इन दिनों पूरे विश्व में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता और मान्यता बढ़ती जा रही है। दुनिया के कई देशों में ऑनलाइन खरीदारी में क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल किया जाता है, बता दें कि इसके लिए बैंक या फिर दूसरे वित्तीय संस्थान की जरूरत नहीं होती है। हर कोई जल्दी से जल्दी अमीर बनना चाहता है. लेकिन आज के दौर में युवाओं में अमीर बनने का कुछ ज्यादा क्रेज है. कुछ युवा जल्दी अमीर बनने के लिए शॉर्टकट रास्ते पर चल पड़ते हैं, और जोखिम को नजरअंदाज कर देते हैं. दरअसल, पिछले कुछ महीनों में युवाओं में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर क्रेज बढ़ा है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, आज कल हर व्यक्ति इसके बारे में बात करता है क्योंकी आज इस तकनीक के ज़माने में हर व्यक्ति वक्त के साथ चलना चाहता है और अंगे बढ़ना चाहता है। देश-दुनिया के किसी भी व्यक्ति, संस्था तथा देश को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए और आपसी लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एक मुद्रा (करेंसी) की जरूरत होती है ताकि उसका उपयोग वह सुचारू रूप से कर सके। इसलिए, प्रत्येक देश की अपनी अलग-अलग मुद्रा होती है, जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर आदि। दरअसल, यह भौतिक करेंसी होती हैं जिसे आप देख सकते हैं, छू सकते हैं और नियमानुसार किसी भी स्थान या देश में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन क्रिप्टो करेंसी इससे अलग होती है जो एक डिजिटल करेंसी है। इसे आप न तो देख सकते हैं, न छू सकते हैं, क्योंकि भौतिक रूप में क्रिप्टो करेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता। इसलिए इसे आभासी मुद्रा कहा जाता है। यह पिछले कुछ सालों में ऐसी करेंसी काफी प्रचलित हुई है।
आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी?
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह ही इस मुद्रा का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।
सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। प्रारम्भ में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। देखा जाए तो 2009 से लेकर वर्तमान समय तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं, जो पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती है।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है?
जैसा की हमने आपको बताया कि यह एक डिजिटल सिस्टम होता है जिसके माध्यम से आपको इसमें किसी कागज की जरूरत नहीं पड़ती है. यह सिर्फ आपके कंप्यूटर से इंटरनेट के माध्यम से ही किसी के पेमेंट करना हो या किसी को पैसे ट्रांसफर करने हो तो आप इसके माध्यम से कर सकते हैं।क्रिप्टोकरेंसी को अगर आप ध्यान से देखें तो उसमें दो चीजे होते हैं जिसमें एक चीज होती है Currency और एक Encryption, जिसमें का मतलब होता है सुरक्षित पैसा. इसमें पैसा एक जगह से दूसरी जगह पर बिना किसी दुसरे User, एजेंसी, सरकार को बताये बिना कर सकते है।
क्रिप्टो करेंसी का लेनदेन पीयर टू पीयर तकनीक के इस्तेमाल से होता है इसका मतलब कि एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर सीधे क्रिप्टो करेंसी का ट्रांसफर करना। क्रिप्टो करेंसी लोगों के पास एक ब्लॉकचेन की तरह भेजा जाता है और यह ठीक वैसे ही काम करता है जिस प्रकार बैंक अपने सभी लेन-देन का हिसाब रखता है ठीक उसी प्रकार क्रिप्टो करेंसी भी लेन-देन के सभी ट्रांजैक्शन का हिसाब रखते हैं। दुनिया भर में हजारों बिटकॉइन माइनर बिटकॉइन के लेनदेन के ट्रांजैक्शन पर अपनी कड़ी नजर रखते हैं और इनके ट्रांजैक्शन के मैथमेटिक्स को समझाते हैं ऐसे लोगों को बिटकॉइन का माइनर कहा जाता है और इन्हीं की बदौलत बिटकॉइन आज के समय में सबसे ज्यादा सुरक्षित करेंसी है। बिटकॉइन की माइनिंग करने वाले लोग एक तरह से बैंक के कलर की तरह होते हैं जिस तरह बैंक के क्लर्क बैंक खाते से होने वाले ट्रांजैक्शन का कैलकुलेशन करते हैं ठीक उसी प्रकार बिटकॉइन की माइनिंग करने वाले लोग कोर्ट की भाषा में बिटकॉइन की ट्रांजैक्शन का कैलकुलेशन करते हैं ऐसे एक सफल ट्रांजैक्शन करने पर बिटकॉइन की माइनिंग करने वाले व्यक्ति को 12.5 बिटकॉइन दिया जाता है।
क्या क्रिप्टो करेंसी भारत में लीगल है ?
