प्रेम के दिन तो सभी दिन हो सकते हैं, फिर इस सप्ताह में क्या है ऐसा, जो वैलेंटाइन डे 7 Feb – 14 Feb को ही मनाया जाता है। वो भी सभी दिन को एक अलग पहचान है।आखिर वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है ? दरअसल, इसके पीछे कुछ इतिहास है। जो भारत में अधिकांश लोगों को नहीं पता है। वैलेंटाइन डे की शुरुआत तीसरी शताब्दी में रोम में हुई थी, रोम मे एक पादरी थे जिनका नाम संत वैलेंटाइन था उन्हीं के नाम पर वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। हालांकि संत वैलेंटाइन को लेकर एक मत नहीं है, इन्हें लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा रोमन के राजा क्लॉडियस और संत वैलेंटाइन की कहानियां प्रचलित हैं। भारत में जितने भी प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं उन सभी त्योहारों के पीछे एक सच्ची कहानी होती है जो इतिहास के पन्नो पर लिखी गयी है और वो सभी त्यौहार सदियों से चली आ रही है जो एक रिवाज की तरह बन गयी है जिसे सभी लोग अपने अपने तरीके से मनाते हैं।
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ..
इस दोहे के माध्यम से कबीर जी कह रहे है प्रेम से बड़ा ज्ञान कुछ नहीं. सचमुच प्रेम शब्द में एक अनुपम मिठास असीम सौंदर्य है. इस दोहे का अर्थ है “बड़ी बड़ी किताबे पढ़कर संसार में कितने ही लोग मृत्यु के द्वार पहुंच गए, पर सभी विद्वान न हो सके. कबीर मानते हैं कि यदि कोई प्रेम या प्यार के केवल ढाई अक्षर ही अच्छी तरह पढ़ ले. अर्थात प्यार का वास्तविक रूप पहचान ले तो वही सच्चा ज्ञानी होगा.” प्रेम शब्द में पूरी सृष्टि समाई हुई है, इस शब्द का महत्व विश्व के समस्त धर्म ग्रंथों में, समस्त साहित्य में, विश्व की सभी भाषाओं में मिलता है. प्रेम की कोई सीमा नहीं होती, यह असीम है अनंत है. इसलिए प्रेम के लिए एक खास दिन को सभी लोग वैलेंटाइन डे को मनाते हैं. ये दिन इजहारे मोहब्बत के लिए बेहतरीन अवसर माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं वैलेंटाइन डे को क्यों मनाया जाता है? और प्रेम के इस पर्व की शुरुआत कैसे और कब हुई?
प्रेम शब्द में पूरी सृष्टि समाई हुई है, इस शब्द का महत्व विश्व के समस्त धर्म ग्रंथों में, समस्त साहित्य में, विश्व की सभी भाषाओं में मिलता है. प्रेम की कोई सीमा नहीं होती, यह असीम है अनंत है. दुनिया का हर बंधन प्यार से बना होता है, अगर प्यार न हो, तो जिन्दगी में खुशियाँ नहीं हो सकती, वैसे प्यार का इज़हार कभी वक्त या मुहूर्त देखकर नहीं किया जाता, प्यार बिन बोले ही बयाँ हो जाता है, प्यार अहसास का एक ऐसा समुंदर है, जिसमे अगर तूफ़ान भी आये, तो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता. प्यार त्याग, विश्वास की एक ऐसी डोर है, जिसे बस महसूस कर सकते है, जिसे शब्दों में पिरोना आसान नहीं. प्रेम हर दिन को नयी जिंदगी देने में सक्षम होती है. परन्तु प्रेम दिखाने के लिए एक दिन मुख्य रूप से डेडिकेट किया गया है जिसे वैलेंटाइंस डे कहते है. इसे प्यार का दिन माना जाता है और उसे एक यादगार दिन बनाते है. प्रेम के लिए एक खास दिन को सभी लोग वैलेंटाइन डे को मनाते हैं. इस दिन प्रेम प्रतीत के लिए बेहतरीन अवसर माना जाता है. जीवन में जब सब कुछ प्यार ही है, तो इस अनमोल अहसास को वक्त देना भी बहुत जरुरी है और वक्त शायद इस भाग दौड़ की दुनिया में कही खोता जा रहा है. प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है.कहा जाता है कि प्रेम करने और प्रेम का इजहार करने के लिए किसी विशेष दिन की जरूरत नहीं होती है. किसी भी दिन अपने मन की बात अपने चाहने वाले के सामने रखी जा सकती है. लेकिन किसी बलिदान के कारण 14 फरवरी को प्यार के लिए समर्पित किया गया है और इसलिए इस दिन को वैलेंटाइन डे मनाते है. 14 फरवरी का इंतजार हर प्रेमी को रहता है. प्रेम करने वाले इस दिन को अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. प्रेम में कोई शर्त अथवा कोई सवाल-जवाब नहीं होता. प्रेम, सांस लेने की प्रक्रिया की तरह है, जब ये होता है तब आप केवल इसको महसूस कर सकते हैं. दुनिया भर में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे सेलिब्रेट किया जा रहा है. प्यार के नाम इस दिन को विश्व भर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. वैलेंटाइन डे का मतलब सिर्फ प्यार, रोमांस नहीं होता अपितु यह अपने पार्टनर का ख्याल रखना और उन्हें खुश रखना है. कपल वैलेंटाइन डे को लेकर उत्साहित रहते हैं. इस दिन कपल्स मिलकर एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हैं. एक दूसरे से अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं. वैलेंटाइन डे को प्यार करने वालों के दिन के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है।
वैलेंटाइन डे क्या है?
भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है. यहाँ कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है. सभी धर्मो के लोग मिल कर एक साथ सारे त्योहारों को खुसी से मनाते हैं. भारत में जितने भी प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं उन सभी त्योहारों के पीछे एक कहानी अथवा पौराणिक कथा होती है जो इतिहास के पन्नो पर लिखी गयी है और वो सभी त्यौहार सदियों से चली आ रही है, जिसे सभी लोग अपने अपने तरीके से मनाते हैं. जब भी हम दीवाली, राखी, क्रिसमस, होली जैसे त्यौहार मानते है, उनसे अपनों के बीच प्यार और भी गहरा होता जाता है. वैसे तो प्यार को किसी विशेष दिन की जरुरत नहीं, पर वक्त की तेज रफ्तार में कही न कही इसकी जरुरत आ गई है. ऐसे ही प्यार से भरा खुशनुमा त्यौहार है जिसे वैलेंटाइन डे (Valentine’s डे) कहते है. इस दिन को हम प्यार का दिन कहते हैं और हर साल के फ़रवरी माह को प्यार का महिना कहते हैं. वैलेंटाइन डे के दिन सब अपने प्यार के लिए वक्त निकालते है, प्यार का इज़हार करते है.
वैलेंटाइन डे कब मनाया जाता है |
वैलेंटाइन डे हर साल फरवरी माह की 14 तारीख को मनाया जाता है. इस दिन दुनिया भर के लोग एक दूसरे के साथ अपनी भावनाओं को परिचित कराते हैं. दुनिया भर में कैंडी, फूलों और उपहारों का आदान-प्रदान कर अपने साथी के साथ वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. आइये जानते हैं की वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई?
वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है ?
तीसरी शताब्दी में रोम पर क्लॉडियस का शासन था। क्लॉडियस चाहता था कि वह एक शक्तिशाली शासक बनें। इसलिए उसका ये मानना था कि एक अकेला सिपाही एक शादीशुदा सिपाही के मुकाबले जंग के लिए ज्यादा उचित और प्रभावशाली होता है। क्योंकि, शादीशुदा सिपाही का ध्यान अपने परिवार पर लगा रहता है कि उसके मर जाने के बाद उसके परिवार का क्या होगा और इसी कारण सिपाही जंग में अपना पूरा ध्यान नहीं लगा पाते हैं। यही सोच कर राजा क्लॉडियस ने यह ऐलान कर दिया कि उसके राज्य में कोई भी सिपाही शादी नहीं करेगा और अगर किसी ने उसके आदेशों का उल्लंघन किया तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। राजा क्लॉडियस के इस कठोर फैसले से सारे सिपाही काफी दुखी थे। उनको ये भी पता था कि ये फैसला गलत है, लेकिन राजा के डर से किसी ने भी उसके फैसले का विरोध नहीं किया। सभी उसकी आज्ञा को मानने पर मजबूर हो गए। लेकिन रोम मे रहने वाले संत वैलेंटाइन को राजा कि ये नाइंसाफी मंज़ूर नहीं था। इसलिए संत वैलेंटाइन ने राजा से छुप कर युवा सिपाहियों कि मदद कर उनकी शादियाँ करवाने लगें। जो भी सिपाही अपनी प्रेमिका से विवाह करना चाहते थे, वह वैलेंटाइन के पास मदद मांगने जाने लगे और वैलेंटाइन उनकी मदद भी करते थे । उनकी शादियाँ करवा देते थे। इसी तरह संत वैलेंटाइन बहुत से सिपाहियों की गुप्त शादी करवा चुके थे। संत वैलेंटाइन के इस काम के बारे में राजा क्लॉडियस