भिलाईनगर11 सितंबर। पश्चिम ओडिशा मूल के स्थानीय नागरिकों ने आज छत्तीसगढ़ प्रांत में नवाखाई का त्यौहार मनाया। धान की नए फसल के अन्न से बने प्रसाद को आस्था और सम्मान के साथ ग्रहण कर एक दूसरे को बधाई दी। इससे पहले ईष्ट देवी देवताओं व भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी एवं पितरों की पूजा अर्चना कर पारम्परिक पकवानों के साथ नए अन्न का भोग लगाया गया। इस पर्व को लेकर उत्कल बस्तियों में उल्लास का माहौल देखते बना।इस पर्व को मनाने के लिए दीवाली की तर्ज पर घर की साफ सफाई की गई. वहीं नए कपड़े पहनने की परम्परा का निर्वहन भी किया गया। भिलाई दुर्ग के उत्कल समाज की बहुलता वाले इलाके में आज एक अलग ही तरह की रौनक बनी रही। यह रौनक नवाखाई पर्व को लेकर रही। नवाखाई उत्कल समाज खासकर पश्चिम ओडिशा के निवासियों का महान पर्व है। नई फसल आने की खुशी और उस फसल से उत्पन्न अन्न को सबसे पहले अपने ईष्ट देवी देवता और परिवार के दिवंगत आत्माओं को समर्पित करने की परम्परा को निभाने की भावना आज पश्चिम ओडिशा मूल के स्थानीय परिवारों में साफ नजर आई। देवी देवता व पितरों को पीठा व खीर सहित नए अन्न से बने प्रसाद अर्पित कर पूजा अर्चना के साथ परिवार में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की गई। पूजा संपन्न होने के बाद घर के सबसे वरिष्ठ सदस्य के हाथ से नए अन्न का प्रसाद ग्रहण किया गया। दुर्ग, भिलाई, खुर्सीपार, जामुल, मरोदा, रुआंबांधा, जोरातराई, पुरैना, भिलाई-3, आहिवारा, चरोदा, जी. केबिन, देवबलोदा, कुम्हारी आदि जगहों पर उत्कल समाज के लोगों ने हर्षोल्लास के साथ नवाखाई पर्व मनाया और अपने से बड़ो का आशीर्वाद प्राप्त किया। अखिल भारतीय उड़िया समाज के अध्यक्ष केदारनाथ महानंद ने समाज के सभी लोगों को नवाखाई पर्व पर बधाई देते हुए खुशहाली की कामना किया है।
नई फसल के अन्न का प्रसाद खाकर मनाया नवाखाई,,,,,, ईष्ट देवी – देवताओं के साथ पितरों को लगाया भोग,,,,,उत्कल बस्तियों में दिखा पर्व को लेकर उल्लास
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