क्रिप्टो करेंसी भारत में लीगल है या नहीं यह सवाल हर एक व्यक्ति के मन में है तो इस सवाल का जवाब यह है कि क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी करेंसी है जो कि डिसेंट्रलाइज डिजिटल करेंसी है। इस करेंसी पर किसी भी देश की किसी भी सरकार का कोई भी नियंत्रण नहीं है इस कारण से इसे भारत की सरकार नेे ना तो बैन किया है और ना ही वह आपको इसे खरीदने से रोकती है। इसलिए अगर आप चाहें तो कोई भी क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं लेकिन आपके अपने रिस्क पर, भारत सरकार का कहना है कि यह एक ऐसी करेंसी है जिस पर किसी भी सरकार का कोई काबू नहीं है। तो अगर आप ऐसी करेंसी में निवेश करते हैं और अगर आपको कोई नुकसान होता है तो इसकी जवाबदारी उनकी नहीं होगी तो अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो आप अपनी समझ और अपनी इच्छा अनुसार कर सकते हैं।
कैसे ख़रीदे क्रिप्टो करेंसी
आज के समय में क्रिप्टो करेंसी खरीदना बहुत ही आसान है अगर आप क्रिप्टो करेंसी खरीदना चाहते हैं तो आपको क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप बिटकॉइन लाइट कॉइन पीरकॉइन को यूनी कॉइन जेबपे बीटी एक्स इंडिया नाम की वेबसाइट पर से खरीद सकते हैं इन वेबसाइट पर आपको सभी प्रकार की क्रिप्टो करेंसी मिल जाएंगी। जिन्हें आप अपने पैसों की मदद से खरीद सकते हैं जिसके लिए आप क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
क्रिप्टो करेंसी बहुप्रचलित करेंसी कौन-कौन सी हैं?
आज के समय में मार्केट में कई प्रकार की क्रिप्टो करेंसी आए हैं लेकिन उनमें से कुछ ही चुनिंदा ऐसी करेंसी आए हैं जो आज के समय में काफी प्रचलित हैं और अच्छा परफॉर्मेंस भी कर रहे हैं तो हम नीचे उन्हीं क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानेंगे।
1. बिटकॉइन:-
बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी में बनने वाली सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी है जिससे 2009 में संतोषी नाका मोटो नाम के व्यक्ति ने बनाया था। यह करेंसी एक डिसेंट्रलाइज करेंसी है जिसका उपयोग आप ऑनलाइन कर सकते है क्योंकि बिटकॉइन पर किसी भी देश की कोई भी सरकार का कोई भी काबू नहीं। बिटकॉइन के अलावा भी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग आजकल अधिक हो रहा है, जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो। आइए, अब इनके बारे में कुछ अहम बातें जानते हैं:-
2. रेड कॉइन:- बिटकॉइन के अलावा भी अन्य कई क्रिप्टो करेंसी हैं जिनका उपयोग विशेष अवसरों पर किया जा सकता है जिसमें से एक है “रेड कॉइन”। इसका उपयोग लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।
3. सिया कॉइन:- सिया कॉइन को एस सी से अंकित किया जाता है। यह कॉइन अच्छी ग्रोथ कर रही है। इस कॉइन की कीमत और भी अधिक बढ़ सकती है।
4. एसवाईएस कॉइन (सिस्कोइन):- यह क्रांतिकारी क्रिप्टो करेंसी है जो जीरो लागत के वित्तीय लेनदेन और अविश्वसनीय गति के साथ प्रदान करता है। व्यापार संपत्ति डिजिटल प्रमाणपत्र डाटा को सुरक्षित रूप से व्यापार करने के लिए बुनियादी ढांचे को व्यवसाय प्रदान करता है। सिस्कोइन ब्लॉकचेन पर कार्य करता है जो बिटकॉइन का ही एक हिस्सा है।
