी — हर तरह की मिट्टी में आसानी से लग जाता है।
* खाद– गोबर की खाद दें।
* पानी — कम देनी है इसके कंद अदरक जैसे होते हैं जो अधिक पानी से गल जाएंगे।
* इसको कंद से, कटिंग से यह या नीचे आने वाले नन्हें पौधों से लगता है। इसे बरसात में आसानी से लगा सकते है।
फूल — इसमें फूल भी आते हैं जो उजले रंग के सुंदर दिखते हैं।
कटिंग से आसानी से लगाएं ‘इन्सुलिन’ का पौधा
जरूरी नहीं है कि आप इसे तभी लगाएं जब आपके परिवार में किसी को शुगर की बीमारी हो। इन्सुलिन को आप अपने घर और बगीचे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए भी लगा सकते हैं। घर में इन्सुलिन का पौधा लगाना आसान है। आप चाहें तो पौधा नर्सरी से खरीदकर ला सकते हैं या फिर पौधे की कटिंग से लगा सकते हैं।
क्या-क्या चाहिए
इन्सुलिन का पौधा ‘जिंजर फैमिली’ से संबंध रखता है। इसलिए इसे आप राइजोम और कटिंग से लगा सकते हैं। यह तीन-चार फ़ीट तक बढ़ता है। यह सख्त पौधा है और इसे जरूरत के अनुसार ही पानी देना होता है। साथ ही, इन्सुलिन के पौधे को बहुत ज्यादा धूप की आवश्यकता नहीं होती है। इसे आप ऐसी जगह लगाएं, जहां सिर्फ सुबह के समय कुछ समय धूप रहती हो।
* इसे लगाने के लिए आप मध्यम आकार का गमला ले सकते हैं।
* कटिंग लेते समय, ऐसी टहनी का चयन करें, जो बहुत ज्यादा सख्त न हो और न ही बहुत ज्यादा कच्ची।
* कटिंग लेते समय टहनी को तिरछा काटें। इसके बाद, इस पर से नीचे की तरफ की सभी पत्तियां हटा दें।
* पॉटिंग मिक्स के लिए आप आधी मिट्टी और आधी खाद ले सकते हैं।
* पॉटिंग मिक्स को गमले में भरकर, आप इसमें कटिंग लगा दें और ऊपर से पानी दें।
* ध्यान रहे कि गमले को सीधी धूप में नहीं रखना है। नियमित तौर पर पानी दें।
* दो-तीन हफ्तों में आपकी कटिंग विकसित होने लगेगी और तब आप इसे धूप में रख सकते हैं।
कुछ ही महीनों में इन्सुलिन का पौधा बढ़ने लगता है। इसे बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है। आप महीने में एक बार इसमें जैविक खाद दे सकते हैं। वैसे किसी भी पौधे को लगाने का सबसे सही समय बारिश का मौसम होता है। इसलिए अगर आप इन्सुलिन का पौधा अपने घर में लगाना चाहते हैं तो यह मौसम सबसे ज्यादा उपयुक्त है। अगर आपको अपने आसपास कोई कटिंग नहीं मिल रही है तो आप नर्सरी से भी पौधा खरीदकर ला सकते हैं। ताकि आगे के लिए आप इसी पौधे से और पौधे लगा सकें।
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए।