औषधीय पौधों का आज आयुर्वेदिक और सिद्ध दवाओं में बहुत उपयोग किया जाता है. वे हानिरहित हैं और इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. वे घर पर आसानी से उगाए जा सकते हैं।
आयुर्वेद में ऐसे कई पौधे बताए गए हैं जिनकी पत्तियों और जड़ों से कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। इनमें से कुछ पौधों को घर के गार्डन में उगा सकते हैं। इन्हें लगाना भी आसान है और अधिक देखभाल की जरूरत भी नहीं होती। अपने बगीचे में ऐसे पौधे भी लगाएं जो आपको रोगों से बचाएं।
हम बात करने जा रहे हैं उन औषधीय पौधों के बारे में जिन्हें हम अपने घर पर भी लगा सकते हैं. इन औषधीय पौधों का आज आयुर्वेदिक और सिद्ध दवाओं में बहुत उपयोग किया जाता है. वे हानिरहित हैं और इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. वे घर पर आसानी से उगाए जा सकते हैं. इन पौधों को हमारी दादी-नानी द्वारा सरल बीमारियों के इलाज के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि वैसे तो आप सरल घरेलू उपचार के लिए इन पौधों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन अगर आपको कोई गंभीर बीमारी या समस्या है, तो ऐसी स्थिति में घरेलू उपचार करने के बजाय डॉक्टर से सलाह लेना ही बेहतर रहेगा. तो आइए जानते हैं, वे कौन से औषधीय पौधे हैं, जिनको अपने घर पर आप आसानी से लगा सकते हैं और जो आपके स्वास्थ्य के लिए भी हर तरह से लाभदायक हैं….
ब्राह्मी : दिमाग तेज करती है और बच्चों में एकाग्रता बढ़ाती है
कैसे लगाएं : इसका पौधा जमीन पर फैलकर बड़ा होता है, यह आसानी से किसी भी मिट्टी में लग जाता है।
कैसे मिलेगा फायदा : इसकी 4-5 पत्तियों को सुबह खाली पेट चबाकर, पानी पिएं। रस निकालकर भी ले सकते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए सर्दी में पत्तियों के रस को काली मिर्च के साथ लें।
फायदे : ब्राह्मी दिमाग के लिए अधिक फायदेमंद है। बच्चों में एकाग्रता की कमी और बड़ी उम्र में भूलने की बीमारी में इसकी पत्तियों को चबाकर खाते हैं तो फायदा होता है।
गिलोय : डेंगू-चिकनगुनिया के मरीजों के लिए फायदेमंद
कैसे लगाएं : गिलोय बेल है.जो कटिंग से हर तरह की मिट्टी में लग जाती है।
कैसे मिलेगा फायदा : गिलोय बेल की डालियां कूटकर पानी में उबालकर पी सकते हैं। जिन्हें डायबिटीज नहीं है, वे इसमें थोड़ा शहद डालकर भी पी सकते हैं।
फायदे : गिलोय रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाली औषधि है। ऐसे लोग जिन्हें बार-बार जुकाम होता है, उनके लिए फायदेमंद है। सांस के रोग, आर्थराइटिस, डेंगू या चिकनगुनिया, मधुमेह में फायदा मिलता है।
कालमेघ : यह कैंसर और संक्रमण से बचाता है
कैसे लगाएं : यह आसानी से बीज या कटिंग से गमले या क्यारी में लग जाता है।
कैसे मिलेगा फायदा : बुखार और खराश होने पर इसकी पत्तियों की चाय या जूस बनाकर पी सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि यह नीम से सौ गुना अधिक कड़वा होता है, इसलिए इसे ‘किंग ऑफ बिटर’ के नाम से भी जानते हैं।
फायदे : यह संक्रमण, बैक्टीरिया, कैंसर और सूजन से बचाता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी यह फायदेमंद है। इसीलिए इसको कोविड-19 संक्रमण से लड़ने में मददगार भी कहा जा रहा है। दवाइयों में इसके प्रयोग भी किए जा रहे हैं। यह हैजा, दमा, ज्वर, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, खांसी, गले में छाले और पाइल्स में फायदेमंद है।
पिप्पली : यह हृदय रोगियों और पेट की समस्याओं में फायदेमंद
कैसे लगाएं : पिप्पली का पौधा कटिंग या बीज रोप करके लगा सकते हैं।
कैसे मिलेगा फायदा : पिप्पली को लॉन्ग पेपर भी कहते हैं। इसमें लम्बे फल लगते हैं, जिनका चूर्ण बनाकर सेवन किया जाता है। उसी तरह जड़ को सुखाकर भी इसका चूर्ण लिया जा सकता है।
फायदे : यह दिल के रोगों में फायदेमंद है। इसके फल के एक ग्राम चूर्ण को शहद के साथ खाली पेट लेने पर दिल के रोगों में राहत मिलती है। इसी तरह पेट के रोगों के लिए भी यह चूर्ण फायदेमंद है।
अश्वगंधा : खांसी और अस्थमा में राहत देता है, इम्युनिटी बढ़ाता है
कैसे लगाएं : इसका पौधा बीज की मदद से गमले या क्यारी में लगाया जाता है।
कैसे मिलेगा फायदा : इसकी जड़ों का पाउडर खांसी और अस्थमा से राहत दिलाता है। पत्तियों की चाय बनाकर पी सकते हैं। दूध में एक चम्मच अश्वगंधा की जड़ का पाउडर मिलाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
फायदे : अश्वगंधा शरीर की काम करने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके पत्तों को रेग्युलर खाते हैं और प्राणायाम करते हैं तो मोटापा कम किया जा सकता है।
तुलसी : जीवाणुरोधी और एंटीबायोटिक गुण से भरपूर
कैसे लगाएं : इसका पौधा बीज की मदद से गमले या क्यारी में लगाया जाता है।
कैसे मिलेगा फायदा : तुलसी को हिंदुओं द्वारा एक पवित्र पौधा माना जाता है. इसलिए, इसे पवित्र तुलसी के रूप में भी जाना जाता है. यह अपने हीलिंग गुणों के कारण जड़ी बूटियों के रूप में मूल्यवान है. तुलसी का सेवन कच्चे रूप में किया जा सकता है या हर्बल चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है.
तुलसी की चार किस्में हैं, जिन्हें राम तुलसी, वाना तुलसी, कृष्णा तुलसी और कर्पूर तुलसी कहा जाता है. कर्पूर तुलसी का उपयोग ज्यादातर बाहरी उद्देश्यों के लिए किया जाता है. कर्पूर तुलसी के तेल का उपयोग कान में इंफेक्शन के लिए किया जाता है. तुलसी में बहुत मजबूत कीटाणुनाशक, फफूंदनाशक, जीवाणुरोधी और एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो बुखार, आम सर्दी और श्वसन संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए अच्छे होते हैं.
फायदे : राम तुलसी के पत्ते तीव्र श्वसन सिंड्रोम के लिए एक असरदार उपाय के रूप में काम करते हैं. इसके पत्तों का रस सर्दी, बुखार, ब्रोंकाइटिस और खांसी से राहत देता है. मलेरिया को ठीक करने में भी तुलसी बहुत कारगर है. यह अपच, सिरदर्द, हिस्टीरिया, अनिद्रा और हैजा को ठीक करने में बहुत असरदार है. तुलसी की ताजी पत्तियों का सेवन हर दिन लाखों लोग करते हैं।
वन तुलसी : सिरदर्द, गले की खराश और बुखार में फायदा करती है
कैसे लगाएं : इसको बीज या कलम से बड़े गमले में लगा सकते हैं लेकिन क्यारी में बेहतर उगती है।
कैसे मिलेगा फायदा : इसकी पत्तियों से मसाला चाय बना सकते हैं। चाय बनाते वक्त इसकी कुछ पत्तियां साथ में डालने से चाय भी कड़क बनेगी। रसोई में मौजूद मसालों की तरह वन तुलसी का उपयोग कर सकते हैं। इसकी दो-तीन पत्तियां मसालों के साथ पीसकर उपयोग कर सकते हैं।
फायदे : वन तुलसी की पत्तियां इन्फ्लुएंजा के इलाज, सिरदर्द, गले की खराश, खांसी और बुखार में फायदा पहुंचाती हैं।
लेमनग्रास : इसकी चाय पिएं, संक्रमण से बचे रहेंगे
कैसे लगाएं : इसे नींबूघास भी कहते हैं। इसे छोटे गमले या क्यारी में लगा सकते हैं।
कैसे मिलेगा फायदा: इसकी पत्तियां लेमन टी बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्म पानी में अजवाइन और लेमनग्रास की कुछ पत्तियां डालकर उबाल लें। इसे दो मिनट तक रखें और फिर हल्दी डालकर अच्छी तरह से मिलाकर पिएं।
फायदे: इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और बैक्टीरिया को खत्म करने वाली खूबियां हैं जो कई प्रकार के इंफेक्शन से बचाता है। इस घास में विटामिन-ए और सी, फोलेट, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और मैगनीज़ होते हैं।
मेथी : लिवर कैंसर को दूर करने की क्षमता
कैसे लगाएं : इसके बीज की क्यारी में लगाया जाते है।