5. वॉइस कॉइन:- यह उभरते हुये संगीतकारों के लिए तैयार किया गया एक ऐसा मंच है जहां गायक अपने संगीत का स्वयं मूल्य निर्धारण कर सकते हैं। वे मुफ्त में संगीत का सैंपल ट्रैक प्रदान कर सकते हैं। साथ ही, मंच पर संगीत उत्साही और उपयोगकर्ताओं से समर्थन भी प्राप्त कर सकते हैं। इस मंच का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र कलाकारों का मुद्रीकरण करना है।
6. मोनेरो:- यह भी एक प्रकार की क्रिप्टो करेंसी है जिसमें विशेष प्रकार की सिक्योरिटी का उपयोग किया जाता है। इसे रिंग सिग्नेचर नाम से जाना जाता है। इसका उपयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में बहुत अधिक होता है। इसकी सहायता से स्मगलिंग की जाती है। इस करेंसी से कालाबाजारी आसानी से की जा सकती है।
7. लाइटकॉइन:- लाइट कॉइन भी एक क्रिप्टो करेंसी है जोकि बिटकॉइन की तरह ही एक डिसेंट्रलाइज क्रिप्टो करेंसी है जिस पर किसी भी देश की सरकार का कोई काबू नहीं है। इसे गूगल के एंप्लोई रह चुके चार्ली ली नाम के व्यक्ति ने सन 2011 में बनाया था। बिटकॉइन को सफल बनाने में भी इन्होंने योगदान दिया था जिसके बाद इन्होंने लाइट कॉइन का निर्माण किया लाइटकॉइन बिटकॉइन से ज्यादा फास्ट काम करता है और यही कारण है कि लाइट कॉइन भी बिटकॉइन की तरह लोगों के बीच काफी प्रचलित है।
8. पीरकॉइन:- पीरकॉइन भी एक डिसेंट्रलाइज क्रिप्टो करेंसी है इस पर भी किसी भी सरकार का कोई काबू नहीं है एवं पीरकॉइन हुबहू बिटकॉइन की तरह ही काम करता है एवं इसकी जो टेक्नोलॉजी है वह भी क्रिप्टो करेंसी से काफी मिलती जुलती है इस कारण से इसके ट्रांजैक्शन की जो इंक्रिप्शन है वह भी बिटकॉइन से मिलती जुलती है और यही कारण है कि पीरकॉइन को भी लोग बिटकॉइन की तरह ही पसंद करते हैं।
9. एठेरयूम:- एथेरम बिटकॉइन के बाद सबसे ज्यादा प्रसिद्धि पाने वाला एक क्रिप्टो करेंसी है यह क्रिप्टो करेंसी दसेंट्रलिइज ब्लॉकचेन की टेक्नोलॉजी पर बनी हुई एक क्रिप्टो करेंसी है। एथेरम क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के बाद इस कदर प्रसिद्ध हुई है कि आज के समय में लोग बिटकॉइन से ज्यादा इथेरम करेंसी का उपयोग करना पसंद करते हैं।
10. डौगीकॉइन:-डोगीकॉइन क्रिप्टो करेंसी बनने के पीछे एक बहुत ही रोचक कहानियां है। जिस समय पर बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी की की दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध था और उसका नाम सबसे ज्यादा चल रहा था उस समय बिल्ली मरकुस नाम के व्यक्ति ने डोगी कॉइन नाम का एक करेंसी बनाया उनका मकसद पहले बिटकॉइन का मजाक बनाना था लेकिन डोगी कॉइन को इनकी प्रसिद्धि को देखते हुए डोगी कॉइन को एक क्रिप्टो करेंसी बना दिया गया जिसमें लाइटकॉइन की तरह इंक्रिप्शन की टेक्निक का उपयोग किया गया है और आज के समय में डोगी कॉइन बिटकॉइन की तरह ही उपयोग किया जाता है
क्रिप्टो करेंसी की ग्रोथ कैसी है?
