भिलाई । सफाई ठेका एजेंसी नेचरग्रीन के खिलाफ अब तक आधा दर्जन शिकायत हो चुकी है। दो जांच कमेटी बन चुकी है। मामला अब राज्यपाल के संज्ञान में चला गया। वहां से श्रमविभाग को पत्र लिखा गया है। बीते अक्टूबर 2020 से गाजियबाद की सफाई ठेका एजेंसी नेचरग्रीन का मामला विवादों में चल रहा है। इस कंपनी को सफाई ठेका दिए जाने से लेकर निविदा के समय भी खासा विवाद हुआ था। सामान्य सभा में हुए हंगामे को दरकिनार कर नेचरग्रीन को सफाई का काम दे दिया गया था। इस कंपनी को भिलाई निगम द्वारा प्रतिमाह एक करोड़ 90 लाख रुपये का भुगतान किया जाता है। इस मामले की भिलाई निगम के निवृतमान नेता प्रतिपक्ष रिकेश सेन ने श्रम विभाग के सचिव अमृत खलको, जिला कलेक्टर डा.सर्वेश्रवर नरेंद्र भुरे तथा भिलाई निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे से की थी। छत्तीसगढ़ शासन श्रमविभाग के सचिव अमृत खलको ने रिकेश सेन के माध्यम से मामले की जानकारी मिलते ही जांच कमेटी गठित कर दी थी। उन्होंने जांच अधिकारी के तौर पर उप सचिव अशुतोष पाण्डेय को नियुक्त किया हैैै। दूसरी जांच कमेटी भिलाई निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने बनाई है। उन्होंने जांच कमेटी में अधीक्षण अभियंता यूके धलेंद्र, उपायुक्त नरेंद्र बंजारे तथा लेखा अधिकारी जितेंद्र ठाकुर को सौंपा है। तीनों ने जांच भी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि सप्ताह भर के भीतर जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट भी सौंप देगी। सफाई ठेका एजेंसी के खिलाफ निविदा में गड़बडी, बिना लेबर लाइसेंस तथा श्रम विभाग के दस्तावेज के बेगैर निविदा संचालित करने तथा कामगारों के इएसआईइसी नंबर में गड़बड़ी का गंभीर आरोप लगाया गया है।
राज्यपाल तक पहुंचा सफाई ठेका का मामला,,,, सचिव ने कार्रवाई के लिए जारी किया पत्र जांच कमेटी ने भी शुरू कर दी जांच, सप्ताह भर बाद सौंपेगे रिपोर्ट
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