“उत्पादकता” उन चीजों को करना है, जो आप पहले कभी नहीं कर पाए| भारत में वर्ष में एक सप्ताह देश के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता पर विचार करने के लिए “नेशनल प्रोडक्टिविटी सप्ताह” (National Productivity Week) के रूप में मनाया जाता है| इसकी शुरुआत राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस यानि नेशनल प्रोडक्टिविटी डे के दिन होती है| यह राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस कब मनाया जाता है और क्या है इसका उद्देश्य, आइये जानते हैं:
राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस, भारत में हर साल 12 फरवरी को मनाया जाता है. राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का उद्देश्य देश में सभी क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता चेतना को प्रेरित और प्रोत्साहित करना है. दिन का मुख्य पर्यवेक्षण समकालीन प्रासंगिक विषयों के साथ उत्पादकता उपकरण और तकनीकों के कार्यान्वयन में सभी हितधारकों को प्रोत्साहित करना है.
भारत में यह दिन उत्पादकता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) द्वारा मनाया जाता है. भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) भारत में उत्पादकता आंदोलन के प्रसार के लिए एक प्रमुख संस्थान है. NPC त्वरणशील उत्पादकता, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, उत्पादकता में वृद्धि की दिशा में समाधान प्रदान करने के लिए काम करता है.
राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस कब मनाया जाता है
भारत में हर साल 12 फरवरी को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस मनाया जाता है| इसी दिन वर्ष 1958 में राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (नेशनल प्रोडक्टिविटी कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया) की स्थापना की गई थी| एनपीसी भारत में उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर का संगठन है| राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त पंजीकृत सोसायटी है|
नेशनल प्रोडक्टिविटी कॉउन्सिल
एनपीसी भारत में उत्पादकता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के तहत एक राष्ट्रीय स्तर का स्वायत्त संगठन है। इसे 12 फरवरी, 1958 को सरकार द्वारा पंजीकृत सोसाइटी के रूप में स्थापित किया गया था ताकि देश के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता चेतना को प्रोत्साहित और बढ़ावा दिया जा सके| एनपीसी (नेशनल प्रोडक्टिविटी कॉउन्सिल) उत्पादकता के क्षेत्र में अनुसंधान करने के अलावा, सरकार और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संगठनों को औद्योगिक इंजीनियरिंग, कृषि-व्यवसाय, आथक सेवाएं, गुणवत्ता प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, प्रौद्योगिकी प्रबंधन, ऊर्जा प्रबंधन, पर्यावरण प्रबंधन आदि के क्षेत्रों में परामर्शी और प्रशिक्षण सेवाएं प्रदान करता रहा है| यह एक त्रि-पक्षीय गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) है जिसमें सरकार, नियोक्ताओं और श्रमिकों के संगठनों से समान प्रतिनिधित्व है| इसमें तकनीकी और पेशेवर संस्थानों के प्रतिनिधि भी हैं, जिनमें स्थानीय उत्पादकता परिषदों और वाणिज्य मंडल के सदस्य शामिल हैं| यह सरकार की उत्पादकता संवर्धन योजनाओं को भी कार्यान्वित करता है और टोक्यो स्थित एशियाई उत्पादकता संगठन (एपीओ) के कार्यक्रमों को भी कार्यान्वित करता है, जो एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसका भारत संस्थापक सदस्य है| जिसके तहत कुछ प्रमुख बिंदुओं की तरफ ध्यान दिया जाना है । दिन -प्रतिदिन जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और अनुमान है की 2050 तक ये 10 अरब तक पहुँच जाएगी। ऐसे में प्राकतिक संसाधनों के साथ , साफ पानी, ईधन आदि की आपूर्ति होना असंभव है । बढ़ती जनसंख्या के साथ बढ़ती हुए बेरोजगारी की समस्या को कैसे हल किया जाएगा । राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह आयोजन इस सप्ताह का आयोजन पूरे देश में किया जाता है ।
