यदि कोई मसल्स बनाने के लिए कड़ी मेहनत करे, लेकिन फिर भी उसकी बॉडी नहीं बन पा रही हो तो कैसा लगेगा? आप सोच सकते हैं की इससे बुरी चीज़ और कुछ नहीं हो सकती.
बॉडी
ना बनने के कारण और वजह बहुत से होते हैं
आपसे अगर कोई सवाल करे कि लोग जिम क्यों जाते हैं? तो इसका सीधा-सा जवाब है बॉडी को मेंटेंन रखने के लिए। कभी-कभी जिम जाने के बावजूद आपकी बॉडी की शेप खराब हो सकती है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कुछ लोग जिम में ऐसी गलतियां करते हैं, जो धीरे-धीरे उनकी सेहत पर भारी पड़ती है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आपको भी एक छोटा सा ब्रेक लेकर इस बारे में गंभीरता से विचार जरूर करना चाहिए की आपकी बॉडी क्यों नहीं बन पा रही है। हम आपको जिम में की जाने वाली कुछ ऐसी आम और ख़ास गलतियों के बारे में बताएँगे जिन्हें आप खुद नहीं पकड़ पाते हैं. आप लगातार मेहनत तो करते हैं लेकिन उसका रिजल्ट आपको अच्छा नहीं मिल पाता तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे कॉमन और गलतियों के बारे में।
जिम का टाइम डिसाइड न होना
कुछ लोग कभी सुबह तो कभी शाम के समय जिम जाते हैं। इतना ही नहीं कभी मूड बना तो दोपहर में भी जिम चले जाते हैं। यदि कोई मजबूरी है तो कभी-कभी टाइम बदलना माना जा सकता है। यदि आपके पास सुबह जिम जाने का समय है तो इससे बेहतर कुछ नहीं। सुबह जिम का रूटीन बनाने और टाइम फिक्स करने पर आप रात में अपने सभी काम समय से पूरे कर लेते हैं। इससे आपके दिमाग में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की बात रिकॉर्ड हो जाती है।
प्रोपर वर्कआउट ड्रेस न होना
कई लोग जिम में कॉटन की शर्ट / टी-शर्ट और जींस पहनकर आ जाते हैं। जबकि यह तरीका गलत है। आपकी बॉडी न तो इन टाइट कपड़ों में कंफर्टेबल रहेगी और न ही हाथ-पैर स्ट्रेच हो पाएंगे। आप हेल्दी रहने के लिए जिम जाते हैं। इसलिए ऐसे कपड़े खरीदने से बचें जो आपके लिए नुकसानदेह हो। इसलिए पॉलिएस्टर या सेमी पॉलिएस्टर से बनी ड्रेस पहनकर ही वर्कआउट करें। शूज पहनना भी ध्यान रखें, वरना वर्कआउट करते समय पैर पर कुछ गिरने का डर बना रहेगा। जिससे आपका वर्कआउट से फोकस हट जाएगा।
गलत तरीके से स्ट्रेचिंग करना
स्ट्रेचिंग के भी कुछ रूल्स होते हैं। यदि आप उन्हें फॉलो नहीं करेंगे तो वर्कआउट के दौरान चोट लग सकती है। इसलिए वर्कआउट से पहले डायनेमिक स्ट्रेच और वर्कआउट के बाद स्टैटिक स्ट्रेच करें।
लेग स्विंग्, आर्म स्विंग्स, साइड बेंड्स , ट्रंक रोटिंग्स और हाई नीज को भी वार्म-अप में शामिल करें। कूल-डाउन के दौरान हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, स्टैंडिंग क्वाड स्ट्रेच, कॉफ स्ट्रेच, चेस्ट और शोल्डर ओपनिंग स्ट्रेच और कैट स्ट्रेच करना न भूलें।
सांस रोके रहन