को पता चल गया। इसलिए राजा ने वैलेंटाइन को सजा-ए-मौत की सजा सुना दी और उन्हें जेल में डाल दिया गया। जेल के अंदर वैलेंटाइन अपनी मौत का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच एक दिन उनसे मिलने जेलर आया। रोम के लोगों का मानना था कि वैलेंटाइन के पास एक दिव्य शक्ति थी। जिससे वह बीमार लोगों को ठीक कर सकते थे। जेलर कि एक अंधी बेटी थी और जेलर को वैलेंटाइन कि दिव्य शक्ति के बारे में पता था । इसलिए वह वैलेंटाइन के पास जाकर उससे कहने लगा कि वह उसकी बेटी की आंखों कि रोशनी अपनी शक्तियों से लौटा दे। वैलेंटाइन एक नेक दिल इंसान थे और वह सबकी मदद करते थे इसलिए उन्होंने जेलर कि भी मदद कि और उसकी बेटी कि आँखें अपनी शक्तियों से ठीक कर दी। उस दिन से वैलेंटाइन और जेलर कि बेटी कि आपस में गहरी दोस्ती और फिर प्यार हो गया। जेलर कि बेटी को वैलेंटाइन के मौत के बारे में सोच सोच कर गहरा सदमा लग गया था और आखिरकार वह दिन 14 फरवरी आ ही गया, जिस दिन संत वेलेंटाइन को फांसी होने वाली थी। अपनी मौत से पहले वैलेंटाइन ने जेलर से कागज और कलम मांगा, फिर उस कागज पर उसने जेलर कि बेटी को एक अलविदा संदेश लिखा जिसके आखरी मे उसने “तुम्हारा वैलेंटाइन” लिखा था और यह वो शब्द है, जिसे लोग आज भी बड़े प्यार से याद करते है।
पादरी वैलेंटाइन मरने से पहले एक खत लिखा, जो कि प्यार करने वालो के नाम था. वैलेंटाइन प्यार करने वालों के लिए ख़ुशी ख़ुशी कुर्बान हुआ है और प्यार को जिन्दा रखने की गुहार करता है, संत वैलेंटाइन के इस बलिदान की वजह से 14 फरवरी को उसके नाम पर रखा गया और इस दिन को हर प्यार करने वाले लोग संत वेलेंटाइन को याद करते हैं। एक दूसरे के साथ प्यार बांटते हैं और एक दूसरे को चॉकलेट फूल इत्यादि गिफ्ट देकर अपने प्यार का इज़हार करते हुऐ वेलेंटाइन डे मनाते है।
14 फरवरी को सैंट वैलेंटाइन को हुई थी फांसी
सेंट वैलेंटाइन ने राजा के आदेश का विरोध करते हुए कई अधिकारियों और सैनिकों की शादी करवाई. राजा इस बात पर भड़क गए और उन्होंने 14 फरवरी 269 A.D. के दिन सेंट वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया. उनके निधन के बाद हर साल 14 फरवरी को सैंट वेलेंटाइन के बलिदान को याद करने के लिए इसे ‘प्यार के दिन’ के तौर पर मनाया जाने लगा.
पहली बार वैलेंटाइन डे कब मनाया गया था?
जानकारी के अनुसार, वर्ष 496 में पहला वैलेंटाइनदिवस मनाया गया था. लोगो का कहना है की वैलेंटाइनडे की शुरुआत एक रोमन फेस्टिवल से हुई थी. 5 वीं शताब्दी के अंत तक, पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइनडे घोषित किया था, और तभी से यह पूरे विश्व में मनाया जा रहा है. कुछ का मानना है कि वैलेंटाइन की वर्षगांठ मनाने के लिए फरवरी के मध्य में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, जो संभवतः ईस्वी सन् 270 के आसपास हुआ था. इस तरह वैलेंटाइन डे की शुरुआत हुई और 14 फरवरी को प्रेम का दिन वैलेंटाइन डे मनाया जाने लगा. जल्द ही ये दिन प्यार के इज़हार का दिन बन गया.