नेशनल प्रोडक्टिविटी सप्ताह 2022 थीम
“उत्पादकता के माध्यम से आत्मनिर्भरता” (“Self Reliance Through Productivity”)
12 से 18 फरवरी 2022 को राष्ट्रीय प्रोडक्टिविटी सप्ताह उपरोक्त थीम पर मनाया जाएगा| आत्मनिर्भरता एक राष्ट्र, उसके लोगों या किसी भी व्यक्ति के लिए एक विकासात्मक क्वालिटी है| इसका सीधा सा अर्थ है, स्वयं के जीवन-निर्वाह और आर्थिक प्रगति के लिए पूरी तरह से सुसज्जित और कार्यात्मक होना| उत्पादकता उस दर को दर्शाती है जिस पर एक कंपनी या देश माल बनाता है| आमतौर पर इसे वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए लगाए गए संसाधनों की मात्रा के संबंध में आंका जाता है| आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए उत्पादकता के महत्व को समझते हुए नेशनल प्रोडक्टिविटी कॉउन्सिल इस साल राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह “उत्पादकता के माध्यम से आत्मनिर्भरता” थीम पर मना रहा है| उत्पादकता में सुधार आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है|
* 2021 के लिए इसका विषय/थीम Udyog Manthan for Productivity रखा गया है।
* 2020 : Zero Waste Goal – शून्य अपशिष्ट लक्ष्य
* 2019 : Circular Economy for Productivity & Sustainability – उत्पादकता और स्थिरता के लिए परिपत्र अर्थव्यवस्था।
* 2018 : Industry 4.0 Leapfrog Opportunity for India – भारत के लिए उद्योग 4.0 लीपफ्रॉग अवसर।
* 2017 : From Waste to Profits-through Reduce, Recycle and Reuse – अपशिष्ट से लाभ के माध्यम से-कम करें, रीसायकल और पुन: उपयोग करें
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
* राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद के महानिदेशक: अरुण कुमार झा.
* भारतीय राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की स्थापना: 1958.
* भारतीय राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का मुख्यालय: नई दिल्ली.
* इस सप्ताह के दौरान निबंध, भाषण, पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है ।
* इस प्रतियोगिताओं का मुख्य उद्देश्य उत्पादकों की तरफ जागरूकता बढ़ाना होता है।
* देश के महान विशेषज्ञ देश से जुड़ी आर्थिक चुनौतियों, उसके लाभ और उसके परिणाम के संबंध में इस समारोह के दौरान विशेष चर्चा करेंगे । इस प्रकार की चर्चाओं का आयोजन देश भर में किया जाएगा ।
* राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह राष्ट्रीय उत्पादक परिषद भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का महत्वपूर्ण संगठन है जो मुख्य रूप से उत्पादकता आंदोलन को बढ़ावा देने का काम करता है ।
* उत्पादकता बढ़ाने के लिए समाधान देना, प्रतियोगिता, लाभ बढ़ाना, अच्छी गूढ़वत्ता को सुनिश्चित करना इस सभी के लिए NPC काम करता है ।
* देश में नई दिल्ली के अलावा 23 स्थानीय उत्पादकता परिषद (Local productivity council) है जो इसके लिए काम करती है।
* प्रमुख राज्यों की राजधानियों या औधयोगिक क्षेत्र में कार्यरत NPC के कोलकाता, चेन्नई, गुवाहाटी, भुवनेश्वर और चंडीगढ़ सहित 13 स्थानीय कार्यशालाएँ है जहाँ राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह का आयोजन किया जाता है।
औद्योगिक क्रांतियां
पहली : औद्योगिक क्रांति पानी और भाप की शक्ति के कारण हुई, जिसने मानव श्रम को यांत्रिकी निर्माण में परिवर्तित किया।
दूसरी : औद्योगिक क्रांति विद्युत शक्ति के कारण हुई, जिससे बड़े स्तर पर उत्पादन संभव हो सका।
तीसरी : औद्यगिकी क्रांति से इलैक्ट्रोनिक और सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा स्वचालित निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
चौथी : इस औद्योगिक क्रांति का दौर जारी है। इसमें स्वचालित करण और निर्माण प्रौद्योगिकी में आंकड़ों का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
“मैं उस डिजिटल इंडिया का सपना देखता हूं जहां किसी भी सूचना तक पहुँचने में कोई बाधा नहीं हो”-नरेंद्र मोदी