हम वेट उठाने के दौरान कुछ देर के लिए अपनी गहरी सांस को रोक लेते हैं लेकिन हमारी यह आदत जिम में भारी पड़ सकती है। अगर आप जिम में ऐसा बार बार करेंगे, तो हो सकता है कि आपका ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाए, जिससे आप बेहोश भी हो सकते हैं। ऐसे में वेट उठाने के दौरान ब्रीदिंग पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। जब भी वेट उठाएं तो पहले सांस को छोड़ें इसके बाद वजन उठाने की पोजीशन में आएं और गहरी सांस लें। इससे आपका ब्लड प्रेशर सही रहेगा।
वजन उठाने की गलत टेक्निक
अगर आप ट्रेनर के बिना वेट उठाते हैं, तो इस बात को ध्याऔन में रखने की जरूरत है कि कहीं आप गलत तरीके से तो वेट नहीं उठा रहे या वजन उठाते समय आपका पोश्चगर सही तो है। ऐसे में आपको ट्रेनर की देख-रेख में भी वजन उठाना चाहिए। ही पोश्चआर और टेक्निक से आपके मसल्स भी जल्दी ग्रो करेंगे और इंजुरी की संभावना भी कम रहेगी।
मसल्स को ब्रेक नहीं देना चाहिए
आमतौर पर जिम इंस्ट्रक्टरर रोज अलग-अलग बॉडी मसल्सन के एक्ससरसाइज कराते हैं लेकिन कई बार जब हम अकेले जिम में वर्कआउट करते हैं, तो रोज एक ही एक्स रसाइज करते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। दरअसल, जब किसी मसल्स की ट्रेनिंग होती है, तो उसे रिकवर होने में 48 घंटे लगते हैं। ऐसे में उन्हें दो दिनों का ब्रेक देना जरूरी होता है। इस दौरान आप अलग बॉडी मसल्स् का एक्संरसाइज करें। हर दिन की एक्सलरसाइज और मसल्स् तय कर लें।
वर्कआउट और डाइट प्लान नहीं
बिना प्लानिंग से किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता। इसलिए यदि आप भी जिम बिना ब्लू प्रिंट बनाए जा रहे हैं तो आपको रिजल्ट नहीं मिलेगा। यदि आप वर्कआउट करते भी हैं तो ऐसे सेशन का अधिक महत्व नहीं रहता। इसलिए अपने ट्रेनर से वर्कआउट और डाइट प्लान डिजाइन कराएं, उसके बाद ही अपनी जर्नी स्टार्ट करें।
प्री-वर्कआउट मील न लेना
जिम जाने से पहले प्री-वर्कआउट मील लेना बहुत जरूरी होता है। यह जिम में आपको हैवी लिफ्टिंग के लिए एनर्जी देती है। यदि आप इसे स्किप कर देते हैं तो शरीर प्रॉपर तरीके से वर्कआउट नहीं कर पाता।ऐसे में शरीर मसल्स को बर्न करके आपको एनर्जी देने लगता है, जो कि आपको कमजोर बनाता है। इसलिए हमेशा प्री-वर्कआउट मील लें और बीच-बीच में पानी पीते रहें।
अपनी तुलना दूसरों से करते हैं
हर किसी की बॉडी एक जैसी नहीं होती। सबके हार्मोन्स, जेनेटिक्स, रिकवरी रेट, मसल्स ग्रोथ रेट अलग-अलग होता है। यदि आप किसी की फिजीक देखकर खुद को उससे कंपेयर करते हैं तो यह गलत हो सकता है। ऐसा करने से आप डिमोटिवेट होंगे और वर्कआउट में मन नहीं लगेगा। इसलिए हमेशा खुद से ही अपनी तुलना करें कि आपने एक महीने में खुद को कितना बदल लिया।
नोटिफिकेशन स्नूज करना भूल जाते हैं
जिम में कुछ लोग मोबाइल लेकर जाते हैं। इतना ही नहीं वे मैसेज आने पर वर्कआउट छोड़कर तुरंत मोबाइल देखने लगते हैं। ऐसा करने से आपका फोकस वर्कआउट से हट जाता है। जिससे आपका सेशन बर्बाद हो जाता है। इसका कारण है कि एक नोटिफिकेशन देखने पर आप बाकी मैसेज भी चेक करेंगे और फिर उनका जवाब देंगे। ऐसे में काफी समय खराब होता है, इस दौरान आपकी बॉडी ठंडी होने लगती है।कुछ लोग जिम में सेल्फी लेते रहते हैं, ये आदत भी वर्कआउट डिस्ट्रैक्शन का कारण बनती है।