भिलाई। ऐक्टू मोदी सरकार द्वारा संसद में जनरल इंशोरेंस व्यवसाय राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक 2021 को पारित करने की कड़ी निंदा और विरोध किया है। यह सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के राष्ट्रीयकरण के खात्मे का और पूर्ण निजीकरण/विनिवेश का मार्ग प्रशस्त करता है । जो आम जनता और कर्मचारियों के हितों और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को खतरे में डालेगा।विधेयक को राज्य सभा में 11 अगस्त (पहले ही 2 अगस्त को लोकसभा में पारित कर दिया गया था) को सरकार द्वारा तानाशाह तरीके से जबरन पारित किया गया है। संसद में विपक्ष और बाहर श्रमिकों और कर्मचारियों के निरंतर विरोध को उदंडतापूर्वक दरकिनार करते हुए, यहां तक कि सेलेक्ट कमेटी को विधेयक भेजने की विपक्ष की मांग को भी खारिज कर दिया गया। इस प्रकरण ने एक बार फिर मोदी सरकार की आतुरता को दिखाया है, कॉरपोरेटों के लालच की सेवा करने में, और इस प्रमुख वित्तीय संस्थान को कॉरपोरेटों को सौंपकर, भारत में कॉर्पोरेट-कंपनी राज स्थापित करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है, देश की आजादी के 74 साल पूरे होने और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के 50 साल पूरे होने के अवसर पर बीमा विधेयक 2021 के पारित होने के खिलाफ ऐक्टू बीमा क्षेत्र के कर्मचारियों के आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। मोदी सरकार के निजीकरण अभियान के खिलाफ एक शक्तिशाली एकजुट श्रमिक प्रतिरोध का आह्वान करता है। उक्त बातें राज्य महासचिव बृजेंद्र तिवारी ने बताई।
मोदी सरकार के निजीकरण के खिलाफ एक्टू,,,, लाभ के सरकारी उपक्रम को बेचना ही इनका मुख्य काम : तिवारी
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