कुम्हारी। नगर पालिका परिषद कुम्हारी में पांचवा चुनाव इस वर्ष के नवंबर या दिसंबर माह में होना संभावित है। इस बार सरकार द्वारा किए गए आरक्षण की प्रक्रिया में कुम्हारी पालिका के अध्यक्ष का पद अनारक्षित के खाते में गया है। इससे यह तो स्पष्ट है कि इस बार का चुनाव सभी वर्गों के लिए फ्र ीहैंड हो गया है। कोई भी व्यक्ति जो राजनैतिक परख रखते है। वह इस चुनावी मैदान में उतर सकते है। इस सत्र अनारक्षित की घोषणा के साथ ही कुम्हारी पालिका में दावेदारों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस पद के लिए अब सभी राजनैतिक दलों के साथ-साथ स्वतंत्र रूप से कई दावेदार उभरकर सामने आ रहे हैं। कुम्हारी नगर पालिका परिषद के लिए यह गठन के बाद से अब तक का पांचवा चुनाव है। इस बार भी यहां अध्यक्ष का पद पिछले दशकों की तरह अनारक्षित घोषित किए गए है। यहाँ पिछले दोनों चुनाव में स्वर्ण समुदाय से ही अध्यक्ष चुने गए है। देखा जाए तो यहां कांग्रेस 2 बार विजयी हुए। तो भाजपा को 1 बार जीत हासिल की है। वहीं 1 बार निर्दलीय प्रत्याशी पालिका अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं। दूसरी बार हुए पालिका चुनाव में कांग्रेस के बबला चंद्राकर ने भाजपा के योगेश साहू को हराया था। वही तीसरी पालिका चुनाव में भाजपा की महिला प्रत्याशी त्रिवेणी शर्मा की बड़ी जीत हुई। चौथी नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस फिर से वापसी करते हुए अपनी जीत सुनिश्चित की और कांग्रेस के स्वप्निल उपाध्याय शहर के अध्यक्ष बने। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के बागी भाजपा के टिकिट पर चुनाव लडऩे वाले बबला चंद्राकर को शिकस्त दी। हालांकि पार्टी का मानना है कि भाजपा की हार भितरघात त्रिकोणीय सघर्ष ने ले डूबी। अचानक से प्रकट हुए निश्चय वाजपेयी ने पूरे पालिका क्षेत्र में त्रिकोणीय सघर्ष कर खलबली मचा दी। इस सत्र पालिका अध्यक्ष अनारक्षित की घोषणा के साथ ही अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे के लिए भाजपा, कांग्रेस, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के साथ-साथ स्वतंत्र रूप से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी दखल रखने वाले चेहरे उभर कर सामने आ रहे हैं। राजनीतिक दलों का सवाल है तो कई ऐसे महिला और पुरुष कार्यकर्ता सक्रिय हैं जो काफी समय से राजनीति के उच्च पद पर पहुंचने की आशा रखते हैं। ऐसे ही चेहरों ने अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने शुरू कर दी है। सोशल मीडिया से लेकर कई माध्यमों में उनकी दावेदारी पेश की जा रही है वहीं नेताओं के चक्कर लगाने का काम भी इस कड़ी में प्रारंभ हो गया है। कुम्हारी पालिका मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र होने से और भी रोचित होगा वहीं यह क्षेत्र सांसद विजय बघेल का भी संसदीय हिस्सा है। इससे यह तो स्पष्ट है कि यहां का चुनाव महज क्षेत्रीय न होकर प्रदेश स्तर का हो गया है। और यह चुनाव मुख्यमंत्री और सांसद के दिशानिर्देश में होगा। यह तय है कि पार्टी में सक्रिय सम्बंध रखने वाले दावेदारों में से किसी एक को ही राजनैतिक दल अध्यक्ष पद के लिए अपने प्रत्याशी के रूप में जनता के सामने उतारने वाले है। कहा जा रहा है कि अध्यक्ष का पद अनारक्षित घोषित किया गया है इसलिए क्यों ना इस बार फिर सामान्य वर्ग से किसी व्यक्ति को इस पद के लिए चुनाव मैदान में उतारा जाए है। खबर है भी है कि पिछले दोनों चुनाव में स्वर्ण उम्मीदवार ही अध्यक्ष रहे। अब भाजपा और कांग्रेस दोनों इस सीट के लिए पिछड़ा वर्ग कार्ड खेल सकता है। हालांकि आला हाईकमान उच्च स्तर पर टिकट को लेकर जोड़-तोड़ के लिए काम किया जा रहा है। दोनों पार्टियों के द्वारा कोशिश यही कि जा रही है। कि जो वास्तव में पूरे सत्र भर पार्टी में सक्रिय एवं समाज से जुड़ कर कार्य किए हो उस व्यक्ति को प्रमुख राजनीतिक दल टिकट प्रदान करें ऐसा होने से उन्हें राजनैतिक नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा और उनके समाज का सम्मान भी बढ़ेगा। इस विषय को लेकर भाजपा कांग्रेस दोनों पार्टी ने अब तक कई बैठक भी आयोजित किए है। जानकार सूत्रों ने बताया कि इसमें काफी लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा करने के साथ इसे अंजाम तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया। इसके साथ-साथ अन्य समाजों ने भी अपनी सक्रियता इस चुनाव को लेकर बढ़ा दी है। कांग्रेस व भाजपा के प्रमुख दावेदार अध्यक्ष पद के लिए सर्वाधिक दावेदार सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की ओर से सामने आए है। जिनमें मुख्यमंत्री के करीबी पार्षद राजेश्वर सोनकर, ब्लाक अध्यक्ष जोगीराम साहू, पालिका लोकनिर्माण प्रभारी थानेश पटेल, वर्तमान अध्यक्ष स्वप्निल उपाध्याय, विधायक प्रतिनिधि शीश बंसल, शाला विकास समिति अध्यक्ष मनहरण यादव, तामेश्वर साहू प्रमुख है। पिछड़ा वर्ग कार्ड के तहत राजेश्वर सोनकर थानेश पटेल जोगी साहू अध्यक्ष के प्रमुख दावेदार है। उधर भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष के आधा दर्जन से ज्यादा दावेदारों के नाम उभरकर सामने आए है। इनमें पालिका उपाध्यक्ष लोकेश साहू, पूर्व उपाध्यक्ष महेश सोनकर नेता प्रतिपक्ष मिथलेश यादव पूर्व सोसायटी अध्यक्ष मनोज वर्मा पार्षद राजू निषाद, राकेश पाण्डे, हरिदास वैष्णव, शामिल है। हालांकि सोशल मीडिया के माध्यम से रामकुमार सोनी वेद कोसले राज शर्मा ने भाजपा से चुनाव लडऩे की दावेदारी की है। इनमें महेश सोनकर, राजू निषाद मनोज वर्मा, मिथलेश यादव को टिकिट मिलने की ज्यादा संभावना है। हालांकि दावेदारों की भाग्य का फैसला आला हाईकमान के हाथों में है जिनकी आधिकारिक पुष्टि नही हुई है।
पालिका अध्यक्ष बनने के लिए कई दावेदार लाईन में…..कांग्रेस, भाजपा खेल सकती है पिछड़ा वर्ग कार्ड
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