कैसे मिलेगा फायदा : मेथी के बीज और पत्ते दोनों ही अत्यधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं. इसे एक बेहतरीन बॉडी कूलेंट माना जाता है. इन्हें किसी भी पर्यावरणीय परिस्थितियों में बर्तनों में आसानी से उगाया जा सकता है. कई लोग बॉडी बिल्डिंग और वजन बढ़ाने के लिए इसका सेवन करते हैं।
फायदे : मेथी में लिवर कैंसर को दूर करने की क्षमता होती है. यह पाचन में सहायक होता है. स्तनपान कराने के लिए नई माताओं द्वारा इसका सेवन किया जा सकता है. यह दर्दनाक माहवारी और प्रसव पीड़ा के दौरान भी बहुत मददगार है. मेथी पेट और आंतों की सूजन और अल्सर का इलाज कर सकती है और रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम कर सकती है. सांसों की बदबू को दूर करने के लिए भी यह एक बेहतरीन उपाय है. यह घर पर उगाया जाने वाला एक आवश्यक औषधीय पौधा है।
एलोवेरा : प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर है
कैसे लगाएं : इसके पौधे को गमले या क्यारी में लगाया जाते है।
कैसे मिलेगा फायदा : एलोवेरा एक अद्भुत पौधा है. यह कहीं भी बड़ी आसानी से उग जाता है. इसे बढ़ने के लिए अच्छी धूप की जरूरत होती है. घर में इस पौधे को उगाना जरूरी है. इस पौधे को घर पर रखने से आपको मच्छरों से छुटकारा मिल सकता है. एलोवेरा का उपयोग बाहरी इस्तेमाल के लिए किया जा सकता है और साथ ही आंतरिक रूप से भी इसका सेवन किया जा सकता है. यह एक बढ़िया हाइड्रेटिंग एजेंट है।
फायदे : एलोवेरा एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है, जो प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर है, जो शरीर में मुक्त कणों से निपटने में मदद करते हैं. अगर आपके पास कमजोर इम्यून सिस्टम है, तो आप रोजाना एलोवेरा का रस पी सकते हैं और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली फिट रहेगी. यह कटे, घाव और जलने के कारण संक्रमण के खतरे को ठीक कर सकता है. यह आसानी से सूजन को कम कर सकता है. यह आपकी त्वचा और बालों के लिए बहुत अच्छा है. एलोवेरा जूस पीने से आप पाचन समस्याओं, खराब भूख, पुरानी कब्ज और अल्सरेटिव कोलाइटिस से छुटकारा पा सकते हैं.
पुदीना : दुनिया की सबसे पुरानी दवाओं में से एक माना जाता है
कैसे लगाएं : इसके बीज या पौधे को गमले व क्यारी में लगाया जा सकता है
कैसे मिलेगा फायदा : पुदीना को दुनिया की सबसे पुरानी दवाओं में से एक माना जाता है और यह आसानी से सभी पर्यावरणीय परिस्थितियों में छोटे बर्तनों में भी उग जाता है. पुदीना प्राकृतिक रूप से मैंगनीज, विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होता है।
फायदे : पुदीना की पत्तियों को मांसपेशियों को आराम देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह एक अद्भुत माउथ फ्रेशनर है. इसमें पेट फूलना, पेट खराब होना, बुखार, स्पास्टिक कोलोन और चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम का इलाज करने की क्षमता है. यह बैक्टीरिया को बढ़ने से भी रोकता है।
नीम : उत्कृष्ट एंटीसेप्टिक गुण से भरपूर
कैसे लगाएं : अगर आपके पास नीम के पेड़ को उगाने के लिए जगह नहीं है, तो आप इसे गमले में भी उगा सकते हैं।
कैसे मिलेगा फायदा : नीम एक बहुत पुराना औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग युगों से किया जा रहा है. यह वास्तव में एक पेड़ के रूप में बढ़ता है; लेकिन घर पर रखा जाने वाला एक बहुत ही आवश्यक पौधा है. अगर आपके पास नीम के पेड़ को उगाने के लिए जगह नहीं है, तो आप इसे गमले में भी उगा सकते हैं और इसे छोटा रख सकते हैं।
फायदे : नीम में उत्कृष्ट एंटीसेप्टिक गुण हैं और इसका उपयोग बाहरी इस्तेमाल के लिए किया जा सकता है. नीम के पिसे पत्ते आंतरिक रूप से एक अद्भुत डी-वर्मिंग एजेंट के रूप में कार्य करते हैं और यह उपाय बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए बहुत सुरक्षित है।