यदि हम क्रिप्टो करेंसी की ग्रोथ के बारे में बात करें तो इसमें इन्वेस्टमेंट करना काफी फायदे का सौदा होता है। आज मार्केट में लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी मौजूद है और इन सभी कॉइन्स की कीमत लॉन्चिंग के समय ना के बराबर थी। हालांकि कुछ ही सालों में इनकी कीमत 1000 डॉलर तक भी पहुंच गई है। अब आप बिटकॉइन को ही ले लीजिए। जब बिटकॉइन लांच हुआ था तब दुनिया भर में रोजाना 1 करोड़ डॉलर की ट्रांजैक्शन होती थी लेकिन आज के समय में बिटकॉइन की 1 हफ्ते में 1 ट्रिलियन डॉलर की ट्रांजैक्शन की जा रही है जबकि पूरी दुनिया में फिजिकल करेंसी की हफ्ते भर की ट्रांजैक्शन लगभग 70 ट्रिलियन डॉलर की हो जाती है। 1 डॉलर की कीमत से शुरू हुआ बिटकॉइन आज 1200 डॉलर की कीमत तक पहुंच चुका है। अतः आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी की भविष्य में क्या ग्रोथ हो सकती है।
क्रिप्टो करेंसी से क्या-क्या लाभ हैं?
हमें पता है कि किसी भी वस्तु के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। इसलिए हम यहां सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी के लाभ के बारे में बताते हैं। फिर भी, आमतौर पर हम कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के लाभ अधिक हैं और घाटा कम। पहला, क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसमें धोखाधड़ी की उम्मीद बहुत कम होती है। दूसरा, अधिक पैसा होने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। लिहाजा, निवेश के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। तीसरा, अधिकतर क्रिप्टो करेंसी के वॉलेट उपलब्ध हैं जिसके चलते ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन-देन सरल हो चुका है। चौथा, क्रिप्टो करेंसी को कोई अथॉरिटी कंट्रोल नहीं करती जिसके चलते नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा खतरा किसी के सामने नहीं आता। पांचवां, कई देश ऐसे हैं जहां कैपिटल कंट्रोल नहीं है। मतलब कि यह बात तय ही नहीं है कि देश से बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना मंगवाया जा सकता है। लिहाजा, क्रिप्टो करेंसी खरीद कर उसे देश के बाहर आसानी से भेजी जा सकती है और फिर उसे पैसे में रूपांतरित किया जा सकता है। छठा, क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होता है जो अपना धन छुपाकर रखना चाहते हैं। इसलिए क्रिप्टो करेंसी पैसे छुपाकर रखने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। सातवां, क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से सुरक्षित है। बस आपको उसके लिए ऑथेंटिकेशन रखने की आवश्यकता होती है, क्योंकि ऐसी करेंसी ब्लॉकचेन पर आधारित है। लिहाजा, किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन करने के लिए पूरे ब्लॉकचेन को माइन करना पड़ता है।
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या-क्या हैं?
पहला, क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, क्योंकि इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता। मतलब कि ना तो इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही कोई बैंक अकाउंट या पासबुक जारी की जा सकती है। दूसरा, इसको कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा गिरावट, जिसकी वजह से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना जोखिम भरा सौदा है। तीसरा, इसका उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार की खरीद-फरोख्त, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही किया जाता है। लिहाजा, यह काफी खतरनाक भी हो सकता है। चौथा, इसको हैक करने का भी खतरा बना रहता है। यह बात दीगर है कि ब्लॉकचेन को हैक करना उतना आसान नहीं है क्योंकि इसमें सुरक्षा के पूरे इंतजाम होते हैं। बावजूद इसके, इस करेंसी का कोई मालिक न होने के कारण हैकिंग होने से मना भी नहीं किया जा सकता है। पांचवां, इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजैक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं जिससे आपको घाटा होता है।
क्या क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कानूनन वैध है या अवैध?