वैलेंटाइन वीक
आज की पीढ़ी को वैलेंटाइन वीक का बेसब्री से इन्तजार रहता है| यह उनके लिए अपने साथी से प्यार का इजहार करने का एक मौका प्रदान करता है| आइये जानते हैं वैलेंटाइन वीक 2022 में कब कौनसा दिन मनाते हैं:
दिन वैलेंटाइन डे
07 फरवरी 2022रोज डे
08 फरवरी 2022प्रोपोज़ डे
09 फरवरी 2022चॉकलेट डे
10 फरवरी 2022टेडी डे
11 फरवरी 2022प्रॉमिस डे
12 फरवरी 2022हग डे
13 फरवरी 2022किस डे
14 फरवरी 2022वैलेंटाइन डे
07 फरवरी : रोज डे (Rose Day)
वैलेंटाइन वीक की शुरुआत 07 फरवरी से होती है| इस दिन को रोज डे कहते हैं| Rose Day के दिन प्रेमी अपने साथी को एक लाल गुलाब देने के साथ इस दिन की बधाई देता है| लाल गुलाब को प्रेम की निशानी माना जाता है| इसी के साथ लोग इस दिन को गुलाबी गुलाब, पीला गुलाब, सफ़ेद गुलाब देकर भी रोज डे मनाते हैं|
08 फरवरी : प्रोपोज़ डे (Propose Day)
प्रोपोज़ डे वैलेंटाइन वीक का दूसरा दिन है, जिसे 08 फरवरी को मनाते हैं| इस दिन को प्यार का प्रस्ताव के दिन के रूप में चिह्नित किया गया है| लोग गुलाब या अंगूठी के साथ प्रेमी के सामने अपने प्यार का प्रस्ताव रखते हैं|
09 फरवरी : चॉकलेट डे (Chocolate Day)
वैलेंटाइन वीक का तीसरा दिन यानि 09 फरवरी चॉकलेट डे के रूप में मनाया जाता है|
10 फरवरी : टेडी डे (Teddy Day)
टेडी एक प्यारे और सबसे प्रसिद्ध नरम खिलौनों में से एक हैं, जो हर लड़की द्वारा पसंद किये जाते हैं| इसलिए प्यार के इस सप्ताह में 10 फरवरी को टेडी डे के रूप में चिन्हित किया गया है|
11 फरवरी : प्रॉमिस डे (Promise Day)
11 फरवरी को वैलेंटाइन वीक का पांचवा दिन प्रॉमिस डे मनाते हैं| यह प्रेमी-प्रेमिकाओं का एक साथ वादे करने का दिन है|
12 फरवरी : हग डे (Hug Day)
वैलेंटाइन वीक का अगला दिन 12 फरवरी को हग डे के रूप में मनाया जाता है, जिस दिन गले लगाकर अपने साथी को प्यार का इजहार करते हैं|
13 फरवरी : किस डे (Kiss Day)
13 फरवरी को किस डे यानि चुंबन दिवस है मनाते हैं| यह वैलेंटाइन डे से पहले आखिरी दिन होता है|
14 फरवरी : वैलेंटाइन डे (Valentine Day)
अंत में, प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी के दिन वेलेंटाइन डे मनाकर वैलेंटाइन वीक समाप्त होता है|
वैलेंटाइन डे कैसे मनाया जाता है ?
हमारे देश भारत को त्योहारों का देश माना जाता है क्यूंकि यहाँ सभी लोग मिल कर एक साथ सारे त्योहारों को खुशियां से मनाते हैं जैसे होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस इत्यादि.उसी तरह , इस दिन को हम प्यार का दिन कहते हैं और हर साल के फ़रवरी माह को प्यार का महीना कहते हैं।आमतौर पर इसे अपने प्रेमिका यानी Girl Friend या Wife के साथ लोग मानते हैं। लेकिन इसे आप आपने सभी चाहने वाले, जिससे आप प्रेम करते हैं, उसके साथ मना सकते हैं। अपने परिवार, रिस्तेदार किसी के भी साथ मना सकते हैं।
किसी को प्रेम करने के लिए किसी दिन का इंतजार नहीं रहता. प्रेम हर दिन को नयी जिंदगी देने में सक्षम होती है।