भिलाई।दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया भिलाई और महिला प्रकोष्ठ के संयुक्त संचालन मे पूज्य भंते डा.जीवक के वर्षावास का 71 वां दिन याचना वंदना और धम्म देशना के साथ बुद्ध विहार सेक्टर 6 भिलाई मे संपन्न हुआ।बौद्ध धम्म को एक वैज्ञानिक धम्म और अनुसंधान बताते हुए भंते जीवक ने कहा कि एक सच्ची बौद्ध उपासिका गर्भ धारण के दौरान अपने गर्भस्थ शिशु को धम्म का ज्ञान दे सकती है, जैसे माता पिता के विचार व संस्कार होते है वैसे ही जन्म लेने वाला शिशु भी विचारवान और संस्कारवान होता है। भंतेजी द्वारा पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष भारती खांडेकर ने कहा कि एक माँ के भीतर सभी धम्म समाहित होते है, ममता स्नेह, वात्सल्य और करुणा सभी धम्मो के प्रमुख अंश और अंग होते है। एक पुरूष के जन्म और धम्म के निर्माण व विकास मे नारी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वर्षावास काल मे धम्म देशना के दौरान भारती खांडेकर, गीताकिरण श्यामकुवर, नीतू डोंगरे, वंदना बौद्ध, बबीता नागवंशी, संगीता खोब्रागड़े, सरोज बौद्ध, सुजाता रामटेके, माया सोमकुवर, अनिल मेश्राम, ठाणेन्द्र कामडे, गौतम खोब्रागड़े, खरेन्द्र मेश्राम, योगेश सहारे सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
सच्ची उपासिका गर्भ मे भी बच्चे को दे सकती है धम्म ज्ञान – भंते जीवक,,,,माॅ के भीतर सारे धम्म समाहित होते है भारती खांडेकर

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