दुर्ग। 28 फरवरी 2022 ( सीजी संदेश) : स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष विलासराव, प्रांत अध्यक्ष चिकित्सा प्रकोष्ठ डॉ सीबीएस बंजारे, डॉक्टर देवेंद्र बेलचंदन, संभागीय अध्यक्ष चिकित्सा प्रकोष्ठ डॉ विनीता धुर्वे, जिलाध्यक्ष चिकित्सा प्रकोष्ठ डॉ मनीष यादव, एनएचएम जिला अध्यक्ष लकी दुबे, एनएचएम प्रांत अध्यक्ष घनश्याम पुरी, जिला अध्यक्ष बालोद विजय प्रकाश मिश्रा, प्रांतीय संगठन सचिव एवं अन्य पदाधिकारियों ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने मांग की, कि 2004 के पश्चात राज्य के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन नीति लागू करें। क्योंकि संविधान के सातवीं अनुसूची के विषयों में 42 वें स्थान पर राज्य की पेंशन अर्थात राज्य द्वारा या राज्य की संचित निधि में चंदा पेंशन का उल्लेख किया गया है। जिसका अर्थ यह हुआ कि राज्य द्वारा अपने कर्मचारियों को पेंशन देना राज्य का अपना विषय है जिसमें केंद्र सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकतीl 22 दिसंबर 2003 को जारी नई पेंशन प्रणाली हेतु केंद्र सरकार के संकल्प में यह प्रावधान किया गया था कि राज्य के लिए यह वैकल्पिक व्यवस्था होगी, जब चाहे नई योजना को अपना सकते हैं. इसके अतिरिक्त नई पेंशन से संबंधित किसी भी अधिसूचना में कहीं भी राज्यों के लिए इसे लागू करना अनिवार्य नहीं किया गया है। यही कारण है केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को एक जनवरी 2004 से केंद्रीय कर्मचारियों पर अनिवार्य रूप से लागू करने के बाद भी अधिकांश राज्यों में पुरानी योजना ही लागू रही. जिसके अंतर्गत नागालैंड, मिजोरम एवं मेघालय में 2010 तक वहीं छत्तीसगढ़ में 2012 तक व केरल में 2013 तक पुरानी पेंशन नीति लागू रही और पश्चिम बंगाल में अभी भी लागू हैl कोई भी राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए स्वतंत्र है. वह केंद्र सरकार की सहमति या असहमति के लिए भी इसे लागू कर सकते हैं क्योंकि पेंशन पर होने वाला खर्च राज्य की संचित निधि से देना है संघ ने आज मांग की वीएस राव कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष ने मंत्री जी से कहा कि राजस्थान में जिस तरीके से पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है उसी तरीके से छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन योजना लागू होती है तो सभी कर्मचारियों में खुशी व्याप्त होगी। जिस पर ग्रहमंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आश्वासन दिया।