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्रिप्टो करेंसी का उपयोग करना कानूनी रूप से सही है अथवा नहीं! दरअसल, यह फैसला आपकी इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रहकर इसका उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि कुछ देशों में अभी भी क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मान्यता नहीं मिली है जिसमें भारत भी एक है। यही नहीं, कुछ देशों ने इसे ग्रे जोन में रखा है। कहने का तातपर्य यह कि वहां ना तो इसे औपचारिक तौर पर बैन किया गया है और ना ही इसके प्रयोग की मान्यता दी गई है। निर्विवाद रूप से क्रिप्टो करेंसी में अच्छी ग्रोथ के चलते भारतीय नागरिकों का रुझान भी इसकी तरफ देखने को मिल रहा है। इसलिए उम्मीद की जाती है कि भारत सरकार भी भविष्य में कोई सकारात्मक पहल करेगी।
क्यों डूब सकता है क्रिप्टोकरेंसी में लगा आपका पैसा
1- भारी उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बहुत जोखिम भरा है क्योंकि इस वर्चुअल करेंसी में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा है. रेगुलेशन न होने से इसमें बहुत ज्यादा उठापटक देखने को मिलती है.
2- न ये कमोडिटी है न ही करेंसी
पुराने जमाने में सोने-चांदी जैसी धातुओं के सिक्के चलते थे. इसके बाद सरकार द्वारा या आरबीआई की ओर से चलाए गए सिक्के आए. इन्हें फिएट करेंसी बोला जाता था. जबकि बिटकॉइन अब तक न करेंसी की कैटेगरी में न ही कमोडिटी है.
3-अगर आप वर्चुअल करेंसी के बारे में नहीं जानते तो इससे दूर रहें
दुनियाभर के कई बड़े बैंकों और जानकारों ने इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से दूर रहने की सलाह दी है. उनकी नजर में बिटकॉइन का बुलबुला कभी भी फूट सकता है. दुनिया के बड़े बैंकों में से एक जेपी मॉर्गेन के सीईओ जैमी डिमॉन का तो यहां तक कहना है कि यह छुईमई के पौधे से भी ज्यादा संवेदनशील है.
4- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं
बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रण करने के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया . इसके अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है.
5- कानून की नजर से कितनी सही है क्रिप्टोकरेंसी
भारत में जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं उनके लिए सबसे बड़ी रुकावट है कि इसको लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने इसे न कानूनी घोषित किया है न ही गैरकानूनी. आरबीआई ने 2013 में एक प्रेस रिलीज के जरिये कहा था कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें. इसी साल फरवरी 2017 में बैंक ने फिर रिलीज जारी कर कहा कि आरबीआई ने किसी बैंक या संस्था को बिटकॉइन में कारोबार के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है.
6- पोंजी स्कीम का रैकेट
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ ऑपरेशनल खतरे ही नहीं बल्कि इसमें दूसरे जोखिम भी हैं. ठगी के लिए पोंजी स्कीम लॉन्च की जा रही हैं. ये निवेशकों से गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहे हैं. आईएफआईएम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैकिंग के प्रोफेसर एवं चेयरमैन राजेन्द्र के सिन्हा का कहना है कि कुछ कंपनियां कम समय में दोगुना रिटर्न के वादा कर रही हैं . निवेशकों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है.
7- गैर कानूनी धंधों में इस्तेमाल
सरकार के नियंत्रण से बाहर होने से आतंकवादी, माफिया और हैकर्स बिटकॉइन का इस्तेमाल गैर कानूनी धंधों में कर रहे हैं. इसमें लेनदेन में पहचान छुपी रहती है. इसलिए सरकार की पकड़ में ऐसे लोग नहीं आ पाते हैं. हैकर भी फिरौती के लिए बिटकॉइन को माध्यम बना रहे हैं. हाल ही रैनसममवेयर के हैकर